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क्रिप्टो F&O प्लेटफार्म निवेशकों के लिए खतरा: ज़ेरोधा CEO निथिन कामथ

कामथ ने कहा कि कई क्रिप्टो F&O प्लेटफॉर्म हाई लिवरेज और अपारदर्शी मॉडल से निवेशकों को जोखिम में डाल रहे हैं, जहाँ ट्रेडर का नुकसान प्लेटफॉर्म का लाभ बन जाता है।

क्रिप्टो F&O प्लेटफार्म निवेशकों के लिए खतरा: ज़ेरोधा CEO निथिन कामथ
राय

देश की प्रमुख ब्रोकरेज कंपनी ज़ेरोधा के सह-संस्थापक और सीईओ निथिन कामथ एक्स पर चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि क्रिप्टो फ्यूचर्स और ऑप्शन्स (F&O) प्लेटफार्म, जो वर्तमान में नियामक अस्पष्टता की स्थिति में काम कर रहा है, निवेशकों के लिए अत्यंत खतरनाक साबित हो सकता है।

कामथ ने अपनी पोस्ट में कहा, “क्रिप्टो डेरिवेटिव एक्सचेंज रेगुलेटरी लिंबो में हैं। कुछ-कुछ श्रोडिंगर की बिल्ली की तरह, न तो पूरी तरह से रेगुलेटेड और न ही अनरेगुलेटेड।” 

उनका तर्क है कि इस अस्पष्टता का फायदा प्लेटफार्म उठा रहे हैं  और निवेशकों को भारी नुकसान को आमंत्रित कर रहे हैं।

तीन प्रमुख खतरा

उन्होंने तीन प्रमुख खतरों की ओर ध्यान खींचा है।

1. अगर प्लेटफार्म साथ छोड़ दे या डिफॉल्ट करे, तो F&O ट्रेडिंग की तरह संरक्षित नहीं है। स्टॉक मार्केट में जैसे SEBI शिकायतों या दावा-प्रक्रिया की संभावना नहीं है।

2. कई मामलों में, प्लेटफार्म खुद सौदों के प्रतिपक्ष हो सकते हैं, ठीक वैसे जैसे “डब्बा ट्रेडिंग” या अंतर के लिए अनुबंध (Contracts for Difference) में होता है। इसका सीधा मतलब है अगर आप हारे, प्लेटफार्म जीते।

3. क्रिप्टो की अस्थिरता में, इतना लिवरेज बेहद खतरनाक है। कामथ ने चेताया है कि “एक छोटी सी कीमत की चाल भी आपकी पूरी पूंजी उड़ाने के लिए काफी है। ऐसा लगभग तय है।”

क्रिप्टो-F&O का क्रेज

हाल के महीनों में कई क्रिप्टो प्लेटफार्मों ने फ्यूचर्स व ऑप्शन्स ट्रेडिंग को बढ़ावा दिया है। इसके पीछे दो बड़ी वजहें बताई जाती हैं: निवेशकों में तेजी से बढ़ती भूख और नियामक फ्रेमवर्क की कमी।

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विशेषज्ञों का कहना है कि क्योंकि क्रिप्टो डेरिवेटिव्स पर शेयर बाजार की तरह कोई स्पष्ट नियम या निगरानी नहीं है, इसलिए इन प्लेटफार्मों ने तेजी से विस्तार किया है, खासकर उन युवा खुदरा निवेशकों के बीच जो कम धन से अधिक लाभ की तलाश में होते हैं। 

कामथ की चेतावनी

निथिन ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनकी चिंता सिर्फ क्रिप्टो को खरीदने-बेचने से नहीं है, बल्कि डेरिवेटिव्स आधारित F&O ट्रेडिंग से है, जो जोखिम और पारदर्शिता की कमी के साथ आती है।

उनका कहना है कि जब कोई नियामक या शिकायत का रास्ता नहीं है और लिवरेज इतना अधिक कि छोटी-सी गिरावट निवेशक को दिवालिया कर सकती है, वहीं प्लेटफार्मों को निवेशकों के घाटे में ज्यादा फायदा हो, तो यह मॉडल दीर्घकाल में टिकाऊ नहीं है।

उनका का आग्रह है कि इस नियामक अधर या अनिश्चितता को जल्द से जल्द दूर किया जाए।

निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है

अगर आप क्रिप्टो-F&O में निवेश करना सोच रहे हैं, तो समझदारी से आगे बढ़ें। स्पष्ट करें कि प्लेटफार्म कौन है और उसकी पृष्टभूमि क्या है।

अपने जोखिम उठाने की सामर्थ्य और संभावित नुकसान को ध्यान में रखें। बेहतर है कि सिर्फ स्पॉट क्रिप्टो या पारंपरिक सुरक्षित निवेशों की ओर रुख करें जब तक कि नियामक स्पष्टता नहीं मिल जाती।

निष्कर्ष

निथिन की चेतावनी भारत में क्रिप्टो-डेरिवेटिव्स के बढ़ते विवाद पर एक अहम अलार्म है। उनके अनुसार, जब प्लेटफार्मों को निवेशकों की हार से फायदा हो रहा हो और नियामक ढांचा अस्पष्ट हो, तब जोखिम सिर्फ निवेशकों का ही नहीं, पूरे वित्तीय पारिस्थितिक तंत्र का हो सकता है। ऐसे में क्रिप्टो-F&O को थोड़ा और देख-भाल, पारदर्शिता और नियमों के दायरे में लाना बेहद जरूरी है।


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