क्रिप्टोकरेंसी उद्योग ने 2025 में साइबर अपराधियों के सामने एक चुनौतीपूर्ण वर्ष देखा, जिसमें कुल 3.4 अरब डॉलर से अधिक की डिजिटल संपत्ति चोरी हुई। यह आंकड़ा 2022 के बाद से सबसे उच्च है और सुरक्षा विशेषज्ञों के लिए बड़ी चिंता का विषय बन गया है।
विश्लेषण के अनुसार, इस वर्ष की चोरी का एक बड़ा हिस्सा केवल तीन बड़े हैक से आया, जिनमें सबसे प्रमुख बायबिट एक्सचेंज का लगभग 1.4 अरब डॉलर का हैक था। यह पूरे साल के नुकसान का लगभग आधा हिस्सा था।
व्यक्तिगत क्रिप्टो वॉलेट्स पर बढ़ते हमले
पारंपरिक एक्सचेंजों के अलावा, व्यक्तिगत क्रिप्टो वॉलेट्स की चोरी भी एक बड़ा खतरा बन गया है। व्यक्तिगत वॉलेट्स से चोरी की राशि कुल चोरी का लगभग 20% हिस्सेदारी रही, जो 2022 की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि है। अगर Bybit हैक को अलग रखा जाए, तो यह हिस्सा 37% तक होता।
हालाँकि व्यक्तिगत वॉलेट्स से चोरी की कुल राशि 2024 के लगभग 1.5 अरब डॉलर से घटकर 713 मिलियन डॉलर ही रही, लेकिन घटनाओं की संख्या में वृद्धि इस बात का संकेत देती है कि हैकर्स अब छोटी-छोटी रकमों के लिए भी अधिक उपयोगकर्ताओं को निशाना बना रहे हैं।
उत्तर कोरियाई हैकिंग समूहों की भूमिका
सुरक्षा विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरियाई हैकिंग समूहों के हाथ 2025 में सबसे अधिक स्टोलेन फंड्स में पहुंचे। इन समूहों ने अनुमानतः 2.02 अरब डॉलर से अधिक की क्रिप्टोकरेंसी चुराई, जो कि 2024 की तुलना में लगभग 51% अधिक है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ये हैकर्स अब कम घटनाओं में अधिक उच्च मूल्य की चोरी करने में माहिर हो रहे हैं। इसके लिए वे कभी-कभी IT कर्मियों को कंपनियों में नियुक्त करके या थर्ड-पार्टी प्रोवाइडर के जरिये सीधी पहुँच हासिल कर लेते हैं।
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DeFi सेक्टर में सुरक्षा सुधार के संकेत
हालांकि कुल TVL (Total Value Locked) वापस उभरते हुए 119 अरब डॉलर तक पहुंचा, DeFi प्रोटोकॉल से जुड़ी बड़ी हैकिंग गतिविधियों में अपेक्षाकृत कमी देखी गई। सुरक्षा उन्नयन और मॉनिटरिंग प्रणालियों के कारण DeFi प्लेटफॉर्म्स ने कुछ मामलों में चोरी के प्रयासों को रोका या कम किया।
उदाहरण के तौर पर, कुछ DeFi प्रोटोकॉल ने समय रहते असामान्य गतिविधियों का पता लगा कर फंड को सुरक्षित कर लिया या हमले को रोका, जिससे कुल DeFi नुकसान अपेक्षाकृत कम रहा।
क्या 2026 में भी बना रहेगा यह खतरा?
विश्लेषकों का मानना है कि 2026 में भी हैकिंग घटनाओं में महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। बड़ी चोरी वाली घटनाओं के कारण वार्षिक रिपोर्टों में भारी अंतर आ सकता है, और यदि एक या दो बड़े हमले हों तो कुल नुकसान फिर से रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच सकता है।
निष्कर्ष
2025 में क्रिप्टोकरेंसी दुनिया ने साइबर अपराधियों से भारी नुकसान देखा है। केवल कुछ बड़े हमले ही नहीं, बल्कि व्यक्तिगत वॉलेट्स पर किये जाने वाले छोटे-छोटे हमलों की संख्या भी चिंताजनक बढ़ी है।
उद्योग को चाहिए कि वे सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को और अधिक मजबूत करें, बेहतर मॉनिटरिंग टूल्स अपनाएं और उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित प्रैक्टिसेज के बारे में शिक्षित करें। DeFi और बड़े प्लेटफॉर्म्स दोनों को मिलकर सुरक्षा मानकों को ऊँचा करना आवश्यक है ताकि निवेशकों का भरोसा बरकरार रहे और क्रिप्टो इकोसिस्टम सुरक्षित बन सके।
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