अक्टूबर की शुरुआत तक चमकते हुए क्रिप्टो मार्केट पर अब अंधेरे बादल छा गए हैं। कुछ ही हफ्तों में डिजिटल एसेट्स की दुनिया ने वह सब कुछ गंवा दिया जो 2025 की शुरुआत से अब तक जोड़ा गया था।

6 अक्टूबर को जब सभी प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन करीब 4.4 ट्रिलियन डॉलर के ऐतिहासिक स्तर पर पहुँचा था, तब निवेशकों में जोश और उम्मीद की लहर थी। लेकिन सिर्फ कुछ ही दिनों में हालात ऐसे बदले कि पूरा बाजार गिरावट की चपेट में आ गया।

कॉइनगेको के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, तब से अब तक लगभग 20% की गिरावट दर्ज की जा चुकी है, जिससे इस साल के अधिकांश लाभ मिट गए हैं। 2025 में अब यह एसेट क्लास महज 2.5% की बढ़त पर सिमटकर रह गया है, जो एक तरह से निवेशकों की निराशा का प्रतीक बन गया है।

लिक्विडेशंस से टूटा भरोसा

गिरावट की शुरुआत अचानक और झटकेदार थी। ऑल-टाइम हाई छूने के तुरंत बाद लगभग 19 बिलियन डॉलर के लेवरेज्ड पोजीशंस लिक्विडेट हो गए यानी निवेशकों को अपनी पोजीशन जबरन बेचनी पड़ी। इस घटना ने पूरे बाजार में भरोसे की नींव हिला दी।

नतीजतन, ट्रेडर्स अब आक्रामक दांव लगाने से बच रहे हैं। रिबाउंड की उम्मीदें कमजोर पड़ गई है और मार्केट में डर का माहौल बढ़ गया है।

यह सब उस समय हुआ जब क्रिप्टो सेक्टर 2025 में सामान्य तौर पर बुलिश ट्रेंड में था। दुनिया भर में नियामक स्पष्टता बढ़ रही थी और संस्थागत निवेशकों की दिलचस्पी भी लगातार मजबूत होती जा रही थी।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से देश को ग्लोबल क्रिप्टो हब बनाने की पहल ने कुछ महीनों पहले बिटकॉइन में 35% की रैली शुरू की थी। लेकिन अब वही बाजार ट्रंप के कार्यभार संभालने के समय से भी नीचे फिसल चुका है।

बिटकॉइन ने तोड़ा तकनीकी स्तर

दुनिया की सबसे बड़ी और पुरानी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन भी इस झंझावात से बच नहीं पाई। इस सप्ताह यह 9% तक गिर चुकी है जो मार्च के बाद इसका सबसे कमजोर प्रदर्शन है।

यह अपनी 200-दिन की मूविंग एवरेज से नीचे फिसल गई है, जो 2022 के बेयर मार्केट के बाद से लगातार एक मजबूत तकनीकी सपोर्ट के रूप में काम कर रही थी।

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लंदन में शुक्रवार दोपहर तक बिटकॉइन $100,000 के ठीक नीचे ट्रेड कर रहा था। ट्रेडर्स के अनुसार, यह स्तर निवेशकों के लिए मनोवैज्ञानिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण था। इसके टूटने से न सिर्फ बिटकॉइन, बल्कि पूरे क्रिप्टो मार्केट की धारणा पर नकारात्मक असर पड़ा है।

अल्टकॉइन्स की हालत सबसे खराब

हालिया गिरावट का सबसे बड़ा असर तथाकथित अल्टकॉइन्स यानि बिटकॉइन और ईथर के अलावा छोटे व अधिक अस्थिर टोकन्स पर देखा जा रहा है।

ये टोकन्स इस साल बिटकॉइन और ईथर की तुलना में कहीं ज्यादा तेजी से गिरे हैं। कई अल्टकॉइन्स तो अपने सालाना उच्च स्तर से 40% से अधिक नीचे आ चुके हैं।

ब्लूमबर्ग के मुताबिक, क्रिप्टो एक्सचेंज बीटीएसई (BTSE) के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर जेफ़ मेई ने डिजिटल एसेट्स में ताजा गिरावट का कारण एआई स्टॉक्स के ओवरवैल्यूड होने की बढ़ती चिंताओं को बताया है।

उनके अनुसार, “अगर टेक और एआई स्टॉक्स में बड़ा सुधार आता है तो बिटकॉइन आसानी से $100,000 से नीचे गिर सकता है और अल्टकॉइन्स की गिरावट और गहरी हो सकती है।”

राहत की छोटी किरणें

हालांकि, सबकुछ निराशाजनक नहीं है। छह लगातार दिनों की निकासी के बाद, अमेरिकी स्पॉट बिटकॉइन और ईथर ईटीएफ्स ने गुरुवार को करीब $253 मिलियन के इनफ्लोज़ दर्ज किए।

मार्केट विशेषज्ञ इसे थोड़ी सी राहत के संकेत के रूप में देख रहे हैं जबकि कुछ निवेशक अब इस गिरावट को खरीदारी का मौका मान रहे हैं।

फिर भी, अधिकांश विश्लेषक मानते हैं कि मार्केट को स्थिर होने में समय लगेगा।

तकनीकी स्तरों के टूटने, निवेशकों के घटते विश्वास और वैश्विक टेक मार्केट के अस्थिर रुझान ने फिलहाल क्रिप्टो सेक्टर को झकझोर कर रख दिया है।

निवेशकों के लिए संदेश

क्रिप्टो मार्केट अपनी अत्यधिक अस्थिरता के लिए जाना जाता है, लेकिन इस बार की गिरावट ने यह याद दिला दिया है कि उत्साह और भय के बीच की दूरी बहुत कम होती है।

जो निवेशक 2025 की शुरुआत में मुनाफे के सपने देख रहे थे, वे अब पूंजी की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं।

मार्केट पर्यवेक्षकों का कहना है कि आने वाले कुछ हफ्ते निर्णायक होंगे । क्या यह गिरावट दीर्घकालिक मंदी में बदलेगी या संस्थागत खरीदारी से बाजार दोबारा संभल जाएगा।

फिलहाल, दुनिया भर के निवेशक इस डिजिटल सुनामी के थमने का इंतजार कर रहे हैं।

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