क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में ‘वॉलेट’ उतना ही ज़रूरी है जितना कि जेब के लिए बटुआ। फर्क सिर्फ इतना है कि जहां चमड़े का बटुआ नकदी या प्लास्टिक मनी (credit card/debit card) रखता है। वहीं क्रिप्टो वॉलेट डिजिटल एसेट्स को रखने और संभालने का एक टूल है। ये एक ऐसा ‘इंटरफेस’ है जिसके ज़रिए यूजर्स अपने क्रिप्टो करेंसी होल्डिंग्स को एक्सेस और कंट्रोल कर सकते हैं।

आपकी डिजिटल संपत्ति की सुरक्षा और उसे इस्तेमाल करने में सहूलियत इस बात पर निर्भर करती हैं कि आपने किस तरह का वॉलेट चुना है। इन दोनों के बीच सही संतुलन बैठाने के लिए कई चीजों को ध्यान में रखना पड़ता है।

क्रिप्टो वॉलेट (crypto wallet) दो तरह के होते हैं — सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर, और दोनों का डिज़ाइन भी अलग होता है। इस लेख में हम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर वॉलेट क्या होते हैं, उनके उदाहरण और उनके बीच के अंतर को समझेंगे।

हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर वॉलेट क्या होते हैं?

हार्डवेयर क्रिप्टो वॉलेट(Hardware crypto wallet), जिसे कोल्ड वॉलेट(cold Wallet) भी कहते हैं, असल में एक फिज़िकल डिवाइस होता है जो आपके डिजिटल एसेट्स से जुड़े प्राइवेट keys(कीज़ ) को स्टोर करता है। ये आमतौर पर USB(यू एस बी )ड्राइव जैसे दिखते हैं और ऑफलाइन स्टोरेज देते हैं, जिससे इन्हें हैकर्स की पहुंच से बाहर रखा जा सकता है। लेकिन इन्हें फिजिकल डैमेज से बचाने के लिए सुरक्षित रखना जरूरी है।

ज़्यादातर प्रमुख हार्डवेयर वॉलेट को सॉफ्टवेयर वॉलेट से जोड़ा जा सकता है — यानी हॉट स्टोरेज को कोल्ड स्टोरेज में बदला जा सकता है। जैसे, Exodus(एक्सोडस) वॉलेट को Trezor(ट्रेज़र) से जोड़ा जा सकता है, और क्रिप्टो .कॉम  (Crypto.com ) को   डेस्कटॉप ऐप लेजर(Ledger )हार्डवेयर वॉलेट से ‘इंटीग्रेट’ हो सकता है।

दूसरी तरफ, सॉफ्टवेयर वॉलेट या हॉट वॉलेट एक प्रोग्राम होता है जिसे आप डेस्कटॉप,लैपटॉप,टैबलेट,स्मार्टफोन या किसी डिजिटल डिवाइस पर इस्तेमाल कर सकते हैं। ये डेस्कटॉप, मोबाइल और वेब वॉलेट में बांटे जाते हैं। इनका अंतर इस बात पर होता है कि वे प्राइवेट कीज़ (keys) को कैसे स्टोर और मैनेज करते हैं। एक और वर्गीकरण है — कस्टोडियल(custodial) और नॉन-कस्टोडियल वॉलेट(Non-custodial Wallet)। कस्टोडियल वॉलेट में तीसरी पार्टी आपके क्रिप्टो  को संभालती है, जबकि नॉन-कस्टोडियल वॉलेट में आप खुद पूरी कंट्रोल रखते हैं। लेकिन ध्यान दें, अगर आप नॉन-कस्टोडियल वॉलेट की की या पासवर्ड भूल जाएं, तो अपनी संपत्ति भी खो बैठते हैं।

हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर वॉलेट के उदाहरण 

कॉमन हार्डवेयर वॉलेट्स (Common hardware wallets)  

लेजर(Ledger)

लेजर(Ledger) अपने हार्डवेयर वॉलेट के लिए जाना जाता है, लेकिन इसका एक अच्छा मोबाइल ऐप और डेस्कटॉप ऐप भी है। लेजर नैनो (Ledger Nano) X में स्मार्ट कार्ड एन्क्रिप्शन, बैकअप डेटा, पेपरलेस लॉगिन, पिन (PIN)एंट्री और पासवर्ड सुरक्षा जैसे फीचर हैं। लेकिन डीसेंट्रलाइज़्ड ऐप्स(DApps) के साथ इसकी ‘इंटरैक्शन’ सीमित हो सकती है।

ट्रेज़र (Trezor)

