क्रिप्टो बाजार में एक नया मोड़ आ गया है। अब भारत में रिटेल उपयोगकर्ता भी AI-सक्षम ट्रेडिग टूल्स के जरिए विश्लेषण और डेटा की गहराई तक पहुँच पा रहे हैं। Bybit India के कंट्री मैनेजर विकास गुप्ता का कहना है कि कंपनी का नया ए आई टूल TradeGPT पहले से ही सक्रिय उपयोग में है और धीरे-धीरे इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है।
TradeGPT, जो ChatGPT जैसे बड़े भाषा मॉडल (LLM) पर आधारित है - Bybit प्लेटफार्म के भीतर ही एकीकृत है और उपयोगकर्ताओं को रीयल-टाइम डेटा, मार्केट एनालिसिस, लॉन्ग/शॉर्ट रेशियो, सेंटिमेंट इंडेक्स, वॉल्यूम डेटा व तकनीकी संकेत (KDJ, RSI, MACD, Bollinger Bands आदि) उपलब्ध कराता है।
कॉइनटेलीग्राफ इंडिया को दिए एक विशेष साक्षात्कार में गुप्ता ने बताया:
भारत में रिटेल उपयोगकर्ताओं के बीच AI-ड्रिवन ट्रेडिंग तेजी से लोकप्रिय हो रही है। Bybit ने पहले से ही TradeGPT लॉन्च कर दिया है, ताकि ट्रेडर्स को ऐसे उपकरण मिले, जिससे वे डेटा-संचालित निर्णय ले सकें। अब हमें लगातार यह देखने को मिल रहा है कि अधिक से अधिक यूजर्स इस टूल का सक्रिय उपयोग कर रहे हैं।
गुप्ता ने आगे बताया कि TradeGPT व्यावहारिक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) भाषा मॉडल, ChatGPT पर आधारित है और Bybit प्लेटफ़ॉर्म के साथ सहजता से एकीकृत है। “यह व्यापारियों को बाज़ार की मात्रा, लॉन्ग और शॉर्ट अनुपात, सेंटीमेंट इंडेक्स, आदि जैसे व्यापक व्यापारिक डेटा प्रदान करता है। हम पहले से ही देख रहे हैं कि अधिक से अधिक उपयोगकर्ता इस टूल का सक्रिय रूप से उपयोग कर रहे हैं।“
AI और क्रिप्टो का संगम
TradeGPT की विशेषता सिर्फ डेटा उपलब्ध कराना नहीं है। यह स्वचालित मार्केट विश्लेषण, रणनीति सुझाव, और उपयोगकर्ता द्वारा पूछे गए प्रश्नों के लिए स्मार्ट Q&A सुविधा भी देता है। इसके अलावा, “Master Trader” मोड में यह AI रणनीतियों और Copy Trading को मिलाता है और वह भी बिना कोडिंग की, और उपयोगकर्ता अपनी आय का पूरा नियंत्रण रख सकते हैं।
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इस तरह का टूल रिटेल ट्रेडर्स को पहले से उपलब्ध संस्थागत-स्तर की जानकारी तक पहुंच देता है, जिससे वे अधिक त्वरित और सूचित निर्णय ले सकते हैं। इस परिवर्तन का मतलब है कि अब मझले और छोटे निवेशक भी AI का लाभ उठा सकते हैं, जो पहले केवल बड़े खिलाड़ियों के लिए सीमित था।
चुनौतियाँ
हालांकि यह बदलाव रोमांचक है पर इसके साथ चुनौतियाँ भी जुड़ी हैं। AI आधारित संकेतों पर अनावश्यक भरोसा, अधिक जोखिम लेने की प्रवृत्ति और बाजार की अनपेक्षित उथल-पुथल — ये सब संभावित खतरें हैं। TradeGPT स्वयं डिस्क्लेमर देता है कि यह Bybit की आधिकारिक सिफारिश नहीं है और लाभ की कोई गारंटी नहीं देता। उपयोगकर्ताओं को जोखिम प्रबंधन उपकरण और सावधानीपूर्वक निर्णय लेने की सलाह दी जाती है।
इसके अलावा, भारत में क्रिप्टो प्लेटफार्मों को नियामकीय दबावों का सामना करना पड़ता है। जनवरी 2025 में Bybit ने भारत में अधिकांश सेवाएँ रोक दी थीं, जब उन्हें बिना पंजीकरण काम करने पर रोक लगाई गई थी। इसके बाद Bybit ने भारत में FIU-IND (Financial Intelligence Unit – India) के तहत पंजीकरण कराया और PMLA (Prevention of Money Laundering Act) अनुपालन सुनिश्चित किया। सितंबर 2025 तक उसने भारत में अपनी ऐप सेवाएं पूर्ण रूप से पुनर्स्थापित कर ली थीं।
क्या इसका असर भारत की क्रिप्टो पारिस्थितिकी पर होगा?
भारत में क्रिप्टो उपयोगकर्ताओं की संख्या लाखों में है। ऐसे में AI-समर्थित ट्रेडिग टूल्स उनके लिए अधिक सहज मार्गदर्शन व विश्लेषण प्रदान कर सकते हैं। Bybit जैसे प्लेटफॉर्म्स के स्मार्ट और उन्नत टूल्स लाने से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, क्योंकि अन्य एक्सचेंज भी AI-सक्षम समाधान पेश करने के लिए प्रेरित होंगे।
AI-उपकरणों के आने से, ट्रेडर्स को निर्णय लेने का समय कम होगा, लेकिन यह चेतावनी देना आवश्यक है कि बाजार हमेशा पूर्वानुमेय नहीं है। AI सिर्फ एक सुविधा है — अंतिम निर्णय मानव निवेशक का होना चाहिए।
निष्कर्ष
Bybit का TradeGPT टूल दर्शाता है कि AI और क्रिप्टो ट्रेडिंग का मिलन अब केवल भविष्य की कल्पना नहीं, बल्कि आज की हकीकत है, विशेष रूप से भारत में। यह मझले और छोटे निवेशकों को उन्नत डेटा और विश्लेषण तक पहुँच देता है। लेकिन इस नए युग में संतुलन बनाए रखना ज़रूरी है।
AI को एक सहायक उपकरण माना जाना चाहिए, पूर्ण निर्णय निर्माता नहीं। भारत की तेजी से विकसित होती क्रिप्टो पारिस्थितिकी में ऐसी तकनीकें संभावनाओं से भरी हैं, बशर्ते कि उपयोगकर्ता जागरूकता और सतर्कता को साथ ले चलें।
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