अमेरिका की फिनटेक और ओपन बैंकिंग में बढ़त बनाए रखने के लिए एकजुट कदम उठाते हुए, जेमिनी, क्रैकेन, आंद्रेसेन होरोविट्ज़ (a16z) जैसी अग्रणी कंपनियों समेत 80 से अधिक क्रिप्टो और फिनटेक कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पत्र लिखा है। इसमें पारंपरिक बैंकों द्वारा ग्राहकों के डेटा के लिए कथित “अकाउंट एक्सेस” फीस लगाने की योजना को रोकने की मांग की गई है।

इन फीसों का लागू होना इस सितंबर से तय है, जिसे उपभोक्ता विकल्प और प्रतिस्पर्धा पर सीधा हमला माना जा रहा है। फिनटेक नेताओं का कहना है कि ऐसी फीस से उपभोक्ताओं के लिए अपनी पसंद के इनोवेटिव उत्पादों से जुड़ना मुश्किल हो जाएगा, जिससे बजटिंग टूल, डिजिटल वॉलेट, एआई असिस्टेंट और क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म तक पहुंच कमज़ोर पड़ेगी।

पत्र के मुख्य तर्क

शीर्ष अधिकारियों ने बैंकों की योजना को “न्यायसंगत मूल्य निर्धारण का विवाद नहीं, बल्कि शक्ति केंद्रित करने की एक प्रतिस्पर्धा-विरोधी चाल” बताया है। उनका कहना है कि अतिरिक्त लागत डालकर यह कदम

नवोन्मेषी उत्पादों को पंगु बना सकता है और छोटे व्यवसायों व वित्तीय टूल्स को पूरी तरह बंद कर सकता है।

अधिकारियों ने ज़ोर देकर कहा कि उपभोक्ता की अनुमति से प्राप्त वित्तीय डेटा नवाचार के लिए बेहद ज़रूरी है। जिन स्टार्टअप्स के पास बड़े पूंजी भंडार नहीं होते, वे इन नई लागतों के प्रति खासतौर पर संवेदनशील होंगे, जिससे आम उपभोक्ताओं के लिए विकल्प और पहुंच दोनों घट जाएंगे।

फिनटेक, एआई और डिजिटल पेमेंट्स पर व्यापक असर

पत्र में इन फीसों को सिर्फ फिनटेक का मुद्दा नहीं, बल्कि व्यापक खतरे के रूप में पेश किया गया है, जैसे:

  • क्रिप्टोकरेन्सी: बैंकिंग डेटा की पहुंच डिजिटल एसेट सेवाओं और अकाउंट लिंकिंग के लिए आवश्यक है। फीस से नवाचार विदेश चला जा सकता है और अमेरिका की नेतृत्व क्षमता घट सकती है।

  • वित्त में कृत्रिम बुद्धिमत्ता: पर्सनलाइज्ड एआई टूल्स उपभोक्ता-प्रमाणित डेटा की सुरक्षित पहुंच पर निर्भर करते हैं। इसकी सीमा तय होने से शक्ति पारंपरिक संस्थानों में सिमट सकती है।

  • डिजिटल वॉलेट्स और पेमेंट्स: सहज डेटा एक्सेस कटने से आधुनिक और कम-लागत भुगतान प्रणालियों में ठहराव आ सकता है, जिससे उपभोक्ता और छोटे व्यवसायों की लागत बढ़ेगी।

हस्ताक्षरकर्ताओं का कहना है कि “अकाउंट एक्सेस और डेटा उपभोक्ता का अधिकार है” और उन्होंने व्हाइट हाउस से प्रतिस्पर्धा बचाने व डिजिटल वित्तीय नवाचार की गति बनाए रखने के लिए तुरंत कदम उठाने का आग्रह किया है।

बैंकिंग उद्योग का पलटवार

दूसरी ओर, जेपी मॉर्गन चेज़ जैसे संस्थान कहते हैं कि उन्होंने API के ज़रिए डेटा शेयरिंग के लिए सुरक्षित और महंगी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाई है, जिसके लिए उन्हें मुआवज़ा मिलना चाहिए।

जेपी मॉर्गन की प्रस्तावित फीस कुछ फिनटेक कंपनियों के वार्षिक राजस्व के 60% या उससे अधिक तक पहुँच सकती है। 

ऐसी राशि जो डेटा-निर्भर स्टार्टअप्स की जीवंतता को खतरे में डाल सकती है। बैंक का कहना है कि फीस से सुनिश्चित होगा कि डेटा अनुरोध वैध हों और उपभोक्ता की मंशा के अनुरूप हों, साथ ही यह उनके बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश को सही ठहराता है।

आलोचकों का तर्क है कि यह कदम अमेरिका की प्रतिस्पर्धी क्षमता को नुकसान पहुँचा सकता है, जबकि यूके और स्वीडन जैसे बाज़ारों में ओपन बैंकिंग प्रथाएं बड़े पैमाने पर निःशुल्क हैं।

आगे क्या?

अब ट्रम्प प्रशासन एक अहम मोड़ पर है। फिनटेक और क्रिप्टो नेता राष्ट्रपति से आग्रह कर रहे हैं कि वे अपने प्रो-बिजनेस रुख का लाभ उठाकर सितंबर से पहले दखल दें, ताकि ये फीस हकीकत न बनें और नवाचार की दिशा न बदले।

यदि प्रशासन ने यह अपील ठुकराई, तो इसके नतीजे फिनटेक क्षेत्र में गूंज सकते हैं — नवाचार की गति धीमी होकर वित्तीय शक्ति फिर से पुराने संस्थानों की तरफ झुक सकती है। वहीं, फीस रोकने से अमेरिका की डिजिटल फाइनेंस, ओपन बैंकिंग और एआई-आधारित सेवाओं में नेतृत्व क्षमता मज़बूत हो सकती है।

निष्कर्ष

यह पत्र एक उच्च-स्तरीय अपील है, जिसमें ओपन वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को बचाने की बात कही गई है, जहां उपभोक्ता अपने डेटा पर नियंत्रण रखते हैं। फिनटेक उद्यमी अब बारीकी से देख रहे हैं कि प्रशासन नवाचार का पक्ष लेता है या जमे हुए ढांचे का।