यह प्रीमियम हार्डवेयर और डेस्कटॉप ऐप देता है, लेकिन मोबाइल ऐप नहीं है — हाँ, स्मार्टवॉच के लिए ऐप ज़रूर है। इसके फायदे हैं – अच्छा ओपन-सोर्स डिज़ाइन और मजबूत सीड फ्रेज़ सपोर्ट। कमी यह है कि –आई.ओ.एस (iOS) डिवाइस और कुछ ब्राउज़र्स के साथ सीमित सपोर्ट देता है। 

कॉमन सॉफ्टवेयर वॉलेट्स (Common software wallets)  

 मेटा मॉस्क (MetaMask)

डी फाई (DeFi ) की दुनिया में सबसे मशहूर वॉलेट है, जो ब्राउज़र एक्सटेंशन और मोबाइल ऐप - आई.ओ.एस(iOS)/एंड्राइड (Android) के रूप में मिलता है। यह ई.आर.सी 20 (ERC-20) टोकन और एन.एफ.टी (NFT) को सपोर्ट करता है। इसका इंटरफेस आसान है और यूज़र को पूरा कंट्रोल देता है।

ट्रस्ट वॉलेट(Trust Wallet)

यह नॉन-कस्टोडियल वॉलेट है, और इसका इंटरफेस बहुत यूज़र-फ्रेंडली है। इसमें 100 से ज़्यादा फिएट करेंसी के ज़रिए क्रिप्टो खरीदने की सुविधा है, और इन-बिल्ट स्टेकिंग फीचर से आप ब्याज भी कमा सकते हैं। लेकिन डायरेक्ट कस्टमर स्पोर्ट नहीं है, सिर्फ टिकट सबमिट कर सकते हैं।

इलेक्ट्रम (Electrum)

यह सिर्फ बिटकॉइन के लिए है और हार्डवेयर वॉलेट्स -लेजर, ट्रेज़र , कीप की (KeepKey) से जुड़ सकता है। यह ओपन-सोर्स है यानी आप इसमें अपने हिसाब से बदलाव कर सकते हैं। हालांकि अल्टकॉइन स्पोर्ट सीमित है, लेकिन सिक्योरिटी और ट्रांसपेरेंसी मजबूत है। डायरेक्ट कस्टमर स्पोर्ट नहीं है, डॉक्यूमेंटेशन पर निर्भर रहना पड़ता है।

हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर वॉलेट के बीच मुख्य अंतर

स्टोरेज (Storage)

यह सोचना गलत है कि हार्डवेयर वॉलेट क्रिप्टो को ऑफलाइन स्टोर करते हैं। असल में डिजिटल एसेट्स ब्लॉकचेन पर रहते हैं जबकि वॉलेट सिर्फ प्राइवेट की (key) को स्टोर करता है। हार्डवेयर वॉलेट उस “चाबी” की तरह होता है जिससे आप ब्लॉकचेन में रखे अपने टोकन को खोल सकते हैं। सॉफ्टवेयर वॉलेट भी इंटरफेस का काम करते हैं। इस लिहाज़ से स्टोरेज के मामले में दोनों एक जैसे ही हैं।

सुरक्षा (Security)

जब बात डिजिटल संपत्तियों को सुरक्षित तरीके से रखने की हो, तो हार्डवेयर वॉलेट्स से बेहतर कोई विकल्प नहीं होता। चूंकि ये ऑफलाइन काम कर सकते हैं, इसलिए ये हैकर्स की पहुंच से पूरी तरह बाहर होते हैं।

हाँ, जब इन्हें किसी इंटरनेट-सक्षम डिवाइस से जोड़ा जाता है, तभी इनमें थोड़ी-बहुत असुरक्षा की संभावना उत्पन्न होती है।

हालाँकि, अगर किसी ने अपना सॉफ़्टवेयर अपडेट रखा है और सुरक्षा के पर्याप्त स्तर जैसे कि फ़ायरवॉल(Firewall) और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) जैसे उपाय अपनाए हुए हैं, तो इस असुरक्षा को भी काफी हद तक दूर किया जा सकता है।

इसके मुकाबले, सॉफ़्टवेयर वॉलेट्स ज्यादा साइबर हमलों की चपेट में रहते हैं, क्योंकि ये हमेशा ऑनलाइन रहते हैं।

कोल्ड वॉलेट्स की सुरक्षा इस बात पर निर्भर करती है कि जिस डिवाइस (कंप्यूटर या स्मार्टफोन) पर वे इंस्टॉल हैं, उसकी सुरक्षा कितनी मजबूत है — चाहे वो डेस्कटॉप हो, मोबाइल हो या वेब वॉलेट।

