राजस्थान में एक बड़े पैमाने का क्रिप्टो-फॉरेक्स निवेश घोटाला सामने आया है, जिसमें कथित तौर पर 4.5 लाख निवेशकों ने लगभग 420 मिलियन डॉलर (करीब 3,500 करोड़ रुपये) गंवा दिए हैं।
यह घोटाला ‘XPO.RU’ नामक वेबसाइट और मोबाइल ऐप के ज़रिए चलाया गया था, जो विदेशी निवेश का वादा कर लोगों को फँसाता था।
पुलिस की जांच में पता चला है कि इस गोरखधंधे ने राजस्थान के जोधपुर समेत कई शहरों में बड़े पैमाने पर निवेशकों को झांसा दिया।
अनुमान है कि सिर्फ जोधपुर में लगभग 10,000 निवेशकों ने 18 मिलियन डॉलर का निवेश किया था।
22 सितंबर को झालामंड में आयोजित एक सेमिनार में, नए निवेशक लाने वालों को 10 प्रतिशत रेफरल कमीशन देने का वादा किया गया था।
निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लग्जरी इवेंट्स का आयोजन
अधिकारी बताते हैं कि गिरोह निवेशकों को आकर्षित करने के लिए लग्जरी इवेंट्स आयोजित करता था।
जोधपुर के हाई-एंड होटलों में सेमिनार हुए, जहाँ मर्सिडीज, रेंज रोवर और बीएमडब्ल्यू जैसी गाड़ियाँ प्रदर्शित की जाती थीं। कुछ निवेशकों को विदेशी ट्रिप भी कराई गई थीं।
घोटाले का मूल ढाँचा बहुत ही चालाक था। कंपनी ने मासिक 15-20 प्रतिशत रिटर्न का वादा किया, जिसे सुनकर कई लोग बैंक और प्राइवेट लोन तक ले आए, क्योंकि सामान्य ब्याज दरें कम थीं।
पुलिस की गिरफ्त में अब तक पाँच सहयोगी आ चुके हैं। जांच में पता चला है कि यह संगठन भारत में किसी वित्तीय अथॉरिटी (SEBI, RBI या MCA) के पास पंजीकृत नहीं था।
आंकड़ों के मुताबिक, कंपनी ने प्रचार में 47 लाख यूजर्स और 4.3 अरब डॉलर के फंड मैनेजमेंट का दावा किया था, लेकिन जांच से असल संख्या 4.7 लाख रियल यूजर्स और लगभग 370 मिलियन डॉलर की जमा राशि निकली।
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जाँच के दौरान पुलिस ने लग्जरी गाड़ियाँ, सोने-चांदी की ज्वेलरी और लगभग 4.8 मिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी जब्त की है।
रिपोर्टों के मुताबिक, इस गिरोह का एक और चेहरे था `Digix.com` नामक दूसरी फर्जी वेबसाइट, जिसके जरिए लगभग 9,000 निवेशक से करीब 60 मिलियन डॉलर जमा किए गए।
इस घोटाले का एक और दिलचस्प पहलू यह है कि इसके संचालक निवेशकों को लगातार भरोसा दिला रहे हैं। उन्होंने निवेशकों से कहा है कि “घबराने की ज़रूरत नहीं है, सब जल्द ही सेटल हो जाएगा।”
पुलिस भी इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और अन्य आरोपियों की पहचान तथा गिरफ्तारी की दिशा में काम कर रही है।
भारत में क्रिप्टो धोखाधड़ी
भारत में क्रिप्टो धोखाधड़ी तेज़ी से बढ़ती चिंता का विषय बन गई है। डिजिटल मुद्रा के प्रति बढ़ती रुचि का लाभ उठाकर कई ठग ऊँचे मुनाफ़े का लालच देकर लोगों को जाल में फँसाते हैं।
नकली एक्सचेंज, पोंजी स्कीम, फ़िशिंग लिंक और फर्जी निवेश ऐप्स के ज़रिए निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगे जा रहे हैं। जागरूकता की कमी, नियमन की अस्पष्टता और त्वरित लाभ की चाहत इस समस्या को और बढ़ाती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश से पहले प्लेटफ़ॉर्म की विश्वसनीयता की जाँच, दो-स्तरीय सुरक्षा और सतर्कता बेहद ज़रूरी है। सरकार भी ऐसे मामलों पर निगरानी बढ़ा रही है।
निष्कर्ष
यह मामला न केवल वित्तीय धोखाधड़ी का एक गंभीर उदाहरण है, बल्कि यह चेतावनी भी देता है कि निवेशक बिना लाइसेंस और सरकारी पंजीकरण वाले प्लेटफॉर्मों के प्रति अत्यंत सतर्क हों।
XPO.RU जैसे स्कीमों में लगने वाला झांसा सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक और भावनात्मक लागत भी ला सकता है।
निवेशकों को ऐसी ऊँची रिटर्न की भाषाएँ सुनकर जल्दबाज़ी करने के बजाय, ज़रूरी जांच-पड़ताल करनी चाहिए और अगर किसी निवेश पर शक हो, तो तुरंत साइबर पुलिस या अन्य कानूनी माध्यमों का सहारा लेना चाहिए।
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