अमेरिका में Bitcoin को लेकर चल रही सरकारी चर्चाओं ने एक नई दिशा ले ली है। प्रसिद्ध क्रिप्टो उद्यमी Mike Alfred के अनुसार, अमेरिकी सरकार अपने स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिजर्व की शुरुआत तभी करेगी जब उसे यह महसूस होगा कि अन्य देश इस क्षेत्र में उससे आगे निकलने लगे हैं।
मंगलवार को जारी एक पॉडकास्ट में अल्फ्रेड ने दावा किया कि अमेरिकी सरकार इस साल पहले घोषित किए गए अपने रणनीतिक रिजर्व में बिटकॉइन (BTC) जोड़ना शुरू कर सकती है, लेकिन यह तभी संभव होगा जब “बाहरी दबाव पर्याप्त मात्रा में बढ़ जाएगा।”
पहला कदम कब
अल्फ्रेड के शब्दों में, “जैसे ही अमेरिकी सरकार को लगेगा कि दूसरे देश उनसे पहले कार्रवाई कर रहे हैं, तो शायद यह भविष्य में और कदम उठाने का उत्प्रेरक बनेगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभी यह तय नहीं है कि अमेरिकी सरकार इस दिशा में पहला कदम कब उठाएगी।
यह बयान ऐसे समय आया है जब क्रिप्टो उद्योग के कई बड़े नाम अमेरिका पर दबाव डाल रहे हैं कि वह बिटकॉइन रिजर्व बनाने में तेजी दिखाए, अन्यथा वैश्विक प्रतिस्पर्धा में पीछे रह जाने का जोखिम है।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वर्षों में बिटकॉइन वैश्विक वित्तीय संरचना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, और ऐसे में अग्रणी राष्ट्रों के लिए रणनीतिक रिजर्व बनाना अनिवार्य हो सकता है।
2033 तक बिटकॉइन $10 लाख?
अल्फ्रेड का विश्वास है कि बिटकॉइन लंबे समय में अभूतपूर्व ऊंचाइयों को छूने वाला है। उनका अनुमान है कि 2033 तक बिटकॉइन $10 लाख (1 मिलियन डॉलर) प्रति कॉइन तक पहुंच सकता है।
दिलचस्प बात यह है कि यह अनुमान ARK इन्वेस्ट की सीईओ कैथी वुड और कॉइनबेस के सीईओ ब्रायन आर्मस्ट्रांग के 2030 तक बिटकॉइन के सात अंकों तक पहुंचने के अनुमानों की तुलना में कहीं अधिक संयमित है।
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प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निवेश
अल्फ्रेड का कहना है कि जब तक बिटकॉइन इन ऊंचाइयों को छूएगा, “लगभग हर सरकार बिटकॉइन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निवेश कर चुकी होगी और उसे अपने सामान्य स्ट्रैटेजिक रिजर्व में शामिल करेगी।”
बिटकॉइन को लेकर सरकारी रुख में इस बदलाव की झलक मार्च में देखने को मिली थी, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए।
इस आदेश में बजट-तटस्थ योजना के तहत एक स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिजर्व बनाने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, यह योजना अभी तक औपचारिक रूप से लागू नहीं की गई है।
क्या अमेरिका फ्रंट-रन होने के जोखिम में है?
सितंबर में, गैलेक्सी डिजिटल के विश्लेषक एलेक्स थॉर्न ने कहा था कि वर्ष 2025 के भीतर अमेरिका द्वारा औपचारिक रूप से बिटकॉइन रिजर्व बनाने की घोषणा करने की मजबूत संभावना है।
उनका मानना है कि बिटकॉइन अब सिर्फ निवेश का साधन नहीं, बल्कि एक वैश्विक स्ट्रैटेजिक एसेट के रूप में उभर रहा है जिसे विकसित राष्ट्र नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते।
अल्फ्रेड ने भी इसी चिंता को दोहराते हुए कहा कि,
ट्रम्प से पहले सरकार का बिटकॉइन को स्वीकार करना भी असंभव लगता था…हमने बहुत कम समय में काफी प्रगति की है।
दूसरी ओर, उद्योग से जुड़ी कुछ आवाज़ें अमेरिकी सरकार से और अधिक तेजी से कदम उठाने की अपील कर रही हैं।
जन3 के संस्थापक Samson Mow ने जून में चेतावनी दी थी कि यदि अमेरिका इस वर्ष बिटकॉइन खरीदना शुरू नहीं करता, तो पाकिस्तान जैसे देश उससे आगे निकल सकते हैं।
पाकिस्तान समेत कई उभरते राष्ट्र बिटकॉइन खरीदने की योजना बना रहे हैं, और इन देशों के संभावित कदम अमेरिका के लिए दबाव का कारण बन सकते हैं।
निष्कर्ष
अमेरिकी सरकार के बिटकॉइन रिजर्व पर कब और कैसे कदम उठाएगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन इतना निश्चित है कि वैश्विक स्तर पर बिटकॉइन की दौड़ तेज होती जा रही है।
यदि अल्फ्रेड और अन्य विशेषज्ञों के अनुमान सही साबित होते हैं, तो आने वाले दशक में बिटकॉइन न सिर्फ एक डिजिटल संपत्ति, बल्कि वैश्विक सामरिक शक्ति का नया पैमाना बन सकता है।
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि अमेरिका कब इस प्रतियोगिता में आगे बढ़ने का निर्णायक कदम उठाता है।
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