यूरोपीय संघ (ईयू) की एक प्रणालीगत जोखिम निगरानी संस्था ने इस बात पर जोर दिया है कि एक ही स्टेबलकॉइन को ईयू व अन्य क्षेत्रों में संयुक्त रूप से जारी होने वाले स्थिरकॉइन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। यह सिफारिश इस विचार पर आधारित है कि ऐसे स्टेबलकॉइन वित्तीय प्रणाली को अस्थिर कर सकते हैं और स्थानीय नियामकों की निगरानी क्षमता को चुनौती दे सकते हैं।
यूरोपीय प्रणालीगत जोखिम बोर्ड (European Systemic Risk Board) ने सूचना दी है कि उसने इस तरह की सिफारिश पिछले हफ्ते पास की। हालांकि यह सिफारिश कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है, लेकिन यह सदस्य राष्ट्रों और अन्य नियामकीय संस्थाओं पर दबाव डाल सकती है कि वे उन कंपनियों की गतिविधियों को नियंत्रित करें जो इस मॉडल पर आधारित स्टेबलकॉइन जारी करती हैं, जैसे कि Circle और Paxos।
ECB (यूरोपीय सेंट्रल बैंक) की अध्यक्ष क्रिस्टीन लेगार्ड ने पहले ही चेतावनी दी थी कि गैर-ईयू संस्थाओं द्वारा जारी किए गए स्टेबलकॉइन में नियामकीय “खाई” हो सकती है, जो यूरो क्षेत्र की मौद्रिक नीति और वित्तीय स्थिरता को प्रभावित कर सकती हैं।
इटली के सेंट्रल बैंक द्वारा भी सितंबर में कहा गया कि सीमापार इशूअेंस मॉडल वाले स्टेबलकॉइन ईयू की वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम हैं।
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इस प्रस्तावित प्रतिबंध से प्रभावित सबसे बड़ी चुनौतियाँ होंगी उन स्टेबलकॉइन योजनाओं पर जो डॉलर-सम्बद्ध हैं जैसे USDC, USDP आदि, क्योंकि ये अक्सर अमेरिकी डॉलर से जुड़े होते हैं और वहां बड़े पैमाने पर संचालित होते हैं।
दूसरी ओर, यूरोपीय आयोग (European Commission) ने इस रिपोर्ट पर थोड़ी नरम प्रतिक्रिया दी है। आयोग का कहना है कि MiCA (Markets in Crypto-Assets Regulation) के अंतर्गत पहले से ही कुछ प्रतिरोधी तंत्र मौजूद हैं और सीमापार इशूअेंस से जुड़े जोखिम नियंत्रित किए जा सकते हैं।
वित्त मंत्रियों ने यह भी सहमति व्यक्त की है कि डिजिटल यूरो (euro-based CBDC) पर होल्डिंग प्रतिबंध लगाए जाएँ — यानी एक व्यक्ति कितनी राशि डिजिटल यूरो में रख सकता है, इसकी सीमा तय की जाए।
इसी बीच, यूरोप के बड़े बैंकों ने एक साझा प्रयास के रूप में 2026 तक एक यूरो-स्थिरकॉइन लॉन्च करने की योजना बनाई है, ताकि डॉलर-निर्भर स्थिरकॉइन की प्रमुखता को चुनौती दी जा सके।
निष्कर्ष
ईयू की यह सिफारिश यह संकेत देती है कि यूरोप अब वित्तीय नवाचार और क्रिप्टो परिसंपत्तियों के बीच संतुलन खोजने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। हालांकि यह प्रतिबंध अभी कानूनी रूप से लागू नहीं हुआ है, परंतु इसे लागू करने की संभावनाएँ मजबूत हैं।
यदि यह प्रतिबंध स्वीकार किया गया, तो यह वैश्विक स्टेबलकॉइन बाजार में अमेरिकी और अन्य बाहरी खिलाड़ियों की रणनीति को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। साथ ही, यह यूरोपीय संघ को अपनी मौद्रिक स्वतंत्रता बनाए रखने और एक अधिक नियंत्रित डिजिटल मुद्रा ढाँचे की दिशा में कदम बढ़ाने का अवसर देगा।
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