वैश्विक परामर्श कंपनी अर्न्स्ट एंड यंग (EY) ने भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है। पहले कंपनी ने चालू वित्त वर्ष 2025-26 के लिए वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत आंकी थी। EY का कहना है कि मजबूत निवेश, विनिर्माण क्षेत्र में सुधार और उपभोग की बेहतर स्थिति से भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में अपनी स्थिति बनाए रखेगा।
EY इंडिया की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हाल के महीनों में विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में निरंतर मजबूती देखी गई है। उद्योगों के उत्पादन स्तर में सुधार, विदेशी निवेश के प्रवाह और सरकारी पूंजीगत व्यय में इज़ाफ़ा ने अर्थव्यवस्था को गति दी है। साथ ही, मुद्रास्फीति के स्तर में अपेक्षाकृत स्थिरता और कृषि उत्पादन में सुधार की उम्मीदों ने भी सकारात्मक संकेत दिए हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक परिदृश्य अभी भी चुनौतीपूर्ण है। अमेरिका और यूरोप में आर्थिक मंदी की आशंका, चीन में धीमी रिकवरी और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सुस्ती भारत के निर्यात क्षेत्र पर दबाव डाल सकते हैं। इसके बावजूद EY का मानना है कि घरेलू मांग की मजबूती और सरकार की संरचनात्मक सुधार नीतियां भारत को अपेक्षाकृत सुरक्षित स्थिति में रखती हैं।
निवेश और रोजगार पर उम्मीदें
EY ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में बुनियादी ढांचा, डिजिटल अर्थव्यवस्था, अक्षय ऊर्जा और निर्माण क्षेत्र में निवेश बढ़ने से रोजगार सृजन की संभावनाएं तेज होंगी। भारत सरकार द्वारा सेमीकंडक्टर और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को प्रोत्साहन देने की योजनाएं भी आर्थिक वृद्धि में नया अध्याय जोड़ सकती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि भारत विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखता है और कौशल विकास कार्यक्रमों को तेज़ी से लागू करता है तो अगले कुछ वर्षों में जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत से ऊपर भी जा सकती है।
चुनौतियों से निपटना होगा
हालांकि EY ने चेतावनी दी है कि जलवायु परिवर्तन, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और वैश्विक वित्तीय बाजारों की अनिश्चितता भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जोखिम बने रहेंगे। इसके अलावा, घरेलू स्तर पर ग्रामीण मांग को स्थिर बनाए रखना और रोजगार की गुणवत्ता सुधारना सरकार के लिए अहम चुनौती होगी।
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अर्थशास्त्रियों का मानना है कि देश को अपनी ऊर्जा आयात पर निर्भरता कम करने और निर्यात विविधीकरण की दिशा में और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही, कृषि क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और बेहतर आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त किया जा सकता है।
सरकार की भूमिका अहम
सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना और "मेक इन इंडिया" पहल ने निवेशकों को भरोसा दिया है। EY की रिपोर्ट के मुताबिक, यदि ये योजनाएं पूरी तरह सफल होती हैं तो भारत आने वाले वर्षों में न केवल घरेलू मांग बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भी महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन सकता है।
वित्त मंत्रालय ने EY की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह भारत की सही दिशा में बढ़ती अर्थव्यवस्था का प्रमाण है। मंत्रालय ने भरोसा जताया कि अगले दशक में भारत विश्व की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में शामिल हो जाएगा।
निष्कर्ष
EY का 6.7 प्रतिशत का संशोधित अनुमान इस बात का प्रमाण है कि भारत की अर्थव्यवस्था वैश्विक दबावों के बावजूद मजबूत नींव पर खड़ी है। निवेश, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में सुधार ने विकास को नई ऊर्जा दी है।
हालांकि चुनौतियां कम नहीं हैं, लेकिन यदि सुधारों की गति बनी रही और घरेलू मांग को और मज़बूत किया गया, तो भारत न केवल 6.7 प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करेगा बल्कि आने वाले वर्षों में सात प्रतिशत से भी ऊपर की रफ्तार पकड़ सकता है।
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