बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत में हालिया भारी गिरावट ने यह दिखा दिया है कि कैसे बिग-टेक कंपनियों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) क्षेत्र में जाग रही अनिश्चितता अब क्रिप्टो बाजार तक फैल रही है।
निवेशकों की चिंता एआई में बढ़ती खर्च और फेडरल रिज़र्व की नीतियों में बदलाव को लेकर है, जिससे बिटकॉइन जोखिम संपत्ति के रूप में दबाव में आ गया है।
टेक्नोलॉजी में बिकवाली का असर
बिकवाली का आरंभ NASDAQ इंडेक्स में 4% की इंट्राडे गिरावट के साथ हुआ, जबकि एनवीडिया जैसी कंपनियां अच्छी कमाई रिपोर्ट देने के बावजूद एआई इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बढ़ते खर्चों को लेकर निवेशकों की चिंताओं को शांत नहीं कर सकी।
निवेशकों ने डर जताया है कि ये हाई-गिरावट वाले एआई निवेश भविष्य में एक बुलबुले में बदल सकते हैं। इसके चलते बिटकॉइन भी दबाव में आ गया और इसकी कीमत अप्रैल के बाद पहली बार $86,000 के नीचे आ गई।
बिटकॉइन और NASDAQ का बढ़ता संबंध
असल में, बिटकॉइन की चाल अब टेक स्टॉक-इन्डेक्स के साथ काफी तालमेल खाती दिख रही है। बिटकॉइन और NASDAQ के बीच सहसंबंध लगभग 80% तक पहुंच गया है।
यह हाल के महीनों में सबसे अधिक स्तर है। यह संकेत देता है कि निवेशक अब बिटकॉइन को उसकी विकेंद्रीकृत प्रकृति या पूर्वानुमान योग्य मौद्रिक नीति के आधार पर नहीं देख रहे, बल्कि उसे एक जोखिम-युक्त प्रॉक्सी के रूप में देख रहे हैं जो टेक-सेक्टर की चाल के साथ चलती है।
माइक्रोइकॉनॉमिक दबाव और फेड की चिंताएं
वहीं, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के बीच फेडरल रिज़र्व की नीतियों को लेकर भी तनाव बढ़ा है।
सितंबर में गैर-कृषि नौकरियों में अप्रत्याशित वृद्धि ने यह चिंताएं बढ़ा दी हैं कि रिज़र्व अगले साल तक ब्याज दरें नहीं घटाएगा।
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निवेशक अब संभावित ब्याज दरों की कटौती की उम्मीदों को दोहरा रहे हैं, जिसने बिटकॉइन जैसी जोखिम संपत्तियों पर दबाव डाला है।
एआई केंद्रों पर खर्च और भविष्य की चिंताएँ
विश्लेषकों का कहना है कि एआई कंपनियों द्वारा डाटा सेंटरों में भारी पूंजी निवेश किया जा रहा है, जिसे वे बेहद जुआ के रूप में देखते हैं।
डब्ल्यूॉलमार्ट की उम्मीद से बेहतर कमाई के बावजूद, निवेशकों को डर है कि ये बड़े डाटा सेंटर के निर्माण बहुत समय बाद परीक्षण को झेल सकते हैं, क्योंकि उनकी आर्थिक व्यवहार्यता अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।
गिल लुरिया, जो DA Davidson में टेक्नोलॉजी रिसर्च हेड हैं, बताते हैं कि ये निवेश “स्पेक्युलेटिव” हैं और अगले दो-तीन साल में यह पता चल सकता है कि इनकी योज़नाएं कितनी मजबूती से काम कर पाती हैं।
निवेशकों की प्रतिक्रिया और भविष्य की उम्मीदें
ख़बरों में यह भी कहा गया है कि बिटकॉइन के व्यापारी अभी नकारात्मक नहीं हैं। कई लोग $90,000 से नीचे भी एंट्री पॉइंट्स की प्रतीक्षा कर रहे हैं क्योंकि व्यापक मैक्रोइकॉनॉमिक परिस्थितियाँ अभी अस्थिर बनी हुई हैं।
दूसरी ओर, अरबपति निवेशक रे डेलियो ने चेतावनी दी है कि भले ही “बुलबुला क्षेत्र” हो, लेकिन अभी कोई स्पष्ट ट्रिगर नहीं है जो किसी बड़े बाजार गिरावट को तुरंत जन्म दे।
उन्होंने इस प्रकार के समय में “कम उपलब्ध दुर्लभ संपत्तियों” जैसे गोल्ड में विविधीकरण करने की सलाह दी है।
कुछ क्रिप्टो ट्रेडर उम्मीद कर रहे हैं कि अमेरिका में बढ़ते वित्तीय दबाव और ट्रम्प की टैरिफ-फोकस्ड स्टिमुलस एजेंडा जुड़ी नीतियाँ बाजार में तरलता को बेहतर करने में मदद कर सकती है।
निष्कर्ष
बिटकॉइन की हालिया गिरावट यह याद दिलाती है कि क्रिप्टो आज केवल तकनीकी नवाचार नहीं है, बल्कि वैश्विक आर्थिक और वित्तीय जोखिमों के प्रति बेहद संवेदनशील एक संपत्ति बन चुका है।
बिग-टेक और एआई क्षेत्र में बढ़ती अनिश्चितता, साथ ही फेडरल रिज़र्व की ब्याज दरों को लेकर निवेशकों की बदलती उम्मीदों ने बिटकॉइन को मजबूरी में ट्रैक बदलने पर मजबूर कर दिया है।
हालांकि यह गिरावट चिंताजनक है, लेकिन कुछ विश्लेषकों के अनुसार यह “स्वस्थ समेकन” भी हो सकता है, जिससे भविष्य में तरलता बेहतर हो और नए निवेशकों के लिए प्रवेश के अवसर बन सकें।
यदि आप बिटकॉइन में निवेश करना चाहते हैं या पहले से ही निवेशक हैं, तो यह जरूरी है कि आप मार्केट की व्यापक पॉलिसी प्रवृत्तियों पर भी नज़र रखें। सिर्फ क्रिप्टो-तकनीक तक सीमित नहीं रहकर।
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