वैश्विक क्रिप्टो एक्सचेंज बायबिट(Bybit) ने भारत में अपने उपयोगकर्ताओं के लिए सभी ट्रेडिंग और लेनदेन शुल्क पर 18% वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगाने की घोषणा की है, जो कि भारत सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र पर चल रही टैक्स सख्ती को और तीव्र करता है।
7 जुलाई 2025 से प्रभावी रूप से, Bybit के भारतीय उपयोगकर्ताओं को ट्रेडिंग, डेरिवेटिव्स, मार्जिन, स्टेकिंग, निकासी, टोकन स्वैप और फिएट रूपांतरण जैसे सभी सेवाओं पर लागू शुल्क पर सीधे 18% जीएसटी जोड़कर चुकाना होगा।
Bybit ने पुष्टि की:
“भारत के कर ढांचे के अनुसार... भारतीय निवासियों से सेवा शुल्क और ट्रेडिंग शुल्क पर 18% जीएसटी वसूलना अनिवार्य है। इस आवश्यकतानुसार, Bybit जीएसटी शुल्क लागू कर रहा है।”
Bybit के 18% जीएसटी का क्या महत्व है
यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब भारत में क्रिप्टो टैक्स क्रैकडाउन पूरे जोर पर है। भारत पहले ही क्रिप्टो लाभ पर 30 per cent आयकर और ₹10,000 से अधिक के प्रत्येक लेन-देन पर 1% टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) लागू कर चुका है। अब इस 18% जीएसटी के साथ, भारत दुनिया के सबसे अधिक टैक्स वसूलने वाले क्रिप्टो बाजारों में शामिल हो गया है।
इंडिया ब्लॉकचेन एलायंस के संस्थापक राज कपूर
टैक्स आर्बिट्राज का वह फायदा, जिसकी वजह से ट्रेडर्स विदेशी एक्सचेंज का रुख करते थे, अब खत्म होता दिख रहा है... अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज भारत के विकसित होते क्रिप्टो फ्रेमवर्क से बाहर नहीं रह सकते।
टाइमचेन लैब्स के रोहन शरण ने कहा: टैक्स की परतें भले ही मुनाफे पर असर डालें, लेकिन असली लक्ष्य टैक्स बचाव नहीं, टैक्स पूर्वानुमान होना चाहिए और दीर्घकालिक रूप से अनुपालन एक प्रतिस्पर्धात्मक लाभ बन सकता है।
अन्य सेवाएँ प्रभावित
जीएसटी लागू करने के साथ-साथ, Bybit ने भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए कई सेवाओं को बंद करने की भी घोषणा की है, जिनमें शामिल हैं:
क्रिप्टो लोन सेवाएं
Bybit क्रिप्टो कार्ड
ऑटोमेटेड ट्रेडिंग बॉट्स (जैसे स्पॉट ग्रिड (Spot Grid), डी सी ए बॉट्स (DCA Bots), फ्यूचरस कॉम्बो (Futures Combo)
क्रिप्टो लोन और कार्ड सेवाएं 17 जुलाई से बंद हो जाएंगी, जबकि बॉट्स इससे पहले ही निष्क्रिय कर दिए गए हैं।
ट्रेडर्स पर प्रभाव
अब भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को टीडीएस, आयकर और जीएसटी — इन तीन स्तरीय टैक्स बोझ का सामना करना पड़ रहा है। कई ट्रेडर्स चिंतित हैं कि इस भार के कारण वे DEX (डेसेंट्रलाइज़्ड एक्सचेंज) या पीयर-टू-पीयर नेटवर्क की ओर रुख कर सकते हैं, जहां नियमन की निगरानी मुश्किल होती है।
हालांकि, विशेषज्ञ दीर्घकालिक नजरिया अपनाने की सलाह दे रहे हैं, और यह याद दिलाते हैं कि “नवाचार को टैक्स नहीं, बल्कि अनिश्चितता मारती है।”
आगे की राह
Bybit, भारतीय उपयोगकर्ताओं के लिए जीएसटी अनुपालन अपनाने वाला पहला वैश्विक एक्सचेंज बन गया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि जल्द ही बिनैन्स (Binance), कूकॉइन (KuCoin), गेट.आई ओ (Gate.io) जैसे अन्य प्लेटफॉर्म भी इसका अनुसरण करेंगे, जिससे विदेशी एक्सचेंजों का टैक्स लाभ धीरे-धीरे खत्म होता जाएगा।
जैसे-जैसे भारत क्रिप्टो टैक्स प्रणाली को सशक्त कर रहा है वैसे-वैसे जो एक्सचेंज कानूनी अनुपालन को अपनाएंगे, वे सरकार की नजरों में विश्वास हासिल कर सकते हैं। ट्रेडर्स को भी अब अपने निवेश दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करना होगा — संभवतः लॉन्ग-टर्म होल्डिंग या कम आवृत्ति वाले ट्रेडिंग पैटर्न को अपनाना पड़ेगा ताकि रिटर्न सुरक्षित रह सके।