Cointelegraph
Rajeev RRajeev R

अमेरिका दिसंबर में Market Structure Bill पर आगे बढ़ेगा: Tim Scott ने दिए संकेत

Tim Scott ने संकेत दिए कि दिसंबर में अमेरिकी सीनेट Market Structure Bill का मार्क-अप कर सकती है। यह फ्रेमवर्क SEC–CFTC अधिकार, स्पॉट ट्रेडिंग और उपभोक्ता सुरक्षा को स्पष्ट करेगा।

अमेरिका दिसंबर में Market Structure Bill पर आगे बढ़ेगा: Tim Scott ने दिए संकेत
ताज़ा ख़बर

अमेरिकी सीनेट में डिजिटल संपत्ति क्रिप्टो से जुड़ा एक बड़ा विधायी प्रस्ताव पुनर्जीवित हो गया है। Tim Scott ने कहा है कि अगले महीने यानी दिसंबर में Senate Banking Committee में क्रिप्टो बाजार संरचना बिल के संबंध में मार्क-अप (संशोधन-वाग्रह) पर विचार किया जा सकता है और संभवतः यह बिल अगले वर्ष की शुरुआत में राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, यह प्रयास उस बिल को आगे बढ़ाने का है जिसे हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने जुलाई 2025 में पारित किया था, CLARITY Act, जो क्रिप्टो से संबंधित राज्यों की परिसीमा तय करने वाला एक फ्रेमवर्क प्रस्तुत करता है। 

बिल की प्रमुख बिंदु

Scott ने मीडिया से कहा कि “अगले महीने हम दोनों कमेटियों (बैंकरिंग और एग्रीकल्चर) में मार्क-अप कर सकते हैं और इस बिल को जल्द से जल्द सीनेट की फ़्लोरिंग के लिए भेज सकते हैं ताकि अमेरिका को क्रिप्टो का वैश्विक केंद्र बनाया जा सके।”

इस बैकड्रॉप में Commodity Futures Trading Commission (CFTC) और Securities and Exchange Commission (SEC) के बीच सम्पत्तियों की श्रेणियों और नियमन-दायित्व को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।

उदाहरण के लिए, 10 नवंबर 2025 को एग्रीकल्चर कमेटी ने एक चर्चा मसौदा जारी किया, जिसमें डिजिटल कमोडिटीज की परिभाषा, ब्रोकर-डीलर पंजीकरण, उपभोक्ता संरक्षण, फंड सेग्रिगेशन (ग्राहक फंड को अलग रखने) जैसे प्रावधान शामिल हैं।

इस दायरे में ‘डेसेंटरलाइज़्ड फाइनेंस’ (DeFi) का नियमन अभी शेष है और मसौदे में कई हिस्से अभी बंद कोष्ठकों में हैं, यानी उन्हें अभी अंतिम रूप नहीं मिला है।

बिल क्यों जरूरी है

क्रिप्टो मार्केट में लंबे समय से नियामक अस्पष्टता रही है। यह समझना मुश्किल रहा है कि कौन-सी क्रिप्टो सम्पत्ति सुरक्षाएँ हैं और कौन-सी कमोडिटीज (commodities) तथा किस एजेंसी को किसका अधिकार है। CLARITY Act और इस नए प्रस्ताव के माध्यम से अमेरिकी कांग्रेस इस समस्या को दूर करने की कोशिश कर रही है।

इसके अलावा, क्रिप्टो उद्योग आम तौर पर ‘स्पॉट क्रिप्टो’ ट्रेडिंग या तत्काल क्रिप्टो विक्रय-क्रय को लेकर अमेरिकी क्लियर फ्रेमवर्क चाहता है ताकि संस्थागत निवेश बड़े पैमाने पर आ सके और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अमेरिका पिछड़ न जाए। Scott का “अमेरिका को क्रिप्टो राजधानी बनाना” वाला बयान इस दिशा का संकेत देता है।

