अमेरिकी टेक्नोलॉजी दिग्गज गूगल ने घोषणा की है कि वह आने वाले पांच वर्षों में भारत में 15 अरब डॉलर का निवेश करेगा। यह निवेश विशेष रूप से एक बड़े एआई हब (Artificial Intelligence Hub) की स्थापना में किया जाएगा, जो विशाखापत्तनम में विकसित होगा। इस हब के माध्यम से गूगल अपनी संपूर्ण एआई टेक्नोलॉजी एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर को भारत में तैनात कर सकेगा और भारत में एआई-चालित परिवर्तन को तेजी देगा।
यह कदम केन्द्र सरकार की “विकसित भारत 2047” की दृष्टि की गरिमा बढ़ाने वाला है। इस नए एआई हब को गूगल की अमेरिका के बाहर की सबसे बड़ी केंद्रस्थापना बताया गया है — यहाँ एकत्र होंगे मजबूत एआई इंफ्रास्ट्रक्चर, डेटा सेंटर क्षमता, बड़े पैमाने की ऊर्जा स्रोत व्यवस्था और फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क का विस्तारित तंत्र।
नयी दिल्ली में आयोजित ‘भारत एआई शक्ति’ कार्यक्रम में गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन ने यह ऐतिहासिक घोषणा की। इस कार्यक्रम को अगले वर्ष 2026 के एआई इम्पैक्ट समिट की पूर्व संध्या माना गया। उसी अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह निवेश तकनीक के लोकतंत्रीकरण को बढ़ावा देगा और भारत को वैश्विक तकनीकी नेतृत्व दिलाएगा।
उन्होंने एक पोस्ट में लिखा:
गिगावाट-स्तरीय डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर समेत यह बहुआयामी निवेश हमारे विकसित भारत की दिशा से मेल खाता है। यह तकनीक को सबके लिए उपलब्ध कराएगा, हमारी डिजिटल अर्थव्यवस्था को गति देगा और भारत को वैश्विक तकनीकी नेता बनाएगा।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने बताया कि उन्होंने इस योजना को प्रधानमंत्री के साथ साझा किया था। उन्होंने कहा, “यह परियोजना गिगावाट-स्तरीय कंप्यूट शक्ति, एक नया अंतरराष्ट्रीय सबसी गेटवे और विशाल ऊर्जा अवसंरचना को जोड़ती है। इसके ज़रिए हम भारत में अपने उद्योग-स्तरीय टेक्नोलॉजी को लेकर आएंगे, नवाचार को शक्ति देंगे और पूरे देश में विकास को गति देंगे।”
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने इस परियोजना के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा,
यह केंद्र भारत के पहले एआई शहर की नींव बनेगा और अमेरिका के बाहर सबसे बड़ा एआई एवं डेटा हब होगा। विशाखापत्तनम में गूगल का केबल लैंडिंग स्टेशन भी बनेगा, जिससे हमारी डिजिटल रीढ़ मजबूत होगी…यह सिर्फ गूगल की परियोजना नहीं है; यह अब हमारी परियोजना है। भारत की एआई यात्रा प्रारंभ हो चुकी है और आंध्र प्रदेश इसे नेतृत्व देगा।
यह 15 अरब डॉलर का निवेश (2026–2030) गूगल द्वारा अब तक भारत में किया जाने वाला सबसे बड़ा निवेश है। कंपनी के मुताबिक, इस एआई हब की वजह से भारत एवं अमेरिका दोनों की अर्थव्यवस्था में नई गतिविधियाँ जन्म लेंगी और क्लाउड एवं एआई के प्रसार से अनुमानतः 15 अरब डॉलर की अतिरिक्त अमेरिकी सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि होगी। इस पहल को गूगल ने “एक पार पीढ़ीय बदलाव” कहा है।
गूगल अपने निवेश के हिस्से के रूप में AdaniConneX और Airtel के साथ साझेदारी करेगा। यह हब वही अत्याधुनिक अवसंरचना समाहित करेगा, जो गूगल के Search, Workspace और YouTube जैसी सेवाओं को संचालित करती है। इस निवेश में एक नया समुद्री तंत्र गेटवे शामिल है, जो गूगल की पहले से मौजूद करोड़ों मील की स्थलीय व समुद्री केबल नेटवर्क से संवाद स्थापित करेगा। इस तरह, विशाखापत्तनम न केवल भारत बल्कि विश्व स्तर पर एक एआई और कनेक्टिविटी केंद्र बन जाएगा।
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निष्कर्ष
गूगल का यह बहु-आयामी निवेश न केवल भारत की तकनीकी रीढ़ को मज़बूत करेगा, बल्कि युवाओं, स्टार्टअप्स और उद्योगों को नई उड़ान देगा। विकसित भारत 2047 की दिशा में यह कदम एक मील का पत्थर है, जो यह संदेश देता है कि यदि दृष्टि, संसाधन और संकल्प साथ हों तो भारत अपने सपनों को हकीकत में बदल सकता है।
विशाखापत्तनम में खड़ा यह एआई हब ना केवल भारत का बल्कि पूरे विश्व का प्रवेश द्वार बनेगाऔर यह पुष्टि करेगा कि भारत ने तकनीक की दौड़ में अब पथप्रदर्शक की भूमिका ले ली है।
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