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पाकिस्तान की वित्तीय राह बिटकॉइन और ब्लॉकचेन से तय होनी चाहिए, मंत्री ने कहा

पाकिस्तान ने बिटकॉइन और डिजिटल एसेट्स को अपनी नई वित्तीय संरचना के केंद्र में रखा है।

पाकिस्तान की वित्तीय राह बिटकॉइन और ब्लॉकचेन से तय होनी चाहिए, मंत्री ने कहा
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संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित ‘बिटकॉइन MENA 2025’ कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान की बिटकॉइन और ब्लॉकचेन को लेकर नई सोच ने वैश्विक वित्तीय जगत का ध्यान अपनी ओर खींचा है। कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के क्रिप्टो और ब्लॉकचेन क्षेत्र प्रमुख प्रतिनिधि बिलाल बिन साकिब ने कहा कि बिटकॉइन, ब्लॉकचेन और डिजिटल एसेट्स को अब केवल सट्टेबाज़ी के साधन की तरह नहीं देखा जाना चाहिए। उनके अनुसार, यह तकनीकें खासकर ग्लोबल साउथ के देशों के लिए ‘नई वित्तीय रेल’ का काम कर सकती हैं, जहां पारंपरिक आर्थिक प्रणालियाँ कई बार विकास को गति देने में विफल रही है।

उनके इस बयान को केवल एक तकनीकी उत्साह नहीं माना जा रहा है, बल्कि यह पाकिस्तान की नई आर्थिक नीति और रणनीतिक दृष्टिकोण का ठोस हिस्सा बन चुका है। बीते वर्षों में पाकिस्तान में क्रिप्टो और ब्लॉकचेन मुख्यतः अनौपचारिक स्तर पर उपयोग किए जाते थे, लेकिन अब सरकार ने इन्हें राष्ट्र की औपचारिक वित्तीय संरचना में शामिल करने की दिशा में निर्णायक कदम उठाना शुरू कर दिया है।

सरकार का उद्देश्य डिजिटल एसेट्स को एक मजबूत, पारदर्शी और दीर्घकालिक वित्तीय अवसंरचना में बदलना है, जिससे न केवल निवेश बढ़े, बल्कि आर्थिक प्रणाली अधिक समावेशी और तकनीक आधारित बन सके। यह बदलाव पाकिस्तान के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है, खासकर तब जब वैश्विक स्तर पर भी ब्लॉकचेन आधारित वित्तीय मॉडल तेजी से स्वीकार किए जा रहे हैं।

पाकिस्तान का क्रिप्टो अपनाने का रणनीतिक दृष्टिकोण

पाकिस्तान में डिजिटल एसेट्स की लोकप्रियता और उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। देश ‘चेनलिसिस 2025 ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स’ में तेजी से ऊपर उठकर दुनिया के शीर्ष में स्थान बना रहा है, जो दिखाता है कि आम जनता में बिटकॉइन और क्रिप्टो अपनाने की प्रवृत्ति कितनी मजबूत है।

सरकार ने इस दिशा में कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पाकिस्तान ने घोषणा की है कि वह स्ट्रैटेजिक बिटकॉइन रिज़र्व स्थापित करेगा, सरकार का खुद का बिटकॉइन भंडार, जो वित्तीय स्थिरता और दीर्घकालिक निवेश के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।

देश ने 2,000 मेगावाट बिजली बिटकॉइन माइनिंग और AI डेटा सेंटर्स के लिए आवंटित की है, ताकि विदेशी निवेश आकर्षित किया जा सके और रोजगार सृजन किया जा सके। सरकार ने पाकिस्तान वर्चुअल एसेट्स रेगुलेटरी अथॉरिटी (PVARA) और पाकिस्तान क्रिप्टो काउंसिल (PCC) जैसी संस्थाओं को स्थापित किया है, जो क्रिप्टो और ब्लॉकचेन के लिए एक पारदर्शी और निवेश अनुकूल ढांचा विकसित करने में जुटी है।

डिजिटल वित्त में युवा शक्ति का योगदान

पाकिस्तान की जनसंख्या का लगभग 70% हिस्सा 30 वर्ष से कम उम्र का है, एक युवा जनसंख्या जो तकनीक के प्रति खुले विचार रखती है और नई अर्थव्यवस्था के अवसरों के प्रति उत्साहित है। बिलाल बिन साकिब ने भी इस जनसांख्यिकीय शक्ति पर जोर देते हुए कहा कि बिटकॉइन और ब्लॉकचेन युवा पीढ़ी को निर्माता बनने का अवसर देता है, सिर्फ उपभोक्ता बनने का नहीं।

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यही युवाशक्ति वर्तमान डिजिटल संक्रमण को गहरा समर्थन दे रही है, चाहे वो क्रिप्टो वॉलेट्स का उपयोग हो, DeFi प्रोजेक्ट्स की भागीदारी हो या ब्लॉकचेन आधारित स्टार्टअप्स की शुरुआत हो। इससे यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान में डिजिटल अवसंरचना को अपनाने के पीछे एक वास्तविक और जमीनी आधार है।

चुनौतियाँ और वैश्विक संदर्भ

यह टेक्नोलॉजी का भविष्यमुखी कदम है, हालांकि कुछ चुनौतियाँ भी मौजूद हैं। जैसे कि IMF और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की चिंताएँ कि इससे ऊर्जा वितरण और मौद्रिक संतुलन पर क्या प्रभाव पड़ेगा। विशेषज्ञों ने भी अनुपालन और निगरानी प्रणाली को मजबूत बनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डिजिटल वित्तीय विकास सुरक्षित और पारदर्शी हो।

वैश्विक स्तर पर भी कई देशों ने डिजिटल वित्त की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। अमेरिका, सिंगापुर और संयुक्त अरब अमीरात के कुछ हिस्सों में ब्लॉकचेन और क्रिप्टो को अपनाया जा रहा है। पाकिस्तान इस दौर में खुद को ग्लोबल साउथ के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण के रूप में स्थापित करना चाहता है।

निष्कर्ष

पाकिस्तान द्वारा बिटकॉइन और ब्लॉकचेन को नई वित्तीय अवसर के रूप में देखना देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था में एक यादगार मोड़ है। इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान पारंपरिक वित्तीय सीमाओं को पार कर, खुद को डिजिटल वित्तीय नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में देखता है।

अगर नियमन, अनुपालन और ऊर्जा पहल की चुनौतियों का संतुलन बना रहता है, तो यह रणनीति भविष्य में पाकिस्तान को वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था के अग्रणी देशों में स्थान दिला सकती है।

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