क्या आप जानते हैं: युवा निवेशकों की घबराहट से 1.48 लाख BTC बिके, कीमत $90K से नीचे जाने की आशंका

चुनौतियाँ और रुकावटें

कुछ डेमोक्रेटिक सीनेटर जैसे Elizabeth Warren ने इस विधेयक को लेकर सुरक्षा एवं वित्तीय अपराध-रोधी खामियों का हवाला दिया है। उनका मानना है कि विधेयक में बैंकिंग एवं AML-CFT (एंटी मनी लॉन्ड्रिंग) इंस्पेक्शन की कमी हो सकती है।

SEC और CFTC के बीच कौन-सी संपत्ति किसके अधीन आएगी, यह अभी तय नहीं है और मसौदे में इस पर बहस जारी है।

दिसंबर में मार्क-अप हो पाएगा या नहीं, यह अभी सुनिश्चित नहीं है, क्योंकि अभी भी दोनों कमेटियों में मसौदा-समय तय करना बाकी है।

भारत के लिये मायने

भारत में क्रिप्टो संबधी नीति-निर्माण चल रही है और अगर अमेरिका जैसा नियामक फ्रेमवर्क बन जाता है, तो वैश्विक स्पर्धा में भारत को भी इस दिशा में तेजी लानी पड़ सकती है।

उदाहरण के लिए, भारत आधारित क्रिप्टो एक्सचेंज एवं उद्योग यह देख रहे होंगे कि अमेरिकी नियमन कैसे विकसित होगा क्योंकि इससे वैश्विक प्रवाह प्रभावित हो सकता है।

भारत सरकार को यह संकेत मिलता है कि “क्रिप्टो क्षमता विकास” में देशात्मक दृष्टिकोण के साथ अन्तरराष्ट्रीय समझ-बूझ ज़रूरी है।

नियामक स्पष्टता मिलने से विनियमन अनुकूल वातावरण बनेगा, जो निवेश और नवाचार दोनों को बढ़ावा दे सकता है।

अतः, यह बिल ऐसा मोड़ है जहाँ अमेरिकी कांग्रेस क्रिप्टो उद्योग के लिए नए नियामक ढांचे की दिशा में कदम उठा रही है। यदि दिसंबर मार्क-अप सफल रहा, तो अगले वर्ष प्रारंभ में इसे कानून बनने की राह मिल सकती है

निष्कर्ष

अमेरिका में प्रस्तावित क्रिप्टो मार्केट स्ट्रक्चर बिल न केवल डिजिटल एसेट उद्योग में स्पष्टता लाने का प्रयास है, बल्कि यह वैश्विक वित्तीय प्रतिस्पर्धा में अमेरिका की भूमिका को दोबारा परिभाषित करने का अवसर भी प्रदान करता है।

SEC और CFTC के बीच अधिकार-सीमाओं को स्पष्ट करना, स्पॉट मार्केट की निगरानी स्थापित करना और उपभोक्ता सुरक्षा को मजबूत करना, ये सभी कदम एक ऐसे मानक की नींव रख सकते हैं जिसे दुनिया के अन्य देश भी अपनाने पर विचार कर सकते हैं। 

दिसंबर में होने वाला संभावित मार्क-अप इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तय करेगा कि यह बिल कितनी जल्दी सीनेट फ्लोर तक पहुँचता है और अंततः कानून बन पाता है या नहीं।

यदि यह विधेयक सफल होता है, तो संस्थागत निवेश के लिए रास्ते खुलेंगे, उद्योग विश्वास बढ़ेगा और अमेरिका स्वयं को क्रिप्टो नवाचार का केंद्र बनाने की दिशा में निर्णायक कदम उठाएगा।

ऐसी ही और ख़बरों और क्रिप्टो विश्लेषण के लिए हमें X पर फ़ॉलो करें, ताकि कोई भी अपडेट आपसे न छूटे!