मंगलवार को वैश्विक क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार में एक बार फिर भारी गिरावट देखी गई, जब बिटकॉइन की कीमत तीन सप्ताह से अधिक समय में पहली बार $106,000 के नीचे फिसल गई।

इस गिरावट के साथ ही निवेशकों की भावना में तेज़ी से बदलाव आया और क्रिप्टो फियर एंड ग्रीड इंडेक्स (Crypto Fear and Greed Index) “अत्यधिक डर” यानी Extreme Fear की श्रेणी में पहुंच गया।

CoinGecko के आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार को बिटकॉइन (BTC) $105,540 के 24 घंटे के निचले स्तर पर आ गया था, जो इससे पहले $109,000 से अधिक के इंट्राडे शिखर से नीचे फिसल गया। बाद में यह मामूली सुधार के साथ $106,500 के ऊपर ट्रेड कर रहा था, लेकिन दिन भर में यह करीब 2% नीचे रहा।

सात महीनों में सबसे कम स्कोर

क्रिप्टो फियर एंड ग्रीड इंडेक्स का मंगलवार का स्कोर 100 में से मात्र 21 रहा, जो सोमवार की तुलना में लगभग आधा है। यह स्तर अप्रैल के बाद से सबसे कम माना जा रहा है।

9 अप्रैल को यह इंडेक्स 18 के स्तर तक गिर गया था, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा वैश्विक व्यापार पर व्यापक टैरिफ लगाने के संकेतों के कारण स्टॉक और क्रिप्टो दोनों बाज़ारों में भारी गिरावट आई थी।

क्रिप्टो सेंटीमेंट इंडेक्स आमतौर पर निवेशकों की मनोस्थिति को लालच और डर के पैमाने पर मापता है। हाल के महीनों में यह इंडेक्स बार-बार दोनों छोरों के बीच झूलता रहा है।

22 अक्टूबर को भी इंडेक्स “अत्यधिक डर” के स्तर पर पहुंच गया था, जब बिटकॉइन $110,000 से गिरकर $108,000 से नीचे चला गया था और स्कोर 25 दर्ज हुआ था।

अक्टूबर के पहले सप्ताह में बिटकॉइन $126,000 के शिखर पर था, लेकिन इसके बाद लगातार दबाव में रहा। 9-10 अक्टूबर को शुरू हुई गिरावट के बाद से यह इंडेक्स “अत्यधिक डर” और “न्यूट्रल” के बीच अटका हुआ है।

अक्टूबर की शुरुआत में, यानी 5 अक्टूबर को यह 74 के स्कोर के साथ “लालच” की श्रेणी में था, जो पिछले महीने का उच्चतम स्तर था।

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संस्थागत मांग में गिरावट से दबाव

बाज़ार विशेषज्ञों का मानना है कि बिटकॉइन की मौजूदा गिरावट के पीछे कई कारक हैं, जिनमें प्रमुख है संस्थागत मांग में कमी, ब्लॉकचेन नेटवर्क गतिविधियों में सुस्ती और फेडरल रिजर्व की मौद्रिक नीति को लेकर अनिश्चितता।

फेडरल रिजर्व ने पिछले सप्ताह इस साल दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती की थी, लेकिन साथ ही यह भी संकेत दिया कि 2025 में आगे ऐसी कटौती की संभावना नहीं है। इस घोषणा के बाद निवेशकों में निराशा बढ़ी और क्रिप्टो बाजार में बिकवाली तेज़ हो गई।

इसी बीच, बिटकॉइन से जुड़े एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) से लगभग $800 मिलियन का शुद्ध बहिर्वाह दर्ज किया गया है। यह संस्थागत निवेशकों की भागीदारी में गिरावट का संकेत देता है।

विश्लेषकों का कहना है कि सात महीनों में पहली बार संस्थागत खरीद दैनिक खनन आपूर्ति से नीचे चली गई है, जो बाजार पर अतिरिक्त दबाव डाल रही है।

निवेशक अब भी “मूनवेम्बर” की उम्मीद में

हालांकि मौजूदा बाजार परिदृश्य में भय का माहौल बना हुआ है, लेकिन बिटकॉइन समर्थक निवेशक अब भी नवंबर को लेकर आशावादी हैं।

क्रिप्टो समुदाय में मूनवेम्बर (Moonvember) शब्द लोकप्रिय है। यह उस ऐतिहासिक प्रवृत्ति की ओर इशारा करता है जब नवंबर महीना बिटकॉइन के लिए सबसे अधिक लाभदायक साबित हुआ है।

ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो, बिटकॉइन ने नवंबर में औसतन 42% से अधिक की वृद्धि दर्ज की है। कई विश्लेषक मानते हैं कि यदि बाजार में स्थिरता लौटती है और फेड की नीति पर स्पष्टता आती है, तो नवंबर में फिर से तेजी देखने को मिल सकती है।

भविष्य की राह

फिलहाल बाजार में “डर” की स्थिति बनी हुई है, लेकिन दीर्घकालिक निवेशक इसे खरीदारी का अवसर मान रहे हैं। क्रिप्टो विश्लेषकों का कहना है कि पिछले चक्रों में भी जब इंडेक्स “अत्यधिक डर” पर पहुंचा था, तब बिटकॉइन ने कुछ ही हफ्तों में मजबूत वापसी की थी।

हालांकि, वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता, ब्याज दरों में स्थिरता और संस्थागत निवेश की धीमी रफ्तार यह तय करेगी कि बिटकॉइन कब फिर से $110,000 या उससे ऊपर की दिशा में बढ़ सकेगा।

फिलहाल बाजार एक संवेदनशील मोड़ पर है जहां निवेशकों की भावनाएं और वैश्विक नीतियां, दोनों मिलकर इसके अगले कदम को निर्धारित करेंगी।

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