साउथ अफ्रीकन रिज़र्व बैंक (SARB) ने 25 नवंबर को अपनी 2025 की दूसरी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि देश में क्रिप्टोकरेंसी और स्टेबलकॉइन्स अब वित्तीय स्थिरता के लिए नया जोखिम बन चुके है।
रिपोर्ट के अनुसार, जो देश के तीन सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों Luno, VALR और Ovex के आंकड़ों पर आधारित है, जुलाई 2025 तक इन प्लेटफार्मों पर कुल 7.8 मिलियन सक्रिय यूज़र अकाउंट थे।
इसके अलावा, 2024 के अंत तक इन एक्सचेंजों के पास निवेशकों की संपत्तियों की कुल वैल्यू लगभग 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब R25 अरब) थी।
क्रिप्टो की सीमा-रहित प्रकृति से बढ़ी बैंक की चिंता
SARB का कहना है कि डिजिटल और सीमा-रहित प्रकृति के कारण क्रिप्टो एसेट्स का इस्तेमाल पारंपरिक विनियमन, विशेषकर विदेशी मुद्रा और पूंजी नियंत्रण, को दरकिनार करने के लिए हो सकता है।
इस कारण, बैंक को चिंता है कि इन परिसंपत्तियों की अनियंत्रित वृद्धि वित्तीय एवं मौद्रिक नियंत्रण प्रणाली के लिए खतरा बन सकती है।
स्टेबलकॉइन्स की बढ़ती पकड़, तनाव बढ़ा
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 2022 के बाद से स्टेबलकॉइन्स, खासकर यूएस डॉलर से जुड़े टोकन, दक्षिण अफ़्रीकी क्रिप्टो प्लेटफार्मों पर ट्रेडिंग वॉल्यूम का प्रमुख हिस्सा बन गए हैं।
पहले बिटकॉइन (BTC), ईथर (ETH), एक्सआरपी (XRP), सोलाना (SOL) जैसी क्रिप्टोकरेंसीज़ प्रमुख थीं। लेकिन अब यूएसडी-पीग्ड स्टेबलकॉइन्स ट्रेडिंग का ‘डिफॉल्ट पेयर’ बन चुके हैं।
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इस बदलाव का मुख्य कारण स्टेबलकॉइन्स की अपेक्षाकृत कम अस्थिरता है। पारंपरिक क्रिप्टो एसेट्स की तुलना में स्टेबलकॉइन्स में मूल्य स्थिरता होती है, जिससे निवेशक व व्यापारी उन्हें अधिक सुरक्षित समझते हैं।
लेकिन यही स्थिरता बैंक के लिए चिंता का विषय बनी है, क्योंकि बड़े पैमाने पर स्टेबलकॉइन उपयोग और बढ़ते वॉल्यूम के बीच, यदि नियामक या तरलता पर नियंत्रण नहीं हुआ, तो वित्तीय प्रणाली में रन-ट्रिगर जैसी स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
नियामक खामियाँ और पूंजी प्रवाह पर असर
SARB ने स्पष्ट किया है कि वर्तमान विदेशी मुद्रा नियंत्रण नियम, जो 1961 के समय बनाए गए थे, क्रिप्टो एसेट्स को समाहित करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। हाई कोर्ट ने भी इस बात को दोहराया है कि इन पुरानी व्यवस्थाओं को आधुनिक डिजिटल एसेट्स पर लागू नहीं किया जा सकता।
इस नियामकीय रिक्तता की वजह से, क्रिप्टो और स्टेबलकॉइन लेनदेन अनियंत्रित रूप से पूंजी प्रवाह को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे देश की मौद्रिक नीति, विदेशी मुद्रा राजस्व, और बैंकिंग प्रणाली पर अप्रत्याशित दबाव बन सकता है।
SARB ने कहा है कि फिलहाल वह सरकार और वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर डिजिटल एसेट्स के लिए नया नियामक ढांचा तैयार करने की प्रक्रिया में है। लेकिन जब तक यह पूरा नहीं हो जाता, क्रिप्टो सेक्टर “गंभीर कमजोरियाँ” देने वाला क्षेत्र रहेगा।
सरकार की सतर्क लेकिन खुली रणनीति
दिलचस्प बात यह है कि सरकार और अन्य नियामक निकायों ने पहले भी जोखिम और प्रगति दोनों के संकेत दिए हैं। 2022 में Financial Sector Conduct Authority (FSCA) ने क्रिप्टोकरेंसी को वित्तीय उत्पाद घोषित किया था और क्रिप्टो कंपनियों को लाइसेंस देने की प्रक्रिया शुरू की थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार पूरी तरह विरोधी नहीं है।
फिर भी, मौजूदा रिपोर्ट के प्रकाश में यह स्पष्ट हो गया है कि तेजी से बढ़ती क्रिप्टो स्वीकार्यता और सीमित नियामक नियंत्रण का तालमेल नहीं हो रहा है और इसी असंतुलन ने SARB को बड़ा अलर्ट जारी करने पर मजबूर किया है।
निष्कर्ष
दक्षिण अफ़्रीका में क्रिप्टोकरेंसी और स्टेबलकॉइन्स की स्वीकार्यता और उपयोग में तीव्र वृद्धि हो रही है।
7.8 Mn उपयोगकर्ता और $1.5 Bn से अधिक कस्टडी वॉल्यूम यह दर्शाते हैं कि डिजिटल एसेट्स अब सिर्फ तकनीकी शौक या सीमित निवेश तक सीमित नहीं है, बल्कि मुख्यधारा का वित्तीय साधन बनता जा रहा है।
लेकिन उसी तेज़ी के साथ नियामक खामियों, पारंपरिक मुद्रा व बैंकिंग व्यवस्था के लिए अस्थिरता, और अंतरराष्ट्रीय पूँजी प्रवाह पर अनियंत्रित प्रभाव जैसी चुनौतियाँ भी सामने आई हैं।
SARB की चेतावनी इस बात का संकेत है कि समय रहते संतुलित, स्पष्ट और प्रभावी नियामक ढांचा बनना ज़रूरी है।
अन्यथा, यह डिजिटल नवाचार वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम में बदल सकता है और क्रिप्टो निवेशकों, एक्सचेंज प्लेटफार्मों, और देश की मौद्रिक व्यवस्था सभी के लिए नकारात्मक परिणाम हो सकते हैं।
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