दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। ब्लॉकचेन तकनीक की पारदर्शिता और सुरक्षा के दावों के बावजूद, अपराधी नए-नए तरीकों से निवेशकों को ठग रहे हैं। फर्जी निवेश योजनाओं, फ़िशिंग हमलों, रग-पुल स्कैम और हैकिंग जैसी घटनाओं ने अरबों डॉलर का नुकसान पहुँचाया है।

कई बार लोग ऊँचे मुनाफ़े के लालच में बिना पर्याप्त जानकारी जुटाए ही धन निवेश कर देते हैं, जिससे वे धोखेबाज़ों के जाल में फँस जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नियामक संस्थाएँ अभी भी इस उभरते क्षेत्र के लिए ठोस कानूनी ढांचा तैयार करने में जुटी हुई हैं, लेकिन इसके अभाव में निवेशकों की सुरक्षा लगातार चुनौती बनी हुई है।

चेनलिसिस के ‘2025 क्रिप्टो अपराध मध्य-वर्ष अपडेट’ (2025 Crypto Crime Mid-year Update) के अनुसार, इस वर्ष की पहली छमाही में $2.17 अरब से अधिक की राशि क्रिप्टो सेवाओं से चोरी हो चुकी है, जो पूरे 2024 की चोरी को पार कर गया है। इस गति से यदि वर्ष के बाकी महीनों में यही रफ्तार रही, तो चोरी की कुल राशि $4 अरब से भी अधिक हो सकती है।

ByBit हैक: सबसे बड़ा एकल मामला

इस वर्ष की सबसे बड़ी चोरी ByBit ने झेली, जहाँ लगभग $1.5 अरब चोरी हो गया। यह अब तक का सबसे बड़ा क्रिप्टो हैक है और इसमें चोरी गए कुल शेष भाग का लगभग 69% हिस्सा है। यह घटना उत्तर कोरिया द्वारा समर्थित साइबर अपराधियों से जोड़कर देखी जा रही है।

व्यक्तिगत वॉलेट अब नया निशाना

चेनलिसिस रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि व्यक्तिगत वॉलेट्स पर हमलों की संख्या बड़ी तेजी से बढ़ रही है। ये अब कुल चोरी गए फंड का 23.35% हिस्से को प्रभावित कर रहे हैं। इस तरह की चोरी में अधिकांश राशि अभी ब्लॉकचेन पर idle है — व्यक्तिगत वॉलेट्स से $8.5 अरब, और सर्विसेज़ से $1.28 अरब चोरी गए फंड अभी भी लेन-देन नहीं हुआ है।

भू-राजनीतिक और क्षेत्रीय प्रवृत्तियाँ

दो हजार पच्चीस में, सबसे ज्यादा करप्टो फ्रॉड के मामले यूएस, जर्मनी, रूस, कनाडा, जापान, इंडोनेशिया और दक्षिण कोरिया में देखे गए हैं। वहीं, व्यक्तिगत वॉलेट्स पर हमलों का विस्तार सबसे तेज़ी से पूर्वी यूरोप, MENA क्षेत्र और CSAO देशों में देखा गया है।

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CoinDCX हैक

चेनलिसिस की रिपोर्ट आने के तुरंत बाद, भारत में CoinDCX नामक क्रिप्टो एक्सचेंज पर 19 जुलाई 2025 को हैक हुआ, जिसमें लगभग $44 मिलियन का नुकसान हुआ। CoinDCX के संस्थापकों — सुमित गुप्ता और नीरज खंडेलवाल — ने कहा कि इस नुकसान को कंपनी के आंतरिक भंडार से कवर करेंगे।

क्या बदल रहा है खतरे का स्वरूप?

चेनलिसिस रिपोर्ट यह संकेत देती है कि अब हमलावर साधनों (services) से हटकर व्यक्तियों  को निशाना बना रहे हैं, खासकर जो बड़े मात्रा में क्रिप्टो होल्ड करते हैं। साथ ही, “wrench attacks” यानी जब क्रिप्टो होल्डर पर शारीरिक हमला या बाध्यता कर चोरी की जाती है, उसमें भी वृद्धि देखी गई है। यह सभी संकेत एक उजागर करते हैं: सुरक्षा केवल तकनीकी उपायों तक सीमित नहीं रह सकती, अब यूज़र-साइकोलॉजी और व्यक्तिगत सुरक्षा भी मायने रखती हैं।

निष्कर्ष

दो हजार पच्चीस की पहली छमाही में $2.17 अरब की चोरी दर्शाती है कि यह वर्ष क्रिप्टो फ्रॉड का अब तक का सबसे खतरनाक हो सकता है। चाहे वह ByBit का रिकॉर्ड-ब्रेकिंग हैक हो या बढ़ते व्यक्तिगत हमले, चोरी बढ़ती जा रही है। भारत में CoinDCX की घटना यह बताती है कि यह समस्या सिर्फ अंतरराष्ट्रीय नहीं, बल्कि स्थानीय स्तर पर भी तीव्र है।

अगर यही रफ्तार रही, तो वर्ष के अंत तक कुल चोरी $4 अरब या उससे अधिक हो सकती है। इस परिदृश्य में न केवल तकनीकी सुरक्षा को मजबूत किया जाना आवश्यक है, बल्कि उपयोगकर्ताओं को शिक्षित करना, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन अपनाना, और फ्रॉड की चेतावनी प्रणालियाँ रखना भी अत्यंत महत्वपूर्ण हो गया है।