ग्लोबल मेक्रो एनालिस्ट ल्यूक ग्रोमन ने हाल ही में बिटकॉइन (BTC) के बारे में अपनी टोन को बदलते हुए निकट अवधि के लिए बेयरिश (निराशावादी) संकेत दिया है। ग्रोमन, जिन्हें पारंपरिक रूप से बिटकॉइन को फिएट मुद्रा के अवमूल्यन के खिलाफ सुरक्षा के रूप में समर्थन करने के लिए जाना जाता था, ने अब कहा है कि बिटकॉइन कमजोर दिखता है और 2026 तक इसका मूल्य $40,000 तक गिर सकता है।
बिटकॉइन सोने की तुलना में पिछड़ रहा है
ग्रामीण बाजार स्थितियों और तकनीकी संकेतकों के बदलते परिदृश्य को देखते हुए, ग्रोमन ने चेतावनी दी है कि बिटकॉइन सोने की तुलना में पिछड़ रहा है और इसके प्रमुख तकनीकी स्तर ब्रेकडाउन हो चुके हैं। इसके अलावा, क्वांटम कंप्यूटिंग से जुड़ी कथित जोखिमों पर बातचीत निवेशकों को और अधिक सतर्क कर रही है।
ग्रोमन का मूल तर्क
ग्रोमन का मूल तर्क यह है कि फिएट मुद्राओं का मूल्य समय के साथ कम होता जाएगा, जिससे निवेशक संकीर्ण और सीमित आपूर्ति वाले संपत्तियों जैसे सोना और बिटकॉइन की ओर रुझान करते हैं। हालांकि, वर्तमान स्थितियों में उन्होंने कहा कि सोना और कुछ चुनी हुई इक्विटी इस भूमिका को बेहतर तरीके से निभा रहे हैं जबकि बिटकॉइन पीछे छूटता दिख रहा है।
हालांकि, ग्रोमन की बात केवल बिटकॉइन के उत्थान के खिलाफ एक पूर्ण अस्वीकृति नहीं है, बल्कि यह एक रणनैतिक समायोजन है। उन्होंने खुलासा किया है कि वे अपने अवमूल्यन (debasement) ट्रेड सिद्धांत से पूरी तरह चिपके हुए हैं। पर वर्तमान टेक्निकल और मैक्रो इकोनॉमिक संकेतकों के कारण बिटकॉइन की निकट अवधि जोखिम इनाम प्रोफाइल कमज़ोर हो गई है।
बिटकॉइन का $90,000 के नीचे उतरना
बिटकॉइन का $90,000 के नीचे उतरना और प्रमुख मूविंग एवरेज का टूटना इस बात का संकेत है कि बाजार की सहनशीलता कम हो रही है। कुछ विश्लेषक इसे केवल अल्पकालिक कमजोरी की निशानी मानते हैं, जबकि ग्रोमन इसे एक गंभीर चेतावनी के रूप में देख रहे हैं।
इसके अलावा, बिटकॉइन के सोने के प्रति प्रदर्शन में पिछड़ना भी एक प्रमुख मुद्दा है। परंपरागत रूप से निवेशक सोने को सुरक्षित संपत्ति के रूप में देखते हैं, खासकर जब बाजार में अस्थिरता और मुद्रास्फीति का डर हो। यदि बिटकॉइन इन स्थितियों में सोने की तुलना में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता है, तो इसकी “डिबेसमेंट ट्रेड” भूमिका पर भी सवाल उठते हैं।
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इसके साथ ही, क्वांटम कंप्यूटिंग (Quantum Computing) के संभावित जोखिमों पर बढ़ती चर्चा ने भी निवेशकों के बीच भय पैदा किया है। हालांकि अधिकांश क्रिप्टोग्राफर मानते हैं कि क्वांटम हमले अभी दूर की संभावना हैं, फिर भी बाजार धारणा इस विषय को समय से पहले ही बड़ा जोखिम मानने लगी है।
बिटकॉइन समर्थक विश्लेषक इस दृष्टिकोण से असहमत
इस व्यापक पृष्ठभूमि में, बिटकॉइन समर्थक विश्लेषक इस दृष्टिकोण से असहमत हैं। वे कहते हैं कि ‘ब्रोकन मूविंग एवरेज’ और सोने के मुकाबले कमजोर प्रदर्शन कभी-कभी केवल कमजोर बाजार चरण का संकेत होते हैं, न कि दीर्घकालिक क्षीणता का। कुछ ऑन-चेन विश्लेषक यह भी कहते हैं कि ग्रोमन का विश्लेषण शायद सोशल मीडिया पर चर्चा के आधार पर अधिक ध्यान केंद्रित करता है बजाय वास्तविक और मूल डेटा के।
बहरहाल, ग्रोमन की टिप्पणी याद दिलाती है कि बड़े निवेशक और मेक्रो विश्लेषक भी अपनी दृष्टि और रणनीतिक स्थिति बदल सकते हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि बिटकॉइन का मौजूदा बाजार परिदृश्य पिछले कुछ महीनों में काफी बदल गया है और निवेशकों को तीव्र उतार-चढ़ाव के लिए तैयार रहना होगा।
यह भी ध्यान देने योग्य है कि कुछ डेटा संकेत करते हैं कि यूएस स्पॉट बिटकॉइन ETF में हाल ही में थोड़े से निवेश प्रवाह वापस आ रहे हैं, जो यह इंगित करता है कि संस्थागत निवेशक पूरी तरह से बाजार से निष्क्रिय नहीं हुए हैं।
निष्कर्ष
ल्यूक ग्रोमन की ताज़ा टिप्पणी ने बिटकॉइन बाजार में एक नई बहस छेड़ दी है। जबकि उन्होंने अंतर्निहित डिबेसमेंट ट्रेड सिद्धांत का समर्थन जारी रखा है, निकट अवधि के लिए उनके बेयरिश संकेत यह दर्शाते हैं कि बाजार अभी अस्थिर और संवेदनशील है।
इसके बावजूद, दीर्घकालिक निवेशक धैर्य बनाए रख सकते हैं, पर तात्कालिक ट्रेडिंग और जोखिम प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है। यह स्पष्ट है कि बिटकॉइन के भविष्य का रास्ता केवल तकनीकी संकेतकों से नहीं बल्कि वैश्विक मैक्रो स्थितियों और निवेशकों की धारणा से भी निर्धारित होगा।
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