आज के दिन 31 अक्टूबर 2008 को Satoshi Nakamoto नामक छद्म-लेखक द्वारा जारी किया गया Bitcoin का व्हाइट पेपर “A Peer-to-Peer Electronic Cash System” ने इस डिजिटल मुद्रा युग की नींव रखी।
17 वर्ष बाद यानी 2025 में, यह परियोजना न केवल जीवित है बल्कि एक बहु-ट्रिलियन-डॉलर की परिसंपत्ति में तब्दील हो चुकी है।
प्रारंभ और विचार
व्हाइट पेपर में Nakamoto ने बैंक और वित्तीय मध्यस्थों पर निर्भरता को कम करके एक भरोसे-रहित (trustless) इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा प्रणाली प्रस्तावित की थी। उन्होंने SHA-256 आधारित प्रूफ-ऑफ-वर्क (PoW) माइनिंग, सार्वजनिक लेज़र (ब्लॉकचेन) और विकेंद्रीकृत नेटवर्क जैसे स्तंभ पेश किए।
जनरल ब्लॉकचेन तकनीक का पहला ब्लॉक (जेनिसिस ब्लॉक) 3 जनवरी 2009 को माइन किया गया और इसने Bitcoin को तकनीकी रूप से सक्रिय किया।
आजतक का सफर
17 वर्षों में Bitcoin ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे। शुरुआती वर्षो में कीमत कुछ डॉलर थी, लेकिन अब यह वैश्विक वित्तीय परिसंपत्ति के रूप में उभरी है।
FXStreet की रिपोर्ट के अनुसार आज यह लगभग 2 खरब (ट्रिलियन) डॉलर के बाज़ार पूंजीकरण तक पहुँच चुकी है।
विशेष घटनाओं में शामिल हैं:
दो पिज़्ज़ा के बदले 10,000 BTC का पहला वाणिज्यिक लेन-दे 22 मई 2010 को हुआ था।
2017 में SegWit तकनीकी उन्नयन व इसके बाद विभिन्न हार्ड फोर्क्स।
2021 में $1 ट्रिलियन मापक पूंजी के पार जाना।
आज की प्रासंगिकता
Bitcoin का अस्तित्व अब सिर्फ तकनीकी प्रयोग नहीं रहा; यह अब संस्थागत निवेश, ट्रेजरी होल्डिंग और वैकल्पिक संपत्ति वर्ग में शामिल हो गया है। उदाहरण के तौर पर, बड़े संगठन और कॉर्पोरेट्स अब क्रिप्टो को अपने पोर्टफोलियो का हिस्सा बना रहे हैं।
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इसके साथ-साथ, इस 17-वर्षीय सफर ने यह संकेत भी दिए हैं कि डिजिटल मुद्राओं की चुनौतियाँ सीमित नहीं हैं - नियामक, सुरक्षा, एक्सचेंज-भित जोखिम आदि अब प्रासंगिक विषय बन चुके हैं।
चुनौतियाँ और आगे का मार्ग
जहाँ Bitcoin ने विकेंद्रीकरण व स्वतंत्र लेन-दे की दिशा दिखायी है, वहीं कुछ आलोचनाएं हैं कि यह पूरी तरह ‘विश्वास-रहित’ नहीं बल्कि सूक्ष्म केंद्रीकरण की ओर भी संकेत कर सकता है। उदाहरण के लिए, खनन शक्ति तथा बड़े पулы कुछ हद तक केंद्रीकृत हो चुके हैं।
आगे का मार्ग इस बात पर निर्भर करेगा कि Bitcoin किस तरह से उपयोग-केस (use case) के रूप में पनपेगा - क्या यह सिर्फ डिजिटल स्वर्ण ही रहेगा या चलन व भुगतान माध्यम के रूप में व्यापक रूप लेगा? साथ ही, अन्य क्रिप्टोकरेंसी, टोकनाइजेशन, ब्लॉकचेन-फाउंडेशन प्लेटफार्म्स के साथ उसकी भूमिका किस तरह बदलती है, यह देखने वाला विषय है।
निष्कर्ष
आज जब Bitcoin के व्हाइट पेपर को 17 वर्ष पूरे हो गए हैं, यह कहना अतिश्योक्ति ना होगा कि इसने क्रिप्टोकरेंसी उद्योग का मार्ग प्रशस्त किया है। प्रारंभ में एक छोटा प्रयोग दिखने वाला विचार आज एक वैश्विक आंदोलन का हिस्सा बन चुका है।
यदि अगले 17 वर्ष Bitcoin के लिए वैसे ही बदलाव, विस्तार और नवाचार लेकर आएं जैसे इसने पहले लाए हैं, तो क्रिप्टो-वित्तीय क्षेत्र का भविष्य और रोचक होगा।
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