ऑस्ट्रेलिया में Australian Federal Police (एएफपी) ने एक जटिल कोडेड क्रिप्टो वॉलेट बैक-अप को भेद कर लगभग ९ मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग ५.९ मिलियन अमेरिकी डॉलर) मूल्य के डिजिटल एसेट जब्त किए हैं।

एएफपी कमिश्नर Krissy Barrett ने बुधवार को दिए गए एक भाषण में इसे “चमत्कारी काम” बताया और कहा कि इस काम को संभव बनाने में एक डेटा वैज्ञानिक का योगदान रहा जिसने “क्रिप्टो सेफ क्रैकर” के नाम से ख्याति पाई है।

पृष्ठभूमि व जांच

पुलिस ने इस कार्रवाई के दौरान उस व्यक्ति पर नजर रखी था जिसे अभियुक्त कहा जा रहा है - एक ‘प्रौद्योगिकी-प्रकार उत्पाद’ बेचने वाला आरोपी, जिसकी कथित आपराधिक खरीद-फरोख्त क्रिप्टोकरेंसी में हो रही थी।

जांच के दौरान आरोपी के मोबाइल फोन में पासवर्ड-सुरक्षित नोट्स मिले। उसके बाद एक छवि मिली जिसमें यादृच्छिक संख्या और शब्दों का संयोजन था। एएफपी­डिजिटल फॉरेंसिक्स टीम ने यह निर्धारित किया कि ये संख्या संभवतः एक क्रिप्टो वॉलेट से संबंधित हो सकती हैं।

कोड कैसे बना और इसे कैसे तोड़ा गया

ब्रैरेट ने बताया कि संख्या छह समूहों में बंटी हुई थीं, जिनमें पचास से अधिक संयोजन मौजूद थे। अभियुक्त वॉलेट की कुंजी देने से इनकार कर चुका था; ऑस्ट्रेलिया में ऐसा करने पर दस साल तक की सजा हो सकती है।

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एएफपी के एक डेटा वैज्ञानिक ने देखा कि कुछ संख्या-श्रृंखलाएँ ‘मानव द्वारा संशोधित’ प्रतीत होती थीं। उदाहरण के लिए, उन्होंने बताया कि “पहले नंबर को हटाना था ताकि २४-शब्दों वाला सीड फ्रेज बन सके।” ऐसा हटाने-घटाने का तरीका और मानव हस्तक्षेप संकेत कर रहा था कि यह मशीन जनित ऑटोमेटेड कोड नहीं था।

नतीजा व आगे की कार्रवाई

इस तरह कोड भेद होने के बाद, वॉलेट में रखे क्रिप्टो एसेट्स को जब्त कर लिया गया है। एएफपी-नेतृत्व वाली Criminal Assets Confiscation Taskforce इस फॉरेंसिक टीम को इस काम के लिए क्रेडिट दे रही है।

यदि अदालत इन फंड्स को जब्ती के आदेश देती है, तो ये रकम सरकार के खाते में जाएगी और बाद में Tony Burke के नेतृत्व वाले गृह मंत्रालय द्वारा अपराध-रोधी कार्यक्रमों में पुनः वितरित की जा सकती है। 

प्रासंगिकता और संदेश

यह मामला इस बात का उदाहरण है कि कैसे पारंपरिक अपराध-रोधी एजेंसियाँ अब क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल परिसंपत्तियों की दुनिया में सक्रिय हो रही हैं। एक ओर जहाँ क्रिप्टो वॉलेट सुरक्षा और गोपनीयता का प्रतीक है, वहीं इस तरह की तकनीकी जाँच यह संदेश देती है कि “गोपनीयता” हमेशा अनंत सुरक्षित नहीं होती।

विशेष रूप से यह मामला उन अपराधियों के लिए चेतावनी है जो क्रिप्टो को “छुपाने” के लिए जटिल तरीकों का इस्तेमाल करते हैं। अपराध-रोधी एजेंसियाँ अब सिर्फ पारंपरिक बैंक खातों तक सीमित नहीं, बल्कि डिजिटल वॉलेट, मोबाइल नोट्स, छवियों में छुपी कुंजियाँ आदि तक पहुँच रही हैं।

निष्कर्ष

ऑस्ट्रेलियाई पुलिस की इस सफलता से साइबर फॉरेंसिक तथा ब्लॉकचेन-फोकस्ड जांच का महत्व बढ़ गया है। यह दिखाता है कि क्रिप्टो-एसेट्स के खिलाफ अपराध-रोधी कदमों में तकनीकी साहस और नवाचार कितना महत्वपूर्ण है। आगे देखने वाली बात यह है कि इस सफलता के बाद अन्य देशों में भी इस तरह की जांच-प्रक्रियाएँ कितनी तेजी से अपनाई जाती हैं।

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