बिटकॉइन की कीमत एक बार फिर आकर्षण का केंद्र बन गई है और 2024 की "हैल्विंग" के बाद लेनदेन शुल्क ऐतिहासिक ऊंचाई पर हैं। भले ही माइनिंग रिवॉर्ड अब पहले से आधे हो गए हों, लेकिन उनकी मौजूदा कीमत इन्हें फिर से लाभदायक बना रही है।

ऐसे में कई लोग, खासकर गेमर्स, सोचने लगे हैं — क्या हम अपने हाई-एंड गेमिंग पीसी से बिटकॉइन माइन कर सकते हैं? खासतौर पर तब जब आपके पास पावरफुल ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU), अच्छी कूलिंग और गेमिंग के अलावा खाली समय भी हो।

संक्षेप में उत्तर है: हां, लेकिन ये फायदे का सौदा नहीं है।

बिटकॉइन माइनिंग क्या है?

बिटकॉइन माइनिंग एक ऐसी  प्रक्रिया है जिससे नेटवर्क सुरक्षित रहता है और नए बिटकॉइन सर्कुलेशन में आते हैं। इसमें माइनर्स कंप्यूटेशनल पज़ल सॉल्व करके ट्रांजैक्शंस को वैरिफाई करते हैं और नए ब्लॉक बनाते हैं। यह सब ‘प्रूफ ऑफ वर्क’ (PoW) नामक सिस्टम के तहत होता है।

हर बार जब कोई वैध ब्लॉक बनता है, पहला माइनर जो सही हैश जनरेट करता है उसे रिवॉर्ड मिलता है — जो इस समय 3.125 BTC प्लस ट्रांजैक्शन फीस है। लेकिन साल 2025 में एक वैध हैश पाने के लिए औसतन 10³¹ कोशिशें करनी पड़ती हैं, यानी इसकी ऊर्जा खपत अत्यंत अधिक है।

माइनिंग हार्डवेयर का विकास: CPU से ऍप्लिकेशन्स स्पेसिफ़िएड इंटीग्रेटेड सर्किट्स (ASIC) तक

2009 में जब बिटकॉइन नया था, तब लोग साधारण CPU से भी इसे माइन कर सकते थे। फिर GPU (ग्राफिक्स कार्ड) आए, जो खासतौर पर गेमिंग के लिए बने थे, लेकिन माइनिंग में भी बहुत बेहतर प्रदर्शन करने लगे।

लेकिन 2015 के आसपास ASICs (Application-Specific Integrated Circuits) का आगमन हुआ — ये मशीनें सिर्फ बिटकॉइन माइनिंग के लिए डिजाइन की गई थीं और GPU से कहीं ज्यादा पावरफुल और एफिशिएंट हैं। 2025 तक ये माइनिंग इंडस्ट्री में पूर्ण रूप से हावी हो चुकी हैं।

गेमिंग पीसी बनाम ASIC माइनर

अगर आपके पास Nvidia GeForce RTX 4090 जैसा हाई-एंड गेमिंग GPU है, तो भी बिटकॉइन माइनिंग में उसकी परफॉर्मेंस का स्तर काफी कम होता   है। ASIC माइनर्स जैसे Antminer S21 Pro लगभग 200 टेराहैश/सेकंड (TH/s) की स्पीड से माइन करते हैं, जबकि RTX 4090 सिर्फ कुछ सौ मेगाहैश/सेकंड ही देता है यानी ASIC से लगभग 10 लाख गुना कम।

ऊर्जा खपत के लिहाज से भी मामला बहुत असंतुलित है। RTX 4090 लगभग 450 वॉट बिजली खपत करता है, लेकिन इसके मुकाबले आउटपुट नगण्य होता है। वहीं ASIC माइनर ज्यादा बिजली (3500 वॉट) लेता है, लेकिन हर वॉट से कई गुना ज्यादा हैशिंग पावर देता है।

क्या यह आर्थिक रूप से समझदारी है?

नहीं। घरेलू गेमिंग पीसी से बिटकॉइन माइनिंग करना शायद ही कभी मुनाफा देगा। बिजली के बिल, हार्डवेयर पर लोड, कूलिंग की जरूरत और GPU की उम्र को देखें तो निवेश वसूल नहीं होता। अकेले माइनिंग (solo mining) तो लगभग असंभव है, और माइनिंग पूल में योगदान भी इतना कम होता है कि रिवॉर्ड नगण्य होता है। साथ ही, लगातार 24x7 GPU चलाना उसकी उम्र घटाता है और कई बार वारंटी भी रद्द कर देता है।

 गेमिंग पीसी से कौन-से विकल्प बेहतर?

अगर बिटकॉइन माइनिंग आपके सिस्टम के लिए भारी है, तो चिंता न करें। अभी भी ऐसे कई क्रिप्टोकरेंसी हैं जो GPU माइनिंग को सपोर्ट करती हैं:

1. ईथेरियम क्लासिक  (Ethereum Classic -ETC)

एटहैश (Ethash) एल्गोरिदम पर चलता है और GPU के लिए उपयुक्त है। हर 13 सेकंड में ब्लॉक बनता है और रिवॉर्ड लगभग 3.2 ETC है।

2. रेवेनकॉइन (Ravencoin -RVN)

KAWPOW एल्गोरिदम पर आधारित, जो ASIC-resistance प्रदान करता है। GPU फ्रेंडली और 1 मिनट में ब्लॉक जनरेट करता है। रिवॉर्ड: 2,500 RVN प्रति ब्लॉक।

3. मोनेरो (Monero XMR)

यह रैंडम एक्स (RandomX) एल्गोरिदम पर आधारित है, जो CPU और GPU दोनों के लिए अनुकूल है। गोपनीयता-केंद्रित इस कॉइन से आप पासिव इनकम कमा सकते हैं, खासकर अगर बिजली सस्ती हो।

निष्कर्ष

गेमिंग पीसी से बिटकॉइन माइन करना 2025 में एक घाटे का सौदा है। न परफॉर्मेंस, न एफिशिएंसी और न ही आर्थिक लाभ — तीनों मोर्चों पर यह प्रयास फेल होता है। लेकिन वैकल्पिक क्रिप्टोकरेंसी जैसे Ethereum Classic, Ravencoin और Monero आज भी GPU यूज़र्स के लिए बेहतर संभावनाएं रखती हैं। अंततः, समझदारी इसी में है कि आप अपने हार्डवेयर की क्षमता के अनुसार सही क्रिप्टोकरेंसी चुनें और बिटकॉइन माइनिंग का सपना फिलहाल छोड़ दें।

यह अनुवाद कोइनटेलीग्राफ पर प्रकाशित मूल लेख पर आधारित है।