क्रिप्टोकरेंसी आज दुनिया के सबसे तेजी से विकसित होते वित्तीय बाजारों में से एक है। जैसे जैसे क्रिप्टो के बारे में जागरूकता बढ़ रही है, वैसे वैसे लोग इसे सुरक्षित और आसान तरीके से खरीदने के विकल्प तलाश रहे हैं। इसी तलाश में एक नया निवेश साधन दुनिया भर में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है जिसे क्रिप्टो ETF कहा जाता है। बहुत से लोग ETF को जटिल समझते हैं, जबकि यह वास्तव में शेयर खरीदने जितना आसान तरीका है। आइए सरल भाषा में समझते हैं कि क्रिप्टो ETF आखिर होता क्या है और यह कैसे काम करता है।
क्रिप्टो ETF क्या होता है
ETF का मतलब है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Exchange Traded Fund) । यह ऐसा फंड होता है जिसमें कई निवेशक पैसा लगाते हैं और फंड कंपनी उस पैसे को किसी खास संपत्ति में निवेश करती है। क्रिप्टो ETF में वह संपत्ति क्रिप्टोकरेंसी होती है।
उदाहरण के लिए बिटकॉइन ETF, ईथर ETF या किसी टोकन फ्यूचर्स पर आधारित ETF।
इसे ऐसे समझिए: अगर कोई व्यक्ति क्रिप्टो खरीदना चाहता है लेकिन वॉलेट, प्राइवेट की, ब्लॉकचेन और एक्सचेंज जैसे तकनीकी मामलों से बचना चाहता है, तो वह क्रिप्टो ETF खरीद सकता है। ETF खरीदते ही वह अप्रत्यक्ष रूप से क्रिप्टो में निवेशक बन जाता है।
क्रिप्टो ETF कैसे काम करता है
क्रिप्टो ETF दो प्रमुख मॉडलों में काम करता है।
1. स्पॉट क्रिप्टो ETF (सबसे लोकप्रिय और सरल मॉडल)
इसमें फंड कंपनी सीधे क्रिप्टो खरीदती है।
उदाहरण के लिए बिटकॉइन स्पॉट ETF में फंड कंपनी असली बिटकॉइन खरीदकर सुरक्षित तरीके से अपने पास रखती है।
ETF यूनिट की कीमत सीधे बिटकॉइन की कीमत से जुड़ी होती है।
अमेरिका में 2024 में बिटकॉइन स्पॉट ETF को मंजूरी मिली और उसके बाद पहले महीने में ही लगभग 10 अरब डॉलर से अधिक का निवेश आया। यह क्रिप्टो इतिहास के सबसे बड़े फंड इंफ्लो रिकॉर्ड में से एक है।
2. फ्यूचर्स आधारित क्रिप्टो ETF
इसमें फंड कंपनी क्रिप्टो नहीं खरीदती बल्कि क्रिप्टो की भविष्य की कीमत से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट खरीदती है।
यह तरीका थोड़ा जटिल है और कई बार इसमें वास्तविक क्रिप्टो कीमत की तुलना में अधिक उतार चढ़ाव हो सकता है।
अमेरिका में पहला बिटकॉइन फ्यूचर्स ETF 2021 में लॉन्च हुआ था और पहले ही दिन इसका ट्रेडिंग वॉल्यूम लगभग 1 अरब डॉलर के पास पहुंच गया था।
क्रिप्टो ETF क्यों तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं
1. सुरक्षा और सुविधा
सीधे क्रिप्टो खरीदने पर वॉलेट खो जाने या प्राइवेट की चोरी होने का जोखिम रहता है।
ETF में ये जोखिम नहीं होते क्योंकि आपकी क्रिप्टो को पेशेवर कस्टोडियन सुरक्षित रूप से रखते हैं।
2. नियामकीय मंजूरी का भरोसा
जिन देशों में ETF को मंजूरी मिलती है, वहां निवेशक अधिक आत्मविश्वास महसूस करते हैं।
अमेरिका में स्पॉट BTC ETF को मंजूरी मिलना क्रिप्टो उद्योग के लिए एक ऐतिहासिक क्षण माना गया क्योंकि इसके बाद संस्थागत निवेशकों ने बड़ी मात्रा में क्रिप्टो खरीदना शुरू किया।
3. आसान निवेश मॉडल
ETF को शेयर की तरह खरीदा और बेचा जा सकता है।
किसी को ब्लॉकचेन या ट्रांजैक्शन फीस समझने की जरूरत नहीं पड़ती।
