अघोषित क्रिप्टोकरेंसी आय पर सख्त कार्रवाई करते हुए भारत के आयकर विभाग ने 44,057 व्यक्तियों को नोटिस भेजे हैं, जिन्होंने अपने आयकर रिटर्न में वर्चुअल डिजिटल एसेट (वीडीए) से हुई कमाई की जानकारी नहीं दी थी।

यह बड़े पैमाने पर की गई कार्रवाई केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के NUDGE अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य ईमेल और मैसेजिंग चैनलों के माध्यम से रिमाइंडर भेजकर स्वैच्छिक अनुपालन को प्रोत्साहित करना है।

राज्यसभा में 5 अगस्त को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि सीबीडीटी ने हाल ही में NUDGE (Non-Intrusive Usage of Data to Guide and Enable) अभियान शुरू किया है, जिसके तहत 44,057 ईमेल और संदेश चुनिंदा करदाताओं को भेजे गए हैं, जिन्होंने वीडीए में निवेश और कारोबार किया था, लेकिन अपने आयकर रिटर्न के शेड्यूल वीडीए में इन लेन-देन का उल्लेख नहीं किया।

NUDGE अभियान

NUDGE में नॉन-फाइलर मॉनिटरिंग सिस्टम (NMS) और प्रोजेक्ट इनसाइट जैसे उन्नत डेटा एनालिटिक्स टूल का उपयोग किया जाता है।

ये सिस्टम वर्चुअल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स (VASPs) द्वारा रिपोर्ट किए गए वर्चुअल डिजिटल एसेट लेन-देन की तुलना व्यक्तिगत आयकर रिटर्न से करते हैं। जब भी शेड्यूल वीडीए में दी गई जानकारी में विसंगति पाई जाती है, तो मामला आगे की कार्रवाई के लिए चिह्नित कर दिया जाता है।

अघोषित आय का खुलासा

वित्तीय वर्ष 2022–23 और 2023–24 के दौरान हुई हालिया जांचों में क्रिप्टो लेन-देन से जुड़े लगभग ₹630 करोड़ के अघोषित आय का पता चला। इसके विपरीत, करदाताओं ने इसी अवधि में लगभग ₹706 करोड़ की वीडीए से संबंधित आय स्वेच्छा से घोषित की थी।

सख्ती में इज़ाफ़ा

नोटिस भेजना सीबीडीटी की व्यापक प्रवर्तन रणनीति का केवल एक चरण है। विभाग ने आयकर अधिनियम, 1961 के तहत पुनर्मूल्यांकन नोटिस, सर्वे ऑपरेशन और तलाशी-जब्ती की कार्रवाइयां भी शुरू की हैं। इन कार्रवाइयों का निशाना न केवल व्यक्तिगत ट्रेडर्स बल्कि वे क्रिप्टो एक्सचेंज भी हैं, जिन पर कर चोरी में सहायक होने का संदेह है।

भारत का कड़ा क्रिप्टो कर ढांचा

भारत क्रिप्टो संपत्तियों पर दुनिया के सबसे सख्त कर ढांचों में से एक अपनाता है—धारा 115BBH के तहत वीडीए से होने वाले लाभ पर समान 30% कर और प्रत्येक लेन-देन पर 1% स्रोत पर कर कटौती (TDS) लागू है। इसके अलावा, एक्सचेंज द्वारा दी जाने वाली सेवाओं पर 18% जीएसटी भी लगाया जाता है।

हालांकि इन कर नियमों का उद्देश्य व्यापक रिपोर्टिंग सुनिश्चित करना है, लेकिन आलोचकों का कहना है कि भारी कर बोझ के कारण निवेशक ऑफशोर प्लेटफॉर्म की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे प्रवर्तन और भी चुनौतीपूर्ण हो गया है।

भारत में क्रिप्टो टैक्स चोरी के खिलाफ बढ़ती प्रवर्तन कार्रवाई यह संकेत देती है कि सरकार डिजिटल संपत्ति की आय पर नियंत्रण कड़ा करने के लिए प्रतिबद्ध है। 

NUDGE अभियान और बढ़ता कानूनी दबाव बाज़ार को औपचारिक अनुपालन की ओर ले जाएगा या गतिविधियों को विदेशों में धकेलेगा—यह भारत के क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र के भविष्य के लिए एक अहम सवाल बना हुआ है।