अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट-रेटिंग एजेंसी Fitch Ratings ने 8 दिसंबर 2025 को उन अमेरिकी बैंकों को आगाह किया है, जिनका क्रिप्टोकरेंसी या डिजिटल-एसेट्स (डीए) से जुड़ा व्यापार ज़्यादा है। एजेंसी का कहना है कि इन बैंकों की क्रेडिट रेटिंग पर पुनः विचार किया जा सकता है यदि उन बैंकें डिजिटल एसेट्स से जुड़ी जोखिमों का कुशल प्रबंधन नहीं करती हैं।
जोखिम की प्रमुख वजहें
Fitch के अनुसार, क्रिप्टो के साथ जुड़े बैंक कई तरह के क्रमागत जोखिमों का सामना कर सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख चुनौतियाँ इस प्रकार हैं: परिचालन और अनुपालन (compliance) संबंधी कठिनाइयाँ, डिजिटल एसेट्स की अस्थिरता की वजह से तरलता (liquidity) का खतरा, और ब्रांड छवि (reputation) पर असर।
एजेंसी ने यह भी कहा है कि यदि stablecoin निष्पादन, टोकनाइजेशन ऑफ डिपॉज़िट या ब्लॉकचेन आधारित सर्विसेज़ को बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है, तो इससे फाइनेंशियल सिस्टम में व्यापक अस्थिरता आ सकती है। इसका असर खासतौर पर अमेरिका के ट्रेजरी मार्केट पर पड़ सकता है।
क्रिप्टो से लाभ भी हैं पर शर्त के साथ
Fitch ने यह मान्यता दी है कि क्रिप्टो और ब्लॉकचेन सेवाओं को अपनाने से बैंकों को अतिरिक्त राजस्व, तेज़ लेनदेन, बेहतर ग्राहक सेवा और आधुनिक वित्तीय समाधान मिल सकते हैं। लेकिन इन फायदों के साथ जोखिमों का संतुलन बनाना ज़रूरी है, खासकर जब मूल्य अस्थिर और मालिकाना पहचान गुप्त हो।
कुन्खिन बैंकों की स्थिति
Fitch ने नाम नहीं लिया, लेकिन उसने संकेत दिया कि कुछ प्रमुख बैंक जैसे JPMorgan Chase, Bank of America, Citigroup और Wells Fargo आदि अगर डिजिटल एसेट्स के साथ अत्यधिक एक्सपोज़र रखते हैं, तो उनकी रेटिंग कम होने की संभावना है।
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नियामक माहौल पर सवाल
फिच की इस चेतावनी के समय अमेरिकी बैंकिंग क्षेत्र में नियामक दृष्टिकोण बदल रहा है। पिछले कुछ महीनों में कई संस्थाएं क्रिप्टो को अपनाने लगी हैं। फिर भी Fitch कहता है कि नियामक सुधारों के बावजूद डिजिटल एसेट्स के मूल्य उतार-चढ़ाव और सुरक्षा चुनौतियाँ कम नहीं हुई हैं। अगर ये जोखिम प्रबंधित नहीं हुए, तो बैंकिंग क्षेत्र को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
बैंकिंग क्षेत्र के लिए क्या मायने रखते हैं ये संकेत
अगर किसी बैंक की रेटिंग डाउन जाती है तो उसके लिए कई चुनौतियाँ उभर सकती हैं:
निवेशकों का विश्वास गिर सकता है
उधार लेने की लागत बढ़ सकती है
बैंक की वित्तीय स्थिति और विस्तार योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं
विशेषज्ञों का मानना है कि अब बैंकिंग संस्थाओं को क्रिप्टो एक्सपोज़र को सीमित करना चाहिए और अपने जोखिम प्रबंधन, पारदर्शिता और अनुपालन तंत्र को मजबूत करना चाहिए।
भारत सहित विश्व के अन्य बाजारों पर असर
हालाँकि यह रिपोर्ट अमेरिका पर केंद्रित है, फिर भी अगर बड़े बैंक क्रिप्टो क्षेत्र से पीछे हटने लगे तो वैश्विक क्रिप्टो पूँजी प्रवाह प्रभावित हो सकती है। इससे भारत जैसे देशों में क्रिप्टो बाजार की तरलता और निवेशकों का उत्साह कम हो सकता है।
कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में यदि व्यापक विनियमन और स्पष्ट नीतियाँ नहीं बनीं, तो विदेशी पूँजी का आना मुश्किल होगा। इसके विपरीत, मजबूत नियामक वकायदों और सुरक्षित बैंकिंग वातावरण से निवेशकों का भरोसा बना रह सकता है।
निष्कर्ष
Fitch की नई चेतावनी बताती है कि क्रिप्टो और बैंकिंग का मेल वित्तीय नवाचार का अवसर प्रस्तुत करता है, लेकिन जोखिम कम नहीं हुए हैं। बैंकों को सतर्कता के साथ आगे चलना होगा। अगर वे डिजिटल एसेट्स से जुड़े जोखिमों पर सही नियंत्रण ही रखें तो क्रिप्टो-बैंकिंग सहयोग से लाभ मिलेगा।
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