4. संस्थागत निवेश का रास्ता खुलना
BlackRock, Fidelity, VanEck, Grayscale जैसे दिग्गज फंड मैनेजर क्रिप्टो ETF चला रहे हैं।
इन कंपनियों के आने से क्रिप्टो बाजार में विश्वास और स्थिरता बढ़ी है।
क्रिप्टो ETF के जरिए वास्तविक निवेश कैसे दिखता है उदाहरण से समझिए
मान लीजिए एक बिटकॉइन की कीमत 60,000 डॉलर है। किसी निवेशक के पास सीधे बिटकॉइन खरीदने का अनुभव नहीं है। वह 10,000 रुपये का निवेश करना चाहता है।
सीधा बिटकॉइन खरीदने पर उसे एक्सचेंज अकाउंट बनाना पड़ेगा, वॉलेट चाहिए होगा और तकनीकी जानकारी की जरूरत पड़ेगी।
लेकिन ETF खरीदने पर वह एक स्टॉक ऐप खोलकर सिर्फ ETF यूनिट खरीद लेता है। अगर ETF के एक यूनिट की कीमत 500 रुपये है तो वह 10,000 रुपये में 20 यूनिट खरीद सकता है। ETF की कीमत बिटकॉइन के बढ़ने और घटने से बदलती रहती है।
यह मॉडल बाजार को अधिक समझदार और सुरक्षित बनाता है।
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Crypto ETF के जोखिम क्या हैं?
हर निवेश की तरह इसमें भी जोखिम मौजूद हैं।
क्रिप्टो की कीमत बहुत तेज़ी से बदलती है।
फ्यूचर्स आधारित ETF में ट्रैकिंग एरर हो सकता है।
फंड की फीस लंबे समय में रिटर्न को प्रभावित कर सकती है।
यदि बाजार में भारी गिरावट आती है तो ETF भी प्रभावित होगा।
फिर भी, ETF का जोखिम सीधे क्रिप्टो रखने के जोखिम की तुलना में कम माना जाता है।
दुनिया में कौन–कौन से Crypto ETF सबसे लोकप्रिय हैं?
BlackRock iShares Bitcoin Trustयह 2024 के बाद दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला ETF बन गया।
Fidelity Bitcoin Fundबड़े संस्थागत निवेशकों में लोकप्रिय।
Grayscale Bitcoin Trust (GBTC)पहले एक क्लोज्ड फंड था, बाद में ETF में बदला गया।
Ethereum Spot ETFअमेरिका में मंजूरी मिलने के बाद इसमें भी तेजी से निवेश बढ़ा है।
2024 से 2025 के बीच क्रिप्टो ETF मार्केट का आकार 30 अरब डॉलर से बढ़कर 70 अरब डॉलर तक पहुंच गया, जो इस सेक्टर को बेहद तेजी से बढ़ते निवेश वर्ग के रूप में दर्शाता है।
भारत में क्रिप्टो ETF की स्थिति
भारत में अभी किसी भी क्रिप्टो ETF को मंजूरी नहीं मिली है।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि भारत जब क्रिप्टो के लिए स्पष्ट नियम लाएगा, तब ETF को मंजूरी मिल सकती है।
भारत में क्रिप्टो अपनाने वालों की संख्या लगभग 11.9 करोड़ मानी जाती है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।
अगर भारत में Crypto ETF लॉन्च हुए, चाहे BTC या ETH निवेशकों की रुचि असाधारण स्तर पर होगी।
निष्कर्ष
क्रिप्टो ETF क्रिप्टो बाजार में निवेश का एक बेहद आसान और सुरक्षित तरीका है। यह उन लोगों के लिए खास तौर पर उपयोगी है जो सीधे क्रिप्टो खरीदने की तकनीकी जटिलताओं से बचना चाहते हैं। दुनिया भर में इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है और इससे क्रिप्टो मार्केट अधिक मुख्यधारा की तरफ बढ़ रहा है।
भारत में यदि भविष्य में क्रिप्टो ETF लॉन्च होते हैं तो यह भारतीय निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर और क्रिप्टो उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।
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