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₹21.71 करोड़ क्रिप्टो ठगी केस में ईडी की बड़ी कार्रवाई, संपत्ति जब्त

ईडी ने 20 मिलियन USD क्रिप्टो ठगी नेटवर्क पर कार्रवाई करते हुए ₹21.71 करोड़ की संपत्ति जब्त की। मामला फिशिंग, नकली Coinbase साइट और मनी-लॉन्डरिंग से जुड़ा है।

₹21.71 करोड़ क्रिप्टो ठगी केस में ईडी की बड़ी कार्रवाई, संपत्ति जब्त
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Enforcement Directorate (ईडी) ने एक बड़े साइबर क्रिप्टो फ्रॉड मामले में लगभग ₹21.71 करोड़ मूल्य की परिसंपत्तियाँ जब्त की हैं। यह कार्रवाई USD 20 मिलियन यानी लगभग ₹1,700 करोड़ के कथित क्रिप्टो ठगी नेटवर्क से जुड़ी जांच के तहत की गई है।

मामला क्या है

अमेरिका में गिरफ्तार Chirag Tomar का नाम सामने आया है, जिन पर कथित रूप से एक फिशिंग ऑपरेशन चलाकर डिजिटल मुद्रा एक्सचेंज Coinbase की वेबसाइट जैसी नकली साइट बनाकर लोगों को ठगने का आरोप है।

 ईडी के अनुसार, इस नेटवर्क द्वारा करीब USD 20 मिलियन से अधिक की क्रिप्टोकरेंसी ठगी गयी थी, जिसे भारत में मनी-लॉन्डरिंग के रूप में ठोस संपत्तियों तथा बैंक खाते में प्रवाहित किया गया।

जब्ती-कार्रवाई की जानकारी

12 नवंबर 2025 को जारी सूचना के अनुसार ईडी ने टॉमर, उनकी पारिवारिक सदस्य तथा सहयोगियों (जिनमें Rahul Anand, Akash Vaish तथा Piyush Prashar शामिल हैं) के नामांकित परिसंपत्तियों को निष्पादनात्मक कार्रवाई के तहत जब्त किया है। जब्ती में दिल्ली में नौ अचल संपत्तियाँ शामिल हैं। इस कार्रवाई के साथ अब तक कुल जब्त परिसंपत्तियों की मूल्य लगभग ₹64.15 करोड़ हो गयी है।

प्रवाह और मूल भगोड़ा तंत्र

ईडी को सूचना मिली थी कि टॉमर ने नकली वेबसाइटों के ज़रिए उपयोगकर्ताओं को आकर्षित किया, उनकी क्रिप्टो वॉलेट-की जानकारी ली और फिर फंड को कई बैंक खातों व निवेश माध्यमों के जरिए शुद्ध बनाया। इसके बाद उस अवैध धनराशि को भारत में विभिन्न नामों पर निवेश करके अचल संपत्तियों व बैंक निवेशों में बदला गया।

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सरकार-एजेंसी की प्रतिक्रिया

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई दर्शाती है कि डिजिटल क्रिप्टो माध्यमों में होने वाले अपराध और मनी-लॉन्डरिंग के रुझान लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी ठगी योजनाओं का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय है और जिसके निशाने पर क्रिप्टो-प्रवासी निवेशक हैं।

एक अधिकारी ने कहा,

हमें ऐसे ठगी तंत्रों का पता चलता है जहाँ फेक एक्सचेंज प्लेटफार्म, फिशिंग टेक्निक और क्रिप्टो ट्रांसफर का इस्तेमाल होता है।

आगे की कार्यवाही

ईडी ने बताया है कि इस मामले में आगे विस्तारित जांच चल रही है जिसमें विदेशी बैंक खातों, क्रिप्टो एक्सचेंजों और अन्य नाम-बदले सहायक संस्थाओं की भूमिका भी सामने आने की संभावना है। प्रवर्तन एजेंसी ने कहा कि जब्त परिसंपत्तियों की नीलामी व पुनरुद्दार की प्रक्रिया नियमों के अनुरूप की जाएगी।

अभी तक अमेरिकी अधिकारियों द्वारा टॉमर की गिरफ्तारी व प्रत्यर्पण संबंधी विवरण पूरी तरह साझा नहीं हुआ है। भारत-अमेरिका के सहयोग से आगे ट्रायल व प्रत्यर्पण की प्रक्रिया चल सकती है।

निष्कर्ष

यह मामला दर्शाता है कि क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते इस्तेमाल के साथ-साथ ठगी और मनी-लॉन्डरिंग का जोखिम भी बढ़ रहा है। समय रहते प्रवर्तकों द्वारा की गयी यह जब्ती इस दिशा में एक संकेत है कि नियामक व जांच एजेंसियाँ इस रूप-रेखा के अपराधों पर सक्रिय नजर रख रही हैं। 

निवेशक-उपयोगकर्ताओं के लिए यह महत्वपूर्ण चेतावनी है कि वे अनधिकृत प्लेटफार्मों, फि­शिंग लिंक और अचानक आकर्षक क्रिप्टो निवेश प्रस्तावों से सावधान रहें।

सरकारी एजेंसियों का कहना है कि ऐसे तंत्रों का पता लगाने व कमजोरियों को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी-आधारित निगरानी, बैंक-क्रिप्टो डेटा साझेदारी व वैश्विक सहयोग अहम होगा।

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