क्रिप्टो बाजार में तीन बड़ी खबरें छाई हुई हैं, जो बताती हैं कि सिर्फ तकनीक या कीमत नहीं बल्कि राजनीतिक-सांस्कृतिक एवं संस्थागत धाराएँ भी अब क्रिप्टो के भविष्य को आकार दे रही हैं।
पहला है बिटकॉइन समर्थक समुदाय द्वारा JPMorgan Chase & Co (JPMorgan) के खिलाफ कटु विरोध। दूसरा है Zcash बनाम बिटकॉइन की सियासी लड़ाई।
तीसरा है BlackRock जैसी बड़ी निवेश फर्म द्वारा यह स्वीकार करना कि बिटकॉइन आज का भुगतान नेटवर्क नहीं बल्कि एक “डिजिटल गोल्ड” के रूप में देखा जा रहा है।
बिटकॉइन समुदाय का JPMorgan के खिलाफ विरोध
सबसे पहले बिटकॉइन समुदाय ने JPMorgan के खिलाफ विरोध जताया है। इसके उपरांत एंटिटी MSCI Inc. के उन संकेतों पर चिंता है जिनमें क्रिप्टो ट्रेजरी कंपनियों को अपने इंडेक्स से बाहर किए जाने की बात सामने आई है।
बिटकॉइन समर्थक निवेशक और सार्वजनिक व्यक्तियों ने JPMorgan को क्रिप्टो विरोधी लेबल देते हुए इसके खिलाफ अभियान चलाया है।
इस कदम का डर यह भी है कि यदि ट्रेजरी-होल्डिंग कंपनियों को इंडेक्स से बाहर किया गया, तो उन्हें अपने क्रिप्टो एसेट्स बेचने पड़ सकते हैं, जिससे क्रिप्टो मार्केट पर दबाव बढ़ सकता है।
Zcash को लेकर बढ़ता विवाद
दूसरी बड़ी घटना है Zcash (ZEC) को लेकर बढ़ता विवाद। Eric Balchunas, एक वरिष्ठ ETF विश्लेषक, ने ताज़ा टिप्पणी की है कि Zcash को अब “तीसरे उम्मीदवार” की तरह देखा जा रहा है, जैसे कोई तीसरी पार्टी किसी चुनाव में वोट विभाजित कर दे।
उनका कहना है कि जब बिटकॉइन को अब राजनीतिक-सांस्कृतिक समर्थन मिल रहा है, ऐसे में Zcash का अचानक उभरना इस समर्थन को कमजोर कर सकता है।
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इसके विपक्ष में बिटकॉइन मैक्सिमलिस्ट्स का कहना है कि उन्होंने Zcash को गंभीरता से नहीं लिया। जैसे Samson Mow ने कहा कि “एक बिटकॉइन मैक्सिमलिस्ट को भी Zcash पर विचार नहीं आता”।
इस बहस का अर्थ सिर्फ तकनीकी प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि क्रिप्टो समुदाय की एकता, पहचान और भविष्य-दृष्टि भी है।
BlackRock की स्वीकारोक्ति
तीसरी अहम घटना है BlackRock की ओर से यह स्वीकारना कि अधिकांश संस्थागत निवेशक आज के समय में बिटकॉइन को एक भुगतान नेटवर्क के रूप में नहीं बल्कि ‘स्टोर-ऑफ-वैल्यू’ यानी डिजिटल गोल्ड के रूप में देख रहे हैं।
Robbie Mitchnick ने एक पॉडकास्ट में कहा है: “हम तथा हमारे अधिकांश क्लाइंट आज उस वैश्विक भुगतान नेटवर्क केस को अंडरराइट नहीं कर रहे हैं, वह एक आउट-ऑफ-द-मनी ऑप्शन वैल्यू है।”
उन्होंने यह भी कहा कि बिटकॉइन के व्यापक भुगतान उपयोग को संभव बनाने के लिए कई चीजों का होना बाकी है, जैसे स्केलिंग तकनीकें, लेयर-2 नेटवर्क्स।
उन्होंने कहा कि स्टेबलकॉइन ने भुगतान के क्षेत्र में “मजबूत उत्पाद-मिलान” दिखा दिया है और हम जल्द ही उन्हें रिमिटेंस, क्रॉस-बॉर्डर ट्रांसफर आदि में प्रमुख देखेंगे।
क्रिप्टो बाजार के लिए उभरते संकेत
इन तीन घटनाओं से कुछ अहम बातें निकलकर सामने आती हैं। क्रिप्टो सिर्फ तकनीक का खेल नहीं रहा, अब वह वित्त, राजनीति, संस्थागत निवेश और सांस्कृतिक समर्थन का मिश्रण बन गया है।
बिटकॉइन की भूमिका अब सिर्फ़ भुगतान माध्यम तक सीमित नहीं रहा बल्कि मूल्य भंडार के रूप में अधिक स्वीकार की जा रही है।
जब कोई नया प्रोजेक्ट जैसे Zcash तेजी से उभरता है, तो उसे सिर्फ मुनाफे की दृष्टि से नहीं बल्कि उसकी सामाजिक-सांस्कृतिक प्रभाव क्षमता से भी आंका जाना चाहिए।
बड़े निवेश फंड्स की धारणा बदल रही है। संभव है कि अगले चक्र में टिकाऊ वृद्धि वही करेगा जो तकनीक, सामाजिक स्वीकार्यता और संस्थागत समर्थन तीनों को संतुलित करे।
निष्कर्ष
आज की क्रिप्टो-दुनिया में तीन बड़ी दिशा परिवर्तन देखने को मिले: बिटकॉइन समर्थक् का बैंकिंग सिस्टम के खिलाफ उठना, Zcash के जरिए समर्थन का विभाजन और संस्थागत निवेशकों द्वारा बिटकॉइन को भुगतान माध्यम नहीं बल्कि मूल्य संग्रह के रूप में देखना।
अगले चरण में क्रिप्टो केवल कोड या कीमत का विषय नहीं होगा, बल्कि इसे प्रतिकूलरण की चुनौती का सामना करना है जहाँ तकनीक, समाज, निवेश और शासन एक साथ मिलकर तय करेंगे कि कौन सा एसेट जीतेगा और कौन पीछे रहेगा।
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