1990 के दशक में जब से GPS आम लोगों के लिए शुरू हुआ, हमारी घूमने-फिरने, नेविगेशन और दुनिया से जुड़ने की आदत ही बदल गई। जो कभी एक मिलिट्री टूल था, वह आज हमारी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन चुका है। खाने की डिलीवरी से लेकर सोशल मीडिया, टैक्सी बुक करने वाले ऐप्स और लॉजिस्टिक्स सिस्टम तक सब कुछ इससे चलता है।
लोकेशन बेस्ड सर्विस(LBS) की जो आसान सहूलियतें हमें मिलती हैं, उनका आधार एक ही बात पर है कि जो लोकेशन डेटा इस्तेमाल हो रहा है वह सही और भरोसेमंद है या नहीं? लेकिन पिछले एक दशक में इस भरोसे को भी खूब चुनौती मिली है।
जब से पोकेमोन जी ओ (Pokémon GO) का क्रेज शुरू हुआ, लोकेशन स्पूफिंग यानी जगह की सटीक जानकारी को लेकर धोखे का जोखिम आम बात हो गई है और शरारती लोगों के लिए इसे करना भी आसान हो गया है। ‘मॉक GPS’, VPN और प्रॉक्सी जैसे टूल्स से लोग अपनी लोकेशन आसानी से बदल सकते हैं। कई बार इसका मकसद भले ही मासूम लगता है लेकिन कोई रेयर पोकेमोन पकड़ना या डेटिंग ऐप्स पर ज़्यादा मैच पाने तो सही माना जा सकता है लेकिन इसके ज़रिए गलत फायदा उठाना भी बहुत आसान है।
फर्ज़ी लोकेशन डेटा का इस्तेमाल धोखाधड़ी, नियमों से बचने या किसी सर्विस को खराब करने के लिए आसानी से हो सकता है। उदाहरण के तौर पर डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स को ऐसा दिखाया जा सकता है कि कोई ड्राइवर पास में है, जबकि वह असल में दूर होता है। इससे डिलीवरी में देरी होती है, ग्राहक का भरोसा टूटता है और जो ‘स्पूफिंग’ कर रहे हैं उन्हें गलत तरीके से इसका फायदा मिलता है।
गेमिंग में स्पूफिंग की वजह से लोकेशन-बेस्ड कॉम्पिटिशन में गलत तरीके से बढ़त मिल जाती है। इससे भी ज़्यादा चिंता की बात यह है कि कुछ लोग फर्जी लोकेशन डेटा दिखाकर रेगुलेटेड इंडस्ट्रीज़ में यह साबित कर सकते हैं कि वे नियमों का पालन कर रहे हैं जबकि हकीकत कुछ और होती है, या फिर यह दिखाकर जियो-रिस्ट्रिक्टेड कंटेंट और सर्विस का एक्सेस पा सकते हैं।
इसे बढ़ती हुई कमजोरी कहें या जोखिम, से एक ज़रूरी ज़रूरत सामने आई है कि ऐसा कोई तरीका जिससे लोकेशन डेटा की असली और छेड़छाड़-रहित पुष्टि की जा सके। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी इस चुनौती का हल हो सकती है, क्योंकि यह लोकेशन प्रूफ को एक पारदर्शी, अडजस्ट-ना हो सकने वाली और डीसेंट्रलाइज्ड लेजर में तबदील कर सकती है। इससे ऐप्स किसी की फिजिकल मौजूदगी की पुष्टि सिर्फ भरोसे पर नहीं, बल्कि पक्के सबूत के तौर पर कर सकते हैं।
वेरीफिकेशन का नया तरीका
इसी जरूरत को देखते हुए, स्पेस टेलीकम्युनिकेशन्स इंक (Space Telecommunications Inc. - STI), जो Web3 प्रोजेक्ट स्पेसकॉइन (Spacecoin) के पर्दे पीछे की कंपनी है, ने एक ब्लॉकचेन बेस्ड प्रूफ ऑफ लोकेशन(PoL) सिस्टम तैयार किया है। इस पेटेंटेड सिस्टम को खासतौर पर पुरानी LBS यानी लोकेशन-बेस्ड सर्विसेज की कमजोरियों से बचने और जियोस्पेशियल डेटा को छेड़छाड़ मुक्त और डीसेंट्रलाइज्ड तरीके से वेरीफाई करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
STI (Space Telecommunications Inc) का यह सिस्टम GPS सिग्नल्स पर “ब्लाइंड ट्रस्ट” यानी आंख बंद करके भरोसा करने की जगह एक “डिस्ट्रीब्यूटेड वेरीफिकेशन” तरीका लाता है। यह सिर्फ एक डिवाइस की अपनी लोकेशन रिपोर्ट पर निर्भर नहीं करता, बल्कि इसमें अलग दूसरे की पोजिशन रेडियो फ्रीक्वेंसी(RF) नोड्स सिग्नल्स से मापते हैं।
STI ने इसे पिंग पांग (“PING-PONG”) तरीका कहा है, जहां हर नोड RF सिग्नल भेजता और प्राप्त करता है। यह मापता है कि सिग्नल को लौटने में कितना समय लगा। इससे “लाइटस्फियर्स” बनते हैं — यानी ऐसे गोलाकार दायरे जो किसी नोड से दूसरे नोड तक की अधिकतम दूरी बताते हैं। ये 3D बबल्स की तरह काम करते हैं, जो किसी नोड की संभावित लोकेशन को बिना सिंक्रोनाइज़ क्लॉक्स के दर्शाते हैं।
