साइबर अपराध की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने एक व्यापक और समन्वित रणनीति अपनाई है, जिसका उद्देश्य राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की साइबर पुलिसिंग क्षमताओं को सुदृढ़ करना है।
यह जानकारी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री बंदी संजय कुमार ने हाल ही में राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
संविधान की सातवीं अनुसूची के अनुसार पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं, लेकिन केंद्र सरकार ने परामर्श, वित्तीय सहायता और विभिन्न योजनाओं के तहत विशेष बुनियादी ढांचे के माध्यम से राज्य स्तरीय पहलों को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया है।
I4C पहल
साइबर अपराध से निपटने के प्रयासों के केंद्र में गृह मंत्रालय द्वारा स्थापित भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) है, जो देशभर में सभी प्रकार के साइबर अपराधों से निपटने के लिए एक राष्ट्रीय ढांचा प्रदान करता है।
I4C के तहत, शिकायत निवारण, जांच और हितधारकों के बीच समन्वय को सुव्यवस्थित करने के लिए कई डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और टूल्स लॉन्च किए गए हैं।
एनसीआरपी(NCRP) - यानि नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्ट्ल (National Cybercrime Reporting Portal)
I4C की प्रमुख पहलों में से एक राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (https://cybercrime.gov.in) है, जो नागरिकों को साइबर अपराधों की रिपोर्ट करने की सुविधा देता है, विशेषकर महिलाओं और बच्चों से संबंधित मामलों पर ध्यान केंद्रित करते हुए। यह पोर्टल शिकायतों को संबंधित राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों तक सीधे पहुंचाता है।
एक अन्य महत्वपूर्ण पहल सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (CFCFRMS) है, जो 2021 से संचालित है और वित्तीय धोखाधड़ी की तत्काल रिपोर्टिंग को संभव बनाता है।
अब तक इस प्रणाली के माध्यम से 17.82 लाख शिकायतों में ₹5,489 करोड़ से अधिक की संभावित राशि की रक्षा की जा चुकी है। नागरिकों की सहायता के लिए समर्पित हेल्पलाइन नंबर '1930' भी शुरू किया गया है।
साइबर फ्रॉड मिटिगेशन सेंटर(CFMC)
प्रवर्तन समन्वय को और सशक्त बनाने के लिए, साइबर फ्रॉड न्यूनीकरण केंद्र (CFMC) की स्थापना I4C के अंतर्गत की गई है, जहां बैंक, भुगतान एग्रीगेटर, टेलीकॉम ऑपरेटर और राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पुलिस के प्रतिनिधि एक साथ काम कर रहे हैं।
डिजिटल अपराधों पर की गई कार्रवाई का उल्लेख करते हुए मंत्री ने बताया कि अब तक 9.42 लाख सिम कार्ड और 2.63 लाख IMEI नंबर आपराधिक गतिविधियों से जुड़े होने के कारण ब्लॉक किए जा चुके हैं।
तकनीकी सक्षम प्लेटफॉर्म
सरकार ने जांच और विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय को बेहतर बनाने के लिए कई तकनीकी प्लेटफॉर्म विकसित किए हैं:
नेशनल साइबर फॉरेंसिक लैबोरेटरी (जांच), नई दिल्ली स्थित, अब तक 12,460 मामलों में सहायता प्रदान कर चुकी है।
नेशनल साइबरक्राइम ट्रेनिंग सेंटर (National Cybercrime Training Centre -CyTrain) पोर्टल, एक मैसिव ओपन ऑनलाइन कोर्स (Massive Open Online Course -MOOC) प्लेटफॉर्म है, जिसमें 1.05 लाख से अधिक पुलिसकर्मी पंजीकृत हैं और 82,704 प्रमाणपत्र साइबर फॉरेंसिक और अभियोजन जैसे क्षेत्रों में जारी किए गए हैं।
समन्वय प्लेटफॉर्म एक डेटा विश्लेषण और समन्वय मंच है, जो राज्यों के बीच अपराधों की लिंकिंग को सक्षम बनाता है। इसके माध्यम से अब तक 10,599 आरोपियों की गिरफ्तारी, 26,096 कड़ियों (linkages) की पहचान और 63,019 जांच सहायता अनुरोध प्रोसेस किए जा चुके हैं।
सहयोग पोर्टल, IT अधिनियम की धारा 79 के तहत अवैध सामग्री हटाने के लिए IT मध्यस्थों को कानूनी नोटिस भेजने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है। अब तक 9 केंद्रीय एजेंसियां, 34 राज्य/केंद्रशासित प्रदेश एजेंसियां, 72 IT मध्यस्थ और 35 वर्चुअल एसेट सेवा प्रदाता इस पोर्टल पर शामिल हो चुके हैं।
केंद्र की यह बहुआयामी रणनीति देश में साइबर अपराध प्रतिक्रिया ढांचे को मजबूत करने, सभी हितधारकों के बीच सुचारु समन्वय सुनिश्चित करने और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
साइबर धोखाधड़ी
संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ पेम्मासानी चंद्र शेखर ने अप्रैल, 2025 को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि "I4C के अनुसार, 2024 में NCRP पर कुल 19.18 लाख शिकायतें प्राप्त हुईं और ₹22,811.95 करोड़ की धनराशि की हानि दर्ज की गई।"
उन्होंने यह भी कहा कि "दूरसंचार विभाग (DoT) और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं (TSPs) ने एक ऐसी प्रणाली तैयार की है जो भारत के मोबाइल नंबरों का उपयोग कर किए गए अंतरराष्ट्रीय स्पूफ कॉल्स की पहचान और उन्हें ब्लॉक कर सके, जो भारत से उत्पन्न होती प्रतीत होती हैं।"
यह उल्लेखनीय है कि 18 जुलाई, 2024 को वज़ीरएक्स (WazirX) में हुए हैक में 234.9 मिलियन डॉलर की क्षति के लगभग एक वर्ष बाद, एक और क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX बड़े पैमाने पर हैक का शिकार हुआ है, जिससे 44 मिलियन डॉलर की हानि हुई है।