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Strive के विवेक रामास्वामी $500 मिलियन जुटाकर बड़े पैमाने पर बिटकॉइन खरीदने की तैयारी में

Strive Asset Management ने $500M शेयर बिक्री प्रोग्राम की घोषणा की है। फंड का उपयोग बिटकॉइन खरीद और कंपनी की ट्रेजरी मजबूत करने के लिए होगा।

Strive के विवेक रामास्वामी $500 मिलियन जुटाकर बड़े पैमाने पर बिटकॉइन खरीदने की तैयारी में
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अमेरिकी निवेश प्रबंधन फर्म Strive ने 9 दिसंबर 2025 को घोषणा की है कि वह $500 मिलियन की पूंजी जुटाएगी। इस पूंजी का इस्तेमाल मुख्य रूप से Bitcoin खरीदने तथा अन्य कॉर्पोरेट उपयोगों के लिए किया जाएगा।

Strive की सह-स्थापना 2022 में हुई थी और इसे Ramaswamy समेत अन्य निवेशकों ने शुरू किया था। अब यह संस्था सार्वजनिक रूप से ट्रेड होने वाली कंपनी बन चुकी है, जो अपने बैलेंस शीट में डिजिटल एसेट्स (विशेष रूप से बिटकॉइन) को ट्रेजरी रिजर्व के रूप में रख रही है। 

क्यों जुटाई जा रही है बड़ी पूंजी

कंपनी ने बताया है कि $500 मिलियन की राशि प्रीफरड स्टॉक की बिक्री (preferred stock offering) से जुटाई जाएगी। इसके तहत किसी निश्चित समय-सीमा या मूल्य निर्धारण की पाबंदी नहीं होगी। ये फंड्स बिटकॉइन और बिटकॉइन-संबंधित उत्पादों को खरीदने, कंपनी के वर्किंग कैपिटल और अन्य कॉर्पोरेट जरुरतों को पूरा करने में उपयोग किए जाएंगे।

Strive ने कहा है कि वह उन निवेशकों को आकर्षित करना चाहता है जो बिटकॉइन को “डिजिटल गोल्ड” के रूप में देखते हैं और दीर्घ-कालिक निवेश को प्राथमिकता देते हैं।

पहले से ही बटुआ सिक्का है

बयान के अनुसार Strive पहले से ही 7,525 बिटकॉइन रखता है, जिसकी मौजूदा बाज़ार कीमत लगभग 69 करोड़ अमेरिकी डॉलर है।

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इस प्रकार, यदि लक्ष्य सफल होता है और अतिरिक्त पूंजी निवेश हो जाता है, तो Strive न केवल अपनी बिटकॉइन होल्डिंग बढ़ाएगा बल्कि संभावित रूप से सार्वजनिक कंपनियों में बिटकॉइन ट्रेजरी की दिशा में एक उदाहरण पेश करेगा। लाइव मार्केट में इसके शेयर (Ticker: ASST) भी पिछले कुछ समय में विशेष ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

क्रिप्टो-कारोबार में बढ़ती दिलचस्पी

बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी को अब केवल निवेश या ट्रेडिंग के साधन नहीं बल्कि कॉर्पोरेट ट्रेजरी के एक विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। Strive की यह पहल एक संकेत हो सकती है कि डिजिटल एसेट्स को लेकर संस्थागत विश्वास मजबूत हो रहा है।

विश्लेषकों का मानना है कि अगर और कंपनियाँ भी ऐसी रणनीतियाँ अपनाती हैं, तो बिटकॉइन की मांग बढ़ने से उसकी कीमत और मार्केट कैप में वृद्धि हो सकती है।

जोखिम भी हैं

हालाँकि यह कदम निवेशकों के लिए दिलचस्प दिख रहा है, लेकिन मानव निर्मित ऐतिहासिक डेटा पर आधारित पूर्वानुमान भरोसेमंद नहीं होते। बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो की कीमतों में उतार-चढ़ाव आम बात है।

समझना होगा कि जबकि डिजिटल एसेट्स लंबी अवधि में मुनाफा दे सकते हैं, लेकिन वे उतने सुरक्षित नहीं होते जितना पारंपरिक निवेश।

आगे की राह

Strive का $500 मिलियन जुटाने का कार्यक्रम (stock sales program) SEC में दायर किया गया है। आने वाले हफ्तों में यदि यह प्रस्ताव सफल होता है और निवेशकों की प्रतिक्रिया सकारात्मक रहती है, तो यह कंपनी बिटकॉइन-फोकस्ड सार्वजनिक निवेश कंपनियों में अपना नाम और मजबूती से स्थापित कर सकती है।

इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि अब सिर्फ खुदरा निवेशक नहीं बल्कि संस्थागत स्तर पर बड़े निवेशकों की भी क्रिप्टो में रूचि बढ़ रही है।

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