अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रम्प के प्रशासन ने क्रिप्टोकरेंसी उद्योग को मुख्यधारा में लाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने बुधवार को तीन राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंजों—न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE), नैस्डैक और सीबो ग्लोबल मार्केट्स—के प्रस्तावित नियम बदलाव को मंजूरी दी।
इसके तहत क्रिप्टोकरेंसी और अन्य स्पॉट कमोडिटी एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETFs) के लिए नए सामान्य लिस्टिंग मानक लागू होंगे। इस कदम से सोलाना और XRP जैसे टोकन पर आधारित स्पॉट क्रिप्टो ETF लॉन्च करने का रास्ता साफ हो गया है।
अब तक एसईसी हर स्पॉट क्रिप्टो ETF आवेदन को अलग-अलग प्रक्रिया से देखता था। इसके लिए एक्सचेंज और एसेट मैनेजर दोनों को अलग-अलग आवेदन दाखिल करने होते थे, जिनकी मंजूरी विभिन्न डिवीज़नों से मिलती थी। इस जटिल और लंबी प्रक्रिया में छह से आठ महीने, कभी-कभी उससे भी अधिक समय लगता था। लेकिन नए नियमों से यह अवधि घटकर अधिकतम 75 दिन रह जाएगी।
क्रिप्टो उद्योग के लिए ऐतिहासिक पल
बिटवाइज एसेट मैनेजमेंट के अध्यक्ष टेडी फुसारो ने इस फैसले को "डिजिटल एसेट्स पर अमेरिका के नियामक रुख में ऐतिहासिक मोड़" बताया। उन्होंने कहा कि यह कदम 2013 में पहले बिटकॉइन ETF आवेदन के बाद से चले आ रहे एक दशक से अधिक पुराने ढांचे को बदल देगा।
एसईसी के चेयरमैन पॉल एटकिंस ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यह निर्णय नवाचार को बढ़ावा देगा और डिजिटल एसेट उत्पादों के लिए बाधाएं कम करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि सबसे पहले सोलाना और XRP पर आधारित ETF लॉन्च होंगे। ये आवेदन एक साल से अधिक समय से एसईसी के पास लंबित थे। इससे पहले केवल बिटकॉइन और एथेरियम स्पॉट ETF को मंजूरी मिली थी, वह भी लंबी कानूनी लड़ाई और देरी के बाद।
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बाइडेन बनाम ट्रम्प प्रशासन का रुख
पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के कार्यकाल में एसईसी ने स्पॉट क्रिप्टो ETF को लेकर बेहद धीमा और सतर्क रुख अपनाया था। इसके विपरीत, ट्रंप प्रशासन ने क्रिप्टो समुदाय के प्रति स्पष्ट समर्थन जताते हुए डिजिटल एसेट्स को बढ़ावा देने की नीति अपनाई है। यही वजह है कि अब उद्योग जगत इसे ट्रंप प्रशासन की प्रो-क्रिप्टो शिफ्ट के रूप में देख रहा है।
अभी बाकी है काम का बड़ा हिस्सा
कैनरी कैपिटल के सीईओ स्टीव मैकक्लर्ग ने कहा कि “दरवाजे तो खुल गए हैं, लेकिन अभी काफी काम बाकी है।”उनके अनुसार मार्केटिंग प्लान, कानूनी दस्तावेज और सर्विस प्रदाताओं के साथ साझेदारी जैसे मुद्दों पर कंपनियों को काम करना होगा।
वहीं, स्ट्रेडली रोनन के पार्टनर स्टीव फीनॉर का कहना है कि नए मानकों के तहत ऐसे टोकन पर आधारित ETF को तेजी से मंजूरी मिलेगी जिनके फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट छह महीने से अधिक समय से कमोडिटी फ्यूचर्स ट्रेडिंग कमीशन (CFTC) द्वारा रेगुलेट हो रहे हैं। उन्होंने अनुमान जताया कि पहले उत्पाद अक्टूबर तक बाजार में आ सकते हैं।
निष्कर्ष
एसईसी का यह फैसला अमेरिकी क्रिप्टो उद्योग के लिए बड़ा मील का पत्थर साबित हो सकता है। हालांकि, हर टोकन फिलहाल पात्रता मानकों पर खरा नहीं उतरेगा, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे नए निवेश उत्पादों की बाढ़ आ सकती है।
सोलाना और XRP पर आधारित ETF लॉन्च होना इस बदलाव की शुरुआत होगी, जो डिजिटल एसेट्स को वैश्विक वित्तीय प्रणाली में और गहराई से शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
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