अमेरिकी न्याय विभाग (DoJ) ने हाल ही में Tai Chang नामक सचल कम्पाउंड से जुड़े डोमेन tickmilleas.com जब्त कर लिया है। यह वेबसाइट खुद को वैध क्रिप्टो निवेश/ट्रेडिंग प्लेटफार्म बताती थी, लेकिन वास्तविकता में यह धोखाधड़ी का हिस्सा थी।

इसके माध्यम से लोग अपनी पूँजी जमा करते थे और उन्हें फर्जी मुनाफे व “डिपॉज़िट्स” दिखाकर फँसाया जाता था, जबकि असल में उनका पैसा ठगों के पास चला जाता था। FBI की शिकायतों में कई ऐसे निवेशक सामने आए जिन्होंने पिछले महीने ही इस प्लेटफार्म पर निवेश किया था और अब उनका पैसा गायब है।

इस कार्रवाई के दौरान Google और Apple को भी सूचित किया गया था, जिसके बाद संबंधित गलत मोबाइल ऐप्स को हटाया गया। इसके अलावा सामाजिक मीडिया प्लेटफार्मों से 2000 से अधिक संदिग्ध खाते हटा लिए गए।

बढ़ते क्रिप्टो धोखों का प्रचलन

2024–2025 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रिप्टो फ्रॉड और निवेश धोखाधड़ी के मामलों में तेज़ी देखी गयी है। कई गैरकानूनी प्लेटफार्मों ने निवेशकों को आकर्षक लाभ का लालच देकर फंसाया है। उदाहरण के लिए, भारत में भी लोग नकली क्रिप्टो-वेबसाइटों और निवेश वादों के चकचौंध में आकर करोड़ों रुपये गंवा चुके हैं।

इस प्रकार के प्लेटफार्म अक्सर सोशल मीडिया, मैसेजिंग ऐप्स या डेटिंग ऐप्स के माध्यम से यूज़र्स को टैर्गेट करते हैं जहाँ उन्हें विशेष अवसर, तेजी से कमाई आदि का प्रलोभन दिया जाता है।

अगर निवेशक सतर्क न हों, तो वे आसानी से बड़े पैमाने पर लाभ के दावों पर भरोसा कर देते हैं, पर इसके पीछे अक्सर पोंज़ी या फ़िशिंग स्कीमें होती हैं।

इस कार्रवाई का महत्व

यह कार्रवाई इस बात की ओर इशारा है कि अमेरिकी व अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियाँ अब सक्रिय रूप से क्रिप्टो फ्रॉड के दायरे को सीमित करने की कोशिश कर रही हैं, खासकर उन नेटवर्क्स के खिलाफ जो दक्षिण पूर्व एशिया जैसे देशों से संचालित होते हैं।

नए बनाए गए Scam Center Strike Force जैसी इकाइयाँ यह सुनिश्चित कर रही हैं कि नेटवर्क आधारित अपराध, मनी लॉन्ड्रिंग और क्रिप्टो फ्रॉड के लिए प्रयुक्त “फ्रंट” प्लेटफार्मों को समय पर पहचान कर बंद किया जाए।

साथ ही, सोशल मीडिया कंपनियों व मोबाइल ऐप स्टोर्स के सहयोग से ये अवैध प्लेटफार्म हटाए जा रहे हैं, जिससे सीधे तौर पर फ्रॉड करने वाली पहुँच बाधित हो रही है।

भारत और निवेशकों के लिए क्या सबक

भारत में भी क्रिप्टो धोखों के जो मामले सामने आ रहे हैं, वे पूरी तरह असल हैं। निवेशकों को चाहिए कि वे तेज़ मुनाफा वादों वाले प्लेटफार्म से पहले उसकी पृष्ठभूमि, वैधता और कानूनी रजिस्ट्रेशन जांचें।

किसी भी तरह का निवेश करने से पहले, सावधान रहें। अनजान लिंक, अज्ञात ऐप या अनाम सोशल मीडिया प्रचार पर तुरंत भरोसा न करें। भारत में अभी क्रिप्टो नियमन पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन ऐसे धोखों से बचने के लिए स्वयं सतर्कता और जागरूक होना आवश्यक है।

निष्कर्ष

अमेरिकी न्याय विभाग व उसके सहयोगी एजेंसियों की इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि क्रिप्टो की दुनिया सिर्फ तकनीकी नवाचार या निवेश का माध्यम नहीं, बल्कि धोखाधड़ी और साइबर अपराध का एक औज़ार भी बन चुकी है।

फर्जी प्लेटफार्मों को बंद करना और उनकी नेटवर्किंग को तोड़ना ज़रूरी है पर निवेशकों को भी ज़रूरत से ज़्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है।

भारत समेत दुनिया भर में आम निवेशकों को समझदारी से काम लेना चाहिए। क्रिप्टो निवेश हो या किसी अन्य डिजिटल फाइनेंस, तेज़ मुनाफा का वादा अक्सर धोखा होता है। जानकारी, विवेक और सतर्कता ही ऐसे धोखों से बचने की सबसे बड़ी ढाल है।


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