एक सख्त फैसले में, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अभिषेक शर्मा को जमानत देने से इनकार कर दिया है, जो ₹2000 करोड़ के चौंकाने वाले क्रिप्टोकरेंसी घोटाले के मुख्य आरोपियों में से एक है। इस घोटाले में हिमाचल प्रदेश और पड़ोसी राज्यों के 80,000 से अधिक निवेशक, जिनमें 1,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी शामिल हैं, ठगे गए थे।

8 अगस्त 2025 को, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा ने इस धोखाधड़ी के गंभीर आर्थिक और सामाजिक प्रभाव पर जोर दिया।

अदालत ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत शीघ्र सुनवाई के अधिकार को स्वीकार करते हुए कहा कि केवल लंबे समय तक हिरासत में रहने के आधार पर जमानत नहीं दी जा सकती, खासकर तब जब आरोपी पर प्रारंभिक दृष्टि में बड़े पैमाने पर आर्थिक अपराध में लिप्त होने के आरोप हों।

रीवार गांव, जिला ऊना के रहने वाले शर्मा 28 अक्टूबर 2023 से न्यायिक हिरासत में हैं। अदालत ने कहा कि उनकी कानूनी टीम पिछले जमानत खारिज होने के बाद कोई ठोस नया आधार पेश नहीं कर सकी।

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इस घोटाले की जड़ें 2018 तक जाती हैं, जब Voscrow और Hypenext जैसे प्लेटफॉर्म्स ने पीड़ितों को उनकी क्रिप्टोकरेंसी निवेश को दोगुना करने का लालच दिया।

यह योजना एक क्लासिक पोंजी जैसी भर्ती पद्धति पर आधारित थी, जिसमें पुराने निवेशकों को नए निवेशक जोड़ने के लिए प्रोत्साहित किया जाता था।

विशेष जांच दल (SIT) की जांच

26 सितंबर 2023 को गठित विशेष जांच दल (SIT) की अगुवाई में हुई जांच में एक जटिल धोखाधड़ी का जाल सामने आया।

आरोप है कि आरोपी ने फर्जी कंपनियां बनाई, क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में हेरफेर किया और कमाई गई राशि को हिमाचल प्रदेश, चंडीगढ़, पंजाब, हरियाणा और अन्य स्थानों में लग्जरी प्रॉपर्टीज, महंगी गाड़ियों और रियल एस्टेट में निवेश किया।

सभी प्रमुख संदिग्ध, सिवाय कथित मास्टरमाइंड सुभाष शर्मा के — जो विदेश में फरार है — अब हिरासत में हैं। अदालत ने कहा कि इस पैमाने के आर्थिक अपराध जनता के विश्वास के लिए गंभीर खतरा हैं और इन्हें अत्यधिक गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

घोषित न की गई क्रिप्टोकरेंसी आय पर शिकंजा

भारत के आयकर विभाग ने 44,057 नोटिस उन व्यक्तियों को भेजे हैं जिन्होंने अपने कर रिटर्न में वर्चुअल डिजिटल एसेट (VDA) से हुई कमाई की जानकारी नहीं दी।

यह बड़े पैमाने की कार्रवाई केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के NUDGE अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ईमेल और मैसेजिंग चैनलों के माध्यम से रिमाइंडर देकर स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करना है।

दो हजार बाईस-तेईस और 2023–24 के वित्तीय वर्षों में की गई हालिया जांच में लगभग ₹630 करोड़ की पहले घोषित न की गई क्रिप्टो आय का खुलासा हुआ, जबकि इसी अवधि में करदाताओं ने स्वेच्छा से लगभग ₹706 करोड़ की VDA-सम्बंधित आय घोषित की।