डेसेंट्रलाइज़्ड परपेचुअल डेरिवेटिव एक्सचेंज हाइपरलिक्विड लैब्स (Hyperliquid Labs) ने अपने समुदाय के बीच उठी HYPE टोकन शॉर्टिंग विवाद पर अपनी आधिकारिक स्थिति स्पष्ट करते हुए बताया है कि विवादित वॉलेट पूर्व कर्मचारी से जुड़ा है, न कि वर्तमान टीम के किसी सदस्य से। कंपनी ने यह भी दोहराया है कि उसके सभी कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्टर्स कठोर नैतिक मानकों और ट्रेडिंग नीतियों के अधीन हैं।
समुदाय में कुछ हफ्ते पहले यह चर्चा तेज़ हो गई थी कि एक विशिष्ट वॉलेट (0x7ae4…1028) ने HYPE टोकन में शॉर्ट पोज़िशन लिया और काफी मात्रा में टोकन बेचा है, जिसे कई लोगों ने इनसाइडर ट्रेडिंग का संकेत माना था। इस वॉलेट को पहले कई उपयोगकर्ताओं ने हाइपरलिक्विड टीम के आंतरिक वॉलेट के रूप में लिंक किया था, जिससे बाजार में संदेह और असमंजस की स्थिति उत्पन्न हुई थी।
Hyperliquid की आधिकारिक सफाई
हाइपरलिक्विड के सह-संस्थापक इलिएंसिंक (Iliensinc) ने कंपनी के डिस्कॉर्ड (Discord) चैनल पर यह स्पष्ट किया कि वॉलेट वास्तव में एक पूर्व कर्मचारी का है, जिसे 2024 की पहली तिमाही में कंपनी से निकाल दिया गया था। उनके अनुसार:
यह व्यक्ति अब Hyperliquid Labs से पूरी तरह अलग है
उसके द्वारा किए गए ट्रेड कंपनी की जानकारी, सहमति या नीति का प्रतिनिधित्व नहीं करते
मौजूदा टीम का इस गतिविधि से कोई संबंध नहीं है
कर्मचारियों के लिए सख्त ट्रेडिंग नीति
हाइपरलिक्विड ने अपने बयान में यह भी उल्लेख किया कि कंपनी के सभी वर्तमान कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्टर्स को HYPE टोकन में डेरिवेटिव ट्रेडिंग (शॉर्ट या लॉन्ग) करने पर सख्त प्रतिबंध है। इसके अलावा, गैर-सार्वजनिक जानकारी का उपयोग करके ट्रेडिंग करना पूरी तरह से मना है। इसका उल्लंघन तुरंत कंपनी से समाप्ति और संभावित कानूनी कार्रवाई का कारण बनता है।
इस स्पष्टिकरण का उद्देश्य समुदाय में फैली गलतफहमियों और अफवाहों को समाप्त करना था, क्योंकि कुछ निवेशकों और ऑन-चेन विश्लेषकों ने वॉलेट के गतिविधि पैटर्न को देखकर संदेह जताया था कि यह संभवतः अंदरूनी जानकारी के आधार पर किया गया ट्रेड था। हाइपरलिक्विड ने इन सभी दावों का खंडन करते हुए कहा कि यह मामला पूरी तरह से व्यक्ति विशेष की गतिविधि थी और इसका कंपनी द्वारा अनुमोदन नहीं था।
बाजार पर प्रभाव और HYPE टोकन की स्थिति
HYPE टोकन, जिसे November 2024 में लॉन्च किया गया था, ने शुरुआत में सकारात्मक रुझान दिखाए और कुछ समय में $60 के पास पहुँच गया, लेकिन बाद में कीमत में गिरावट आई। कॉइनगेको (CoinGecko) के आंकड़ों के अनुसार, 2025 तक यह टोकन लगभग 24% की गिरावट के साथ $25.40 के स्तर पर कारोबार कर रहा था, हालांकि लॉन्च के बाद से इसकी कुल वृद्धि लगभग 290% रही है।
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कुछ विश्लेषकों ने यह भी बताया है कि विवादित वॉलेट ने पहले कुछ महीनों में 70,000 से अधिक HYPE टोकन बेचे, जिससे उसके होल्डिंग्स में भारी कटौती आई और वह ट्रेडिंग गतिविधि HYPE की कीमत पर दबाव डाल सकती है। ऐसे व्यवहार ने बाजार में अस्थिरता और संदेह का माहौल पैदा किया।
भविष्य की रणनीति
हाइपरलिक्विड लैब्स ने अपने बयान में यह भी दोहराया है कि कंपनी डीफाई (DeFi) वॉलेट्स और ट्रेडिंग मंच के रूप में पारदर्शिता और विश्वसनीयता को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। साथ ही, कंपनी ने अपने समुदाय को बताया कि वह अंदरूनी ट्रेडिंग रोकने के लिए और भी कठोर नीतियां लागू कर रही है और भविष्य में इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी करेगी।
कुल मिलाकर, हाइपरलिक्विड (Hyperliquid) के इस स्पष्टिकरण ने प्रभावित निवेशकों के बीच कुछ हद तक विश्वास बहाल किया है, हालांकि यह घटना डीफाई और क्रिप्टो-संपत्ति बाजारों में पारदर्शिता और कर्मचारियों के कार्यों पर नियंत्रण की आवश्यकता को एक बार फिर से उजागर करती है।
निष्कर्ष
हाइपरलिक्विड के समुदाय के बीच फैली HYPE टोकन शॉर्टिंग की अफवाहों का स्रोत एक पूर्व कर्मचारी के ट्रेडिंग व्यवहार से जुड़ा हुआ पाया गया है, जिसे कंपनी ने स्पष्ट रूप से अपनी टीम से अलग बताया है। Hyperliquid ने यह भी दोहराया कि उसके वर्तमान कर्मचारियों से इस प्रकार की ट्रेडिंग हमेशा प्रतिबंधित है, जिससे बाजार में विश्वास और पारदर्शिता को मजबूत करने की कोशिश की जा रही है।
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