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US ने क्रिप्टो ETF व ट्रस्ट्स को स्टेकिंग रिवॉर्ड कमाने की राह खोली

US Internal Revenue Service के नए दिशा निर्देश से क्रिप्टो बाजार को मिला बड़ा regulatory boost। निवेशक अब exchange-traded funds के माध्यम से कानूनी रूप से स्टेकिंग में भाग ले सकेंगे।

US ने क्रिप्टो ETF व ट्रस्ट्स को स्टेकिंग रिवॉर्ड कमाने की राह खोली
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अमेरिका की Internal Revenue Service (IRS) ने क्रिप्टो संपत्तियों से जुड़े एक्सचेंज ट्रेडेड प्रोडक्ट्स (ETPs) और trusts के लिए एक महत्वपूर्ण नया मार्गदर्शन जारी किया है।

इस दिशा-निर्देश में ‘safe harbour’ की व्यवस्था शामिल की गई है, जिससे डिजिटल संपत्तियों को stake करने वाले ट्रस्ट और फंड अब कानूनी रूप से स्टेकिंग रिवॉर्ड कमा सकेंगे और इन्हें अपने निवेशकों के साथ साझा कर सकेंगे।

यह कदम अमेरिकी वित्तीय नियामक ढांचे में क्रिप्टो उद्योग के प्रति बढ़ती स्वीकृति और स्पष्टता का संकेत देता है।

कर और नियामक स्पष्टता की दिशा में बड़ा कदम

IRS, जो अमेरिकी ट्रेजरी विभाग के अधीन कर संग्रहण एजेंसी है, ने अपने नवीनतम अपडेट में कहा है कि ऐसे ट्रस्ट और फंड जो राष्ट्रीय प्रतिभूति विनिमय (National Securities Exchange) पर कारोबार करते हैं, केवल नकदी और एक ही प्रकार की डिजिटल संपत्ति की इकाइयाँ रखते हैं, तथा जिन्हें किसी अधिकृत custodian द्वारा संरक्षित किया जाता है, वे अब क्रिप्टो स्टेकिंग में भाग ले सकते हैं।

इसके साथ यह भी शर्त रखी गई है कि ये संस्थान निवेशकों के लिए संभावित जोखिमों को कम करने के उपाय सुनिश्चित करेंगे।

इस दिशा-निर्देश से उन फंड प्रायोजकों, कस्टोडियनों और एसेट मैनेजर्स को राहत मिलेगी जो अब तक अस्पष्ट कानूनी स्थिति के कारण स्टेकिंग गतिविधियों में शामिल होने से परहेज करते थे।

ट्रेजरी सचिव का बयान और उद्योग की प्रतिक्रिया

अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने सोमवार को प्लेटफ़ॉर्म X पर पोस्ट करते हुए कहा कि इस कदम से क्रिप्टो ईटीपीज़ को “डिजिटल संपत्तियों को स्टेक करने और अपने खुदरा निवेशकों के साथ स्टेकिंग रिवॉर्ड साझा करने का एक स्पष्ट मार्ग” मिलेगा।

उन्होंने इसे क्रिप्टो निवेशकों और संस्थागत भागीदारों दोनों के लिए “नीतिगत पारदर्शिता और भरोसे” की दिशा में अहम कदम बताया।

Consensys के वरिष्ठ वकील बिल ह्यूजेस ने भी इस दिशा-निर्देश का स्वागत करते हुए कहा कि “यह निर्णय स्टेकिंग के अपनाने पर व्यापक और दीर्घकालिक प्रभाव डालेगा।”

ह्यूजेस ने अपनी पोस्ट में लिखा,

सेफ हार्बर प्रावधान से उन संस्थागत उत्पादों के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित कर और नियामक स्पष्टता मिली है जो अनुपालन बनाए रखते हुए स्टेकिंग में भाग लेना चाहते हैं। यह एक बड़ी कानूनी बाधा को हटाता है, जिसने अब तक क्रिप्टो फंड्स को स्टेकिंग यील्ड को अपने निवेश ढाँचों में शामिल करने से रोक रखा था।

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एसईसी के नियमों से जुड़ा समन्वय

आईआरएस का यह मार्गदर्शन उस समय आया है जब अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग (SEC) ने सितंबर में क्रिप्टो ईटीएफ (Exchange-Traded Funds) के लिए जेनेरिक लिस्टिंग मानकों को मंजूरी दी थी।

इससे कई क्रिप्टो एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स को मंजूरी मिलने की संभावना मजबूत हुई थी।

आईआरएस और ट्रेजरी ने अपने अद्यतन मार्गदर्शन में इस एसईसी नियम परिवर्तन को भी शामिल किया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि कर और निवेश दोनों ढाँचे में समरूपता बनी रहे।

यह संयुक्त प्रयास यह दर्शाता है कि अमेरिकी प्रशासन अब क्रिप्टो बाजार को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की बजाय उसे नियंत्रित और वैध निवेश वर्ग के रूप में स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

सरकारी शटडाउन की पृष्ठभूमि में जारी हुआ मार्गदर्शन

दिलचस्प बात यह है कि यह घोषणा ऐसे समय आई है जब अमेरिका में सरकारी शटडाउन को लेकर राजनीतिक गतिरोध अपने चरम पर था।

लगभग 40 दिनों तक चले वित्तीय अवरोध के बाद, रविवार को आई रिपोर्टों में बताया गया कि अमेरिकी सीनेट में कई डेमोक्रेटिक सांसदों ने जनवरी तक एक अस्थायी वित्त विधेयक पारित करने के लिए रिपब्लिकन सांसदों के साथ सहयोग की इच्छा जताई है।

इस विधेयक पर मतदान उस समय तक नहीं हुआ था, जब तक आईआरएस ने यह मार्गदर्शन जारी नहीं किया था। शटडाउन के दौरान SEC और IRS दोनों एजेंसियों के कई कर्मचारी अवकाश पर भेज दिए गए थे, जिससे क्रिप्टो उद्योग में अनिश्चितता बनी हुई थी।

क्रिप्टो उद्योग के लिए संभावित प्रभाव

विशेषज्ञों के अनुसार, यह कदम संस्थागत निवेशकों के लिए क्रिप्टो परिसंपत्तियों को अपनाने में एक नया अध्याय खोल सकता है।

ईटीएफ और ट्रस्ट्स के माध्यम से नियामक रूप से सुरक्षित स्टेकिंग रिवॉर्ड मिलने से न केवल निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा, बल्कि बाजार में तरलता और पारदर्शिता भी सुधरेगी।

साथ ही, अमेरिका की यह पहल अन्य देशों के लिए भी उदाहरण बन सकती है, जो अब तक क्रिप्टो स्टेकिंग को लेकर अस्पष्ट रुख अपनाए हुए हैं।

वित्तीय विश्लेषकों का मानना है कि इस नीति के प्रभाव से आने वाले महीनों में क्रिप्टो ETF की स्वीकृति और बाजार पूंजीकरण दोनों में तेज़ी देखने को मिल सकती है।

संक्षेप में, यह मार्गदर्शन अमेरिकी क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र को नए भरोसे और कानूनी स्पष्टता की दिशा में ले जाने वाला ऐतिहासिक कदम साबित हो सकता है।


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