सूरत में क्रिप्टो धोखाधड़ी का एक नया मामला सामने आया है जिसमें एक हीरा दलाल से ₹44 लाख की ठगी की गई है। यह घटना शहर के वराछा इलाके में हुई। पीड़ित की पहचान 54 वर्षीय बालू शियोरा के रूप में हुई है। शियोरा कई वर्षों से हीरा व्यापार से जुड़े हैं और उनका कारोबार शहर में काफी पुराना माना जाता है। शिकायत के अनुसार कुछ लोगों ने उन्हें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके मोटा मुनाफा देने का दावा किया। प्रारंभिक भरोसे और व्यक्तिगत जान पहचान के कारण शियोरा इस धोखे का शिकार बन गए।

परिचित के ज़रिए हुआ आरोपियों से संपर्क

शियोरा ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2022 में उनके पुराने परिचित ने उन्हें अपने बेटे और उसके साझेदारों से मिलवाया। ये लोग खुद को क्रिप्टो ट्रेडिंग और ब्लॉकचेन आधारित निवेश योजनाओं के संचालक बताते थे। उन्होंने दावा किया कि बाजार में नए अवसरों का फायदा उठाकर कम समय में ऊंचा रिटर्न कमाया जा सकता है।

शियोरा ने यह भी बताया कि परिचित के परिवार से उनका लगभग चार दशक पुराना संबंध रहा है। इसी भरोसे के कारण उन्होंने शुरुआत में छोटी राशि से निवेश करना शुरू किया। दिसंबर 2022 से अप्रैल 2023 के बीच उन्होंने कई किस्तों में नकद और ऑनलाइन माध्यम से रकम जमा कराई। धीरे धीरे निवेश की राशि बढ़कर लाखों में पहुंच गई।

लाभ का भ्रम पैदा कर बढ़ाया निवेश

शिकायत में कहा गया है कि प्रारंभ में आरोपियों ने शियोरा को लाभ का झूठा लेखा जोखा दिखाया जिससे यह आभास हुआ कि उनका पैसा सुरक्षित है और लाभ भी हो रहा है। इससे उनका विश्वास बढ़ता गया और उन्होंने निवेश जारी रखा।

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लेकिन कुछ महीनों बाद स्थिति बदलने लगी। शियोरा ने जब अपने पैसे की वापसी का अनुरोध किया तो जवाब टालने लगे। कभी तकनीकी समस्या का हवाला दिया गया तो कभी कहा गया कि बाजार की स्थिति बिगड़ गई है और भुगतान में कुछ दिन लगेंगे। जैसे जैसे समय बीतता गया, शियोरा को शक होने लगा कि कुछ गड़बड़ है।

एक आरोपी विदेश भागा, दूसरे ने दिया कर्ज का कागज़

शियोरा ने बताया कि जब उन्होंने निवेश का बड़ा हिस्सा वापस मांगने की कोशिश की तो पता चला कि मुख्य आरोपी देश छोड़कर विदेश चला गया है। दूसरे आरोपी ने उन्हें एक कर्ज पत्र देने की बात कही और दावा किया कि वह जल्द ही पूरा पैसा चुका देगा। हालांकि इस वादे के बावजूद कोई रकम वापस नहीं मिली।

पीड़ित के अनुसार आरोपियों का व्यवहार धीरे धीरे आक्रामक हो गया और उन्होंने भुगतान की मांग पर धमकाने जैसी बातें भी शुरू कर दीं। इसके बाद शियोरा को कानून की मदद लेनी पड़ी।

वराछा पुलिस ने दर्ज किया मामला

शियोरा ने आखिरकार वराछा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। उप निरीक्षक एस एस चौधरी ने पुष्टि की कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस के अनुसार आरोपियों की लोकेशन ट्रैक की जा रही है और यह जांच की जाएगी कि संगठन के पीछे कितने लोग शामिल हैं तथा क्या यह धोखाधड़ी किसी बड़े गिरोह का हिस्सा है।

क्रिप्टो निवेश से पहले सावधानी की जरूरत

इस घटना ने फिर यह दिखा दिया है कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े निवेश में जोखिम काफी अधिक है। कई ठग आसान मुनाफे का लालच देकर लोगों को आकर्षित करते हैं। परिचित लोगों के माध्यम से निवेश कराना भी कोई सुरक्षा की गारंटी नहीं है।

विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश करने से पहले प्लेटफॉर्म की प्रामाणिकता की जांच करनी चाहिए। लाइसेंस, नियामक स्थिति, कंपनी का इतिहास और पारदर्शिता जैसी बातें बेहद महत्वपूर्ण होती हैं। बड़े रिटर्न के वादे आमतौर पर जोखिम या धोखाधड़ी की ओर संकेत करते हैं।

निष्कर्ष

सूरत का यह मामला एक बार फिर यह दर्शाता है कि क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते चलन के साथ धोखाधड़ी के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। लोगों को निवेश से पहले पूरी तरह जागरूक और सतर्क रहना होगा। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और उम्मीद है कि आरोपियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।

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