भारत की प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX ने अपनी 2025 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की है जिसमें साफ हुआ है कि भारतीय निवेशक अब क्रिप्टोकरेंसी में सिर्फ शॉर्ट-टर्म मुनाफा देखने वाले ट्रेडर नहीं रहे बल्कि दीर्घ-काल निवेशक बनते जा रहे हैं। रिपोर्ट में यह कहा गया है कि निवेशक अब अचानक मुनाफे के बजाय रिसर्च-भारित पोर्टफोलियो और लंबी अवधि के दृष्टिकोण की ओर अग्रसर हैं।
कैसे बदला निवेशकों का व्यवहार
रिपोर्ट के अनुसार FY25 में CoinDCX ने कुल ₹51,333 करोड़ का ट्रेडिंग वॉल्यूम दर्ज किया। लेकिन वह असली कहानी इन पैसों में नहीं बल्कि निवेशकों के बदलते व्यवहार में है। CoinDCX का कहना है कि अब उपयोगकर्ता औसतन 5 क्रिप्टो टोकन होल्ड करते हैं, जबकि 2022 में यह संख्या 2-3 थी।
यह आंकड़ा दिखाता है कि निवेशक सिर्फ एक सिक्के (जैसे कि Bitcoin) में भरोसा करने की बजाय अपने रिस्क को फैलाते हुए कई टोकन में निवेश कर रहे हैं। इसके अलावा रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि लगभग 43.3 प्रतिशत निवेशक लेयर-1 टोकन को प्राथमिकता दे रहे हैं, जो कि क्रिप्टो को सिर्फ सट्टा समझने के बजाय एक विविध और रिसर्च आधारित निवेश विकल्प के रूप में देख रहे हैं।
मेट्रो से आगे, छोटे शहरों में क्रिप्टो लोकप्रिय
एक और बड़ा बदलाव यह है कि अब क्रिप्टो अपनाने का केंद्र सिर्फ बड़े शहर नहीं रहे। CoinDCX का कहना है कि देश के छोटे (टियर-2 और टियर-3) शहरों में क्रिप्टो उपयोग और निवेश तेजी से बढ़ा है। इस बदलाव ने यह दिखाया है कि क्रिप्टो अब सिर्फ एलिट निवेशकों का नहीं रहा बल्कि आम मध्यवर्गीय निवेशक भी इसमें शामिल हो रहे हैं।
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विश्लेषक मानते हैं कि डिजिटल पेमेंट और निवेश-साधनों का अनुभव बढ़ने, इंटरनेट वॉलेट्स की पहुंच व स्मार्टफोन के उपयोग के कारण यह रुझान आया है। अब क्रिप्टो, शेयर या म्यूचुअल फंड जैसा एक वैकल्पिक एसेट क्लास बनकर उभरा है।
निवेशक क्रिप्टो को दीर्घकालिक क्यों मान रहे हैं?
पारंपरिक निवेश मार्ग जैसे शेयर, फ़िक्स्ड डिपॉज़िट (FD) या गोल्ड वर्तमान में अपेक्षाकृत स्थिर लेकिन कम रिटर्न दे रहे हैं। इसके विपरीत क्रिप्टो में अस्थिरता ज्यादा है लेकिन उच्च लाभ की संभावना भी है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में पहले टैक्स और नियामकीय अस्पष्टता को लेकर निवेशक अनिश्चिंत थे, लेकिन 2025 में वैश्विक क्रिप्टो-नियमन में सुधार और पारदर्शिता बढ़ने से निवेशकों का विश्वास मजबूत हुआ है।
CoinDCX के सह-संस्थापक का कहना है कि भारत अब उस मोड़ पर है जहाँ क्रिप्टो सिर्फ एक अल्पकालीन सट्टा नहीं बल्कि दीर्घकालीन संपति बनने की ओर बढ़ रहा है।
क्या यह बदलाव निवेशकों के लिए अच्छा संकेत है?
हां, दीर्घकालीन निवेश का रुझान यह दिखाता है कि निवेशक अब क्रिप्टो को लेकर गंभीर हो रहे हैं। वे जल्दबाज़ी में लाभ के बजाय स्थिरता, विविधता और जोखिम प्रबंधन को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे यह संभावना बढ़ जाती है कि क्रिप्टो मार्केट में बुल-चक्र फिर से आ सकते हैं।
लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव जोखिमों को पूरी तरह खत्म नहीं करता। क्रिप्टो की अस्थिर प्रकृति, नियामकीय अनिश्चितता और वैश्विक आर्थिक प्रभाव अभी भी बने हुए हैं। इसलिए निवेशकों को संतुलित एवं समझदारी से निवेश करना चाहिए।
CoinDCX क्या कह रहा है?
CoinDCX का कहना है कि वे अब सिर्फ एक ट्रेडिंग एक्सचेंज नहीं रहें। वे उपयोगकर्ता शिक्षा, सुरक्षा प्रोटोकॉल, पारदर्शिता रिपोर्ट और लंबे निवेश की संस्कृति को बढ़ावा दे रहे हैं। उनकी नई नीतियाँ दिखाती हैं कि भारत में क्रिप्टो निवेश धीरे-धीरे परिपक्व हो रहा है।
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