मुख्य बिंदु
वैश्विक क्रिप्टो बाजार का कुल मूल्य लगभग $4 ट्रिलियन हो गया है, जो भारत की जीडीपी के समकक्ष है।
Bitcoin का बाजार मूल्य लगभग $2.3 ट्रिलियन है, जो सोने ($23 ट्रिलियन) की तुलना में लगभग 10% है।
पिछले दो वर्षों में Bitcