जापान ने डिजिटल वित्त की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपना पहला येन-समर्थित स्टेबलकॉइन JPYC लॉन्च किया है।

टोक्यो स्थित फिनटेक कंपनी JPYC Inc. द्वारा विकसित यह स्टेबलकॉइन जापानी येन के साथ 1:1 के अनुपात में जुड़ा हुआ है और बैंक जमा तथा सरकारी बॉन्ड द्वारा पूरी तरह समर्थित है। कंपनी का दावा है कि JPYC न केवल एक सुरक्षित डिजिटल भुगतान साधन होगा, बल्कि यह जापान की वित्तीय नवाचार नीति में एक नया मील का पत्थर साबित होगा।

कंपनी ने एक बयान में कहा कि JPYC सोमवार से लाइव हो गया है और इसे जापान के भीतर और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल ट्रांजैक्शनों में उपयोग के लिए बनाया गया है।

JPYC का लॉन्च ऐसे समय पर हुआ है जब वैश्विक स्टेबलकॉइन बाजार, जो फिलहाल 308 बिलियन डॉलर से अधिक के बाजार पूंजीकरण तक पहुंच चुका है, में अमेरिकी डॉलर से जुड़ी मुद्राओं जैसे USDT और USDC, का दबदबा है।

जापानी मुद्रा इतिहास में ‘महत्वपूर्ण पड़ाव’

टोक्यो में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में JPYC के अध्यक्ष नोरियोशी ओकाबे ने कहा कि यह लॉन्च “जापानी मुद्रा के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव” है। उन्होंने बताया कि सात प्रमुख कंपनियों ने पहले ही JPYC को अपनाने में रुचि दिखाई है, जो यह दर्शाता है कि जापान की कॉर्पोरेट दुनिया डिजिटल करेंसी के भविष्य को लेकर गंभीर है।

ओकाबे के अनुसार, JPYC केवल एक डिजिटल टोकन नहीं है, बल्कि यह “एक नए सामाजिक बुनियादी ढांचे के निर्माण की दिशा में पहला कदम” है।

कंपनी ने अगले तीन वर्षों में 10 ट्रिलियन येन की परिसंचारी आपूर्ति का लक्ष्य रखा है, जिससे जापान के भीतर डिजिटल भुगतान प्रणाली को और अधिक आधुनिक और पारदर्शी बनाया जा सकेगा।

पारदर्शिता और सुरक्षा पर जोर

JPYC के साथ-साथ कंपनी ने JPYC EX नामक एक समर्पित प्लेटफॉर्म भी लॉन्च किया है। यह प्लेटफॉर्म टोकन जारी करने और रिडीम करने की प्रक्रिया को सरल और सुरक्षित बनाता है।

प्लेटफॉर्म को “अपराधिक आय हस्तांतरण की रोकथाम अधिनियम” के तहत संचालित किया जाएगा, जिससे लेनदेन में पारदर्शिता और पहचान सत्यापन सुनिश्चित होगा।

उपयोगकर्ता अपने बैंक खातों से येन जमा कर JPYC प्राप्त कर सकते हैं, और बाद में उसी प्रणाली के माध्यम से उन्हें फिर से येन में रिफंड प्राप्त करने की सुविधा भी होगी।

यह व्यवस्था जापान के वित्तीय नियामक ढांचे के अनुरूप बनाई गई है, ताकि पारंपरिक बैंकिंग और क्रिप्टो अर्थव्यवस्था के बीच एक भरोसेमंद पुल स्थापित किया जा सके।

वैश्विक प्रतिस्पर्धा में जापान की नई भूमिका

JPYC का लॉन्च न केवल जापान की डिजिटल नीति के लिए अहम है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर डॉलर-आधारित स्टेबलकॉइनों के प्रभुत्व को चुनौती देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

वर्तमान में USDT (Tether) और USDC (Circle) जैसे स्टेबलकॉइन बाजार पर हावी हैं, लेकिन जापान की मजबूत बैंकिंग प्रणाली और नियामक पारदर्शिता JPYC को एक भरोसेमंद विकल्प बना सकती है।

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मार्च 2024 में, अमेरिकी कंपनी सर्किल (Circle) ने भी जापान में अपना USDC लॉन्च किया था, जिससे यह स्पष्ट है कि जापान एशिया में स्टेबलकॉइन नवाचार का नया केंद्र बन रहा है।

अन्य दावेदार भी तैयार

JPYC शायद जापान की आखिरी स्टेबलकॉइन परियोजना नहीं होगी। टोक्यो की वित्तीय सेवा कंपनी मोनएक्स ग्रुप (Monex Group) ने अगस्त में घोषणा की थी कि वह भी अपनी येन-पेग्ड स्टेबलकॉइन  लॉन्च करने की तैयारी में है।

इसके अलावा, जापान के तीन प्रमुख बैंक - मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (MUFG), सुमितोमो मित्सुई बैंकिंग कॉर्प (SMBC) और मिज़ुहो बैंक (Mizuho Bank) - MUFG के प्रोगमैट (Progmat) प्लेटफॉर्म पर संयुक्त रूप से एक येन-समर्थित स्टेबलकॉइन जारी करने की योजना पर काम कर रहे हैं।

इस बीच, जापान की वित्तीय सेवा एजेंसी (FSA) भी नियमों की समीक्षा कर रही है, जो बैंकों को बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी को निवेश उद्देश्यों के लिए रखने की अनुमति दे सकता है।

यदि यह प्रस्ताव पारित होता है, तो जापान विश्व के उन कुछ देशों में शामिल हो जाएगा जहां पारंपरिक वित्तीय संस्थानों को डिजिटल परिसंपत्तियों में निवेश की औपचारिक अनुमति होगी।

निष्कर्ष

JPYC का आगमन न केवल जापान की मुद्रा प्रणाली को डिजिटल युग में प्रवेश कराने वाला कदम है, बल्कि यह विश्व स्तर पर स्टेबलकॉइन बाजार में नई प्रतिस्पर्धा भी पैदा करेगा।

जहां एक ओर यह कदम जापानी अर्थव्यवस्था को वैश्विक डिजिटल वित्त के केंद्र में लाने की क्षमता रखता है, वहीं दूसरी ओर यह निवेशकों और उपभोक्ताओं के लिए एक अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और स्थानीय रूप से समर्थित डिजिटल मुद्रा विकल्प भी प्रदान करेगा।

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