फिर ये नोड्स अपने नतीजे इको (“ECHO”) सिग्नल के ज़रिए शेयर करते हैं। सारे डेटा को मिलाकर नेटवर्क किसी नोड की असली लोकेशन को ‘ट्रायैंगुलेट’ यानी त्रिकोणाकार करता है। क्योंकि इसमें न सिंक्रनाइज़ क्लॉक्स की ज़रूरत है, न सेंट्रल सर्वर की, और सारे नतीजे ब्लॉकचेन में दर्ज होते हैं, इसलिए ये सिस्टम स्पूफिंग या छेड़छाड़ से बहुत हद तक सुरक्षित है।
इसके अलावा यह PoL यानी सिस्टम कस्टमाइज़ेबल है। यूज़र्स अपने हिसाब से वेरीफिकेशन की शर्तें तय कर सकते हैं, जैसे मूवमेंट की लिमिट तय करना या यह साबित करने के लिए किसी मोशन बेस्ड चैलेंज को पास करना होता है कि वे वहां मौजूद हैं। इससे डेवलपर्स को फ्लेक्सिबिलिटी मिलती है, लेकिन सिक्योरिटी बनी रहती है।
अलग-अलग इंडस्ट्रीज में इस्तेमाल
PoL सिस्टम कई अहम क्षेत्रों में काम आ सकता है। साइबरसिक्योरिटी में, यह एक्सेस कंट्रोल्स में एक जियोग्राफिक शर्त जोड़ सकता है, जिससे कोई भी संवेदनशील डेटा या सिस्टम सिर्फ खास लोकेशन से ही एक्सेस किया जा सके। फाइनेंस में किसी हाई वैल्यू ट्रांजैक्शंस की जांच के लिए एक्सट्रा सिक्योरिटी फैक्टर के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
लॉजिस्टिक्स कंपनियां इसका इस्तेमाल डिलीवरी हैंडओफ्स की पुष्टि करने या हाईवैल्यू सामान को असली समय में ट्रैक करने के लिए कर सकती हैं। इससे स्पलाई चेन में पूरी पारदर्शिता आ सकती है और लागत भी घट सकती है। इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT- Internet of Things) डिवाइसेज़ को भी इससे हार्डवेयर स्पूफिंग या दूर से कंट्रोल किए जाने से सुरक्षा मिल सकती है।
एक कनेक्टेड दुनिया की ओर
PoL सिस्टम को STI के प्रोजेक्ट Spacecoin में भी जोड़ा जाएगा। Spacecoin एक डीसेंट्रलाइज्ड फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क(DePIN) बना रहा है, जो दुनियाभर में, खासकर उन जगहों पर जहां इंटरनेट कमजोर या बिलकुल नहीं है, बिना परमिशन वाला इंटरनेट देगा।
इस मकसद के लिए कंपनी सैटेलाइट्स स्पेस में भेज रही है। पहला सैटेलाइट दिसंबर 2024 में लॉन्च हो चुका है। आप इसकी लाइव लोकेशन Spacecoin
की वेबसाइट पर देख सकते हैं। तीन और सैटेलाइट्स अक्टूबर 2025 में लॉन्च के लिए तैयार हैं।
जब तक अगली लॉन्चिंग की तैयारी चल रही है, तब तक एक एयरड्रॉप प्रोग्राम भी शुरू किया गया है। यह प्रोग्राम सबके लिए खुला है — चाहे किसी को क्रिप्टो का अनुभव हो या न हो। यह Spacecoin इकोसिस्टम से जुड़ने और इंटरनेट को सबके लिए सुलभ बनाने के मिशन में भागीदारी का मौका देता है।
जैसे-जैसे लोकेशन डेटा हमारी डिजिटल और फिजिकल दुनिया का अहम हिस्सा बनता जा रहा है, उसकी पक्की और छेड़छाड़-मुक्त पुष्टि अब कोई विकल्प नहीं बल्कि ज़रूरत बन चुकी है। PoL सिस्टम साबित करता है कि “मैं कह रहा हूँ मैं वहां था” की जगह “मैं वाकई वहां था” का पक्का सबूत भरोसेमंद है, उन सेक्टर्स के लिए यह एक असली समाधान है जो लोकेशन की सच्चाई, सुरक्षा, पारदर्शिता और कुशलता से सीधा जुड़ा है।
निष्कर्ष:
लोकेशन डेटा पर बढ़ती निर्भरता के इस दौर में, उसे छेड़छाड़ से सुरक्षित और भरोसेमंद बनाना बेहद जरूरी हो गया है। पारंपरिक GPS सिस्टम जहां स्पूफिंग और धोखाधड़ी के लिए असुरक्षित साबित हो रहे हैं, वहीं ब्लॉकचेन बेस्ड प्रूफ ऑफ लोकेशन तकनीक एक ठोस, पारदर्शी और डीसेंट्रलाइज्ड समाधान पेश करती है।
यह टेक्नालॉजी सिर्फ तकनीकी सुरक्षा नहीं देती, बल्कि लोकेशन पर आधारित भरोसे को भी नए सिरे से परिभाषित करती है, जिससे लॉजिस्टिक्स, फाइनेंस, साइबर सुरक्षा और इंटरनेट कनेक्टिविटी जैसी अहम सेवाओं में क्रांति लाई जा सकती है। जैसे-जैसे Spacecoin जैसी पहल आगे बढ़ेगी, यह टेक्नालॉजी एक सुरक्षित, निष्पक्ष और दुनिया को एक-दूसरे पर भरोसे की बुनियाद पर जोड़ेगी।