एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने बुधवार को ऑनलाइन गेमिंग कंपनी WinZO Games Pvt Ltd के निदेशकों सौम्या सिंह राठौड़ (Saumya Singh Rathore) और पावन नंदा (Paavan Nanda) को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया।
उन्हें अदालत में पेश किया गया जहां जज ने ED को उनकी कस्टडी दे दी। अधिकारियों ने बताया कि अगली सुनवाई में एजेंसी अपनी रिमांड अर्जी पर विस्तृत बहस करेगी।
अवैध धन प्रवाह
ईडी की जांच में पाया गया है कि WinZO ने देश के अंदर से विदेशी देशों जैसे ब्राज़ील, अमेरिका और जर्मनी में रियल-मनी गेम्स संचालित किए और इन्हें उसी प्लेटफ़ॉर्म से चलाया गया, जिससे अवैध धन प्रवाह और धोखाधड़ी के आरोप उत्पन्न हुए।
एजेंसी के अनुसार, कंपनी पर ग्राहकों के पैसे वापस न करने, खेलों के परिणामों में कथित तौर पर अल्गोरिथ्मिक हेराफेरी और धन का अवैध रूप से संचय करने का संदेह है।
जांच के दौरान ED ने कंपनी के तथाकथित अपराध की आय, लगभग ₹505 करोड़, को सेक्शन 17(1A) के तहत फ़्रीज़ कर दिया। यह राशि बैंक बैलेंस, बॉण्ड, फिक्स्ड डिपॉज़िट रिसीप्ट्स और म्युचुअल फंड्स के रूप में पाई गई।
अधिकारियों ने कहा कि कुछ खातों में बैन के बाद भी खिलाड़ियों को रिफ़ंड नहीं किया गया। लगभग ₹43 करोड़ अभी भी कंपनी के पास पाये गए।
दिल्ली, गुड़गाँव सहित कई ठिकानों पर छापे मारे
ईडी ने 18 से 22 नवम्बर के बीच दिल्ली, गुड़गाँव सहित कई ठिकानों पर छापे मारे और दस्तावेज़, बैंक रिकॉर्ड तथा अन्य अहम सामग्री जब्त की।
एजेंसी का मानना है कि जांच से यह स्पष्ट होगा कि कंपनी ने किस प्रकार से फंड्स का प्रवाह किया और क्या वहां से धन विमर्शित कर दूसरा रास्ता अपनाया गया।
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इस कार्रवाई में अन्य दो गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म्स से भी संबंधित खातों और संपत्तियों पर कार्रवाई की गई है।
रियल-मनी गेमिंग पर प्रतिबंध
केंद्र ने अगस्त 2025 में रियल-मनी गेमिंग (RMG) पर प्रतिबंध लागू किया था। आदेश 22 अगस्त 2025 से प्रभावी।
ED का कहना है कि इस प्रतिबंध के बावजूद कुछ प्लेटफ़ॉर्म्स ने ग्राहकों के फंड्स रोककर व्यापार जारी रखा, जो कि जांच का एक महत्त्वपूर्ण अंग है।
उद्योग पर बढ़ते रुझान और नियामकीय सख्ती ने स्टार्टअप इकोसिस्टम में खलबली मचा दी है और निवेशकों तथा उपयोगकर्ताओं के लिए भरोसे का संकट जन्म लिया है।
वित्तीय विशेषज्ञ यह देखते हैं कि यदि PMLA के तहत सील की गई सम्पत्तियों की वैधता कायम रहती है तो उस धन को जब्त कर लिया जा सकता है या कोर्ट की राय के अनुसार ज़ब्त की प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है।
वहीं कंपनी के प्रतिनिधि/कानूनी टीम से संबंधित कोई आधिकारिक बयान अभी तक मीडिया में प्रकाशित नहीं हुआ है।
ED ने बताया है कि उनकी जांच में आगामी दिनों में और भी खुलासे होंगे। ज़रूरी दस्तावेज़ों की पड़ताल जारी रहेगी।
निष्कर्ष
WinZO पर ED की सख्त कार्रवाई और लगभग ₹505 करोड़ की राशि को फ्रीज़ करना डिजिटल गेमिंग क्षेत्र के लिए एक चेतावनी संकेत है।
नियामकीय अनिश्चितता, ट्रांज़ैक्शन ट्रेसबिलिटी और उपभोक्ता सुरक्षा अब प्रमुख मुद्दे बन गए हैं।
इस मामले की आगामी अदालत सुनवाई और ED की तमाम जांच रिपोर्ट्स तय करेंगी कि क्या यह एक नियामकीय उल्लंघन है या संगठित धन शोधन की व्यापक साजिश।
अदालत के आने वाले फैसलों से ऑनलाइन गेमिंग उद्योग की नीतिगत दिशा और उपभोक्ता विश्वास पर गहरा असर पड़ेगा।
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