अगर कोई व्यक्ति अपनी डिजिटल संपत्ति को किसी केंद्रीकृत एक्सचेंज (Centralized Exchange) के पास रखता है, तो वो संपत्ति उस एक्सचेंज की कस्टडी में चली जाती है, और फिर उसकी सुरक्षा पूरी तरह उस एक्सचेंज द्वारा उठाए गए सुरक्षा उपायों पर निर्भर करती है।

जब कोई डीसेंट्रलाइज़्ड एक्सचेंज (DEX) पर लेन-देन करता है, तो उसे एक ऐसे वॉलेट की ज़रूरत होती है जो स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के साथ कम्पैटिबल हो। कुछ वॉलेट एक्सटेंशन ऐसे होते हैं जो यूज़र को सीधे ब्राउज़र के ज़रिए फंड्स तक एक्सेस करने की सुविधा देते हैं।

यूज़र इन वॉलेट्स को इंस्टॉल कर सकते हैं, पहले से मौजूद वॉलेट को प्राइवेट चाबी (Private Key) या सीड फ्रेज़ (Seed Phrase) के ज़रिए इम्पोर्ट कर सकते हैं, या फिर एक नया वॉलेट भी बना सकते हैं। हालांकि, उन्हें अपनी प्राइवेट की और सीड फ्रेज़ को पूरी तरह से सुरक्षित और गोपनीय रखना होता है, ताकि कोई सुरक्षा जोखिम पैदा न हो। क्योंकि डेक्स (DEX) प्लेटफ़ॉर्म नॉन-कस्टोडियल होते हैं, इसलिए यूज़र को अपनी फंड्स (funds) पर पूर्ण नियंत्रण प्राप्त होता है।

एक्सेसिबिलिटी (Accessibility)

हार्डवेयर वॉलेट फिजिकल डिवाइस होते हैं जिन्हें साथ रखना पड़ता है और प्रयोग करने के लिए किसी इंटरनेट डिवाइस से जोड़ना होता है। इसलिए ये थोड़े कम सुविधाजनक हैं। वहीं, सॉफ्टवेयर वॉलेट मोबाइल या लैपटॉप में रहते हैं यानी तुरंत ट्रांज़ैक्शन या बैलेंस चेक करना आसान है। अगर आप रोज़ ट्रांज़ैक्शन करते हैं या डे ट्रेडिंग करते हैं तो ये ज़्यादा सुविधाजनक होते हैं।

पासवर्ड रिकवरी (Password recovery)

दोनों तरह के वॉलेट में बैकअप की सुविधा होती है। आमतौर पर यूज़र को एक सीड फ्रेज़ (12 या 24 शब्दों का कोड) दिया जाता है जिससे खोया हुआ वॉलेट दोबारा हासिल किया जा सकता है। सीड फ्रेज़ को संभालकर रखना बहुत ज़रूरी है क्योंकि जिसने इसे किसी भी तरह हासिल कर लिया वो आपके फंड्स तक पहुंच सकता है। इसे खो देने पर फंड्स वापस पाना मुश्किल हो सकता है। जबकि सी ई एक्स (CEX) वॉलेट्स में ईमेल या मोबाइल से पासवर्ड रिसेट करने की सुविधा भी मिलती है।

यूज़र इंटरफेस (User interface) 

हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर वॉलेट्स के पीछे की डिज़ाइन सोच (design philosophy) अलग होती है, और यही वजह है कि उनका यूज़र इंटरफेस (User Interface) भी अलग होता है।

सॉफ्टवेयर वॉलेट्स का इंटरफेस आमतौर पर ज़्यादा आकर्षक और यूज़र-फ्रेंडली होता है, क्योंकि इनका ज़ोर इस बात पर होता है कि लेआउट को कैसे और ज़्यादा सुविधाजनक और सहज बनाया जाए ताकि उपयोगकर्ता को आरामदायक अनुभव मिल सके।

वहीं दूसरी ओर, हार्डवेयर वॉलेट्स को इस तरह डिज़ाइन किया जाता है कि वे अधिकतम सुरक्षित हों। यही कारण है कि इनमें इंटरफेस का डिज़ाइन उतना आकर्षक या यूज़र-फ्रेंडली नहीं होता — इनका मुख्य फोकस सुरक्षा होता है, न कि सौंदर्य या सुविधा।

डिजिटल एसेट्स स्पोर्ट (Support for digital assets) 

हार्डवेयर वॉलेट्स द्वारा डिजिटल एसेट्स के लिए दिया जाने वाला स्पोर्ट उतना व्यापक नहीं होता जितना कि सॉफ्टवेयर वॉलेट्स में होता है।

हालांकि, बीते वर्षों में हॉट वॉलेट्स (सॉफ्टवेयर वॉलेट्स) का सपोर्ट धीरे-धीरे बढ़ा है, लेकिन फिर भी यह हार्डवेयर वॉलेट्स की तुलना में कहीं ज़्यादा समावेशी (inclusive) और विस्तृत रहा है। खासतौर पर, जो वॉलेट्स बड़े क्रिप्टो इकोसिस्टम्स से जुड़े हुए हैं, उनकी कम्पैटिबिलिटी रेंज (अनुकूलता की सीमा) हार्डवेयर वॉलेट्स के मुकाबले कहीं अधिक होती है। उदाहरण के तौर पर ट्रस्ट वॉलेट (Trust Wallet), जो बीनैंस (Binance) का आधिकारिक वॉलेट है, 1 करोड़ से ज़्यादा तरह की डिजिटल एसेट्स को स्पोर्ट करता है। गार्डआ (Guarda) नामक सॉफ्टवेयर वॉलेट भी 4 लाख से अधिक एसेट्स को स्पोर्ट करता है। इसके मुकाबले, लेजर(Ledger) हार्डवेयर वॉलेट केवल करीब 5,500 एसेट्स को स्पोर्ट करता है। वहीं, हार्डवेयर वॉलेट्स बनाने वाली एक और जानी-मानी कंपनी ट्रेज़र (Trezor) का स्पोर्ट 1,200 से कुछ अधिक डिजिटल एसेट्स तक सीमित है। इसलिए अगर कोई यूज़र बहुत अधिक तरह की क्रिप्टोकरेंसीज़ के साथ काम करता है, तो सॉफ्टवेयर वॉलेट्स उसकी ज़रूरतों को बेहतर ढंग से पूरा कर सकते हैं।

कीमत (Cost) 

जब यूज़र यह तय करते हैं कि वे अपनी डिजिटल संपत्तियों को स्टोर करने के लिए कौन-सा क्रिप्टो वॉलेट इस्तेमाल करेंगे, तो लागत एक महत्वपूर्ण कारक बन जाती है। हार्डवेयर वॉलेट्स आमतौर पर महंगे होते हैं, क्योंकि ये फिज़िकल डिवाइस होते हैं और इनमें मजबूत सुरक्षा फीचर्स दिए गए होते हैं। इसके विपरीत, सॉफ्टवेयर वॉलेट्स ज़्यादातर मुफ्त होते हैं, हालाँकि कुछ मामलों में कुछ विशेषताओं (features) के लिए शुल्क लिया जा सकता है। यूज़र इन वॉलेट्स को अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर पर डाउनलोड कर सकते हैं या फिर इन्हें ब्राउज़र एक्सटेंशन के रूप में जोड़कर अपनी डिजिटल संपत्ति को वहाँ स्टोर कर सकते हैं।

अधिकतर यूज़र लागत के साथ-साथ सुलभता (accessibility) और सुरक्षा (security) जैसे अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं के बीच संतुलन बनाकर चलते हैं। अक्सर ऐसा भी होता है कि यूज़र दोनों प्रकार के वॉलेट एक साथ इस्तेमाल करते हैं। वो छोटे लेन-देन या डे-ट्रेडिंग के लिए सॉफ्टवेयर वॉलेट में कुछ फंड्स रखते हैं, जबकि बड़ी राशि को ज़्यादा सुरक्षित हार्डवेयर वॉलेट में स्टोर करते हैं। इस तरह वे खर्च, सुविधा और सुरक्षा — तीनों का समझदारी से मेल बैठाते हैं।

हार्डवेयर वॉलेट बनाम सॉफ्टवेयर वॉलेट

कैसे चुने अपनी डिजिटल संपत्तियों के लिए आदर्श वॉलेट?

सही वॉलेट चुनने के लिए एक नाज़ुक संतुलन साधने की जररूत है। इसके लिए व्यक्ति को अपनी जरूरतों का गहराई से मूल्यांकन करना होगा। विभिन्न वॉलेट्स के फायदे और नुकसान तौलकर यह तय करना होता है कि कौन-सा विकल्प उसके लिए सबसे बेहतर है। अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक डिजिटल संपत्ति को होल्ड करके रखना चाहता है, तो उसके लिए कोल्ड वॉलेट (हार्डवेयर वॉलेट) बेहतर साबित हो सकता है। लेकिन अगर किसी को रोज़मर्रा के लेन-देन या डे-ट्रेडिंग के लिए वॉलेट चाहिए, तो वहां सुलभता (accessibility) ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है, ऐसे में हॉट वॉलेट (सॉफ्टवेयर वॉलेट) एक बेहतर विकल्प हो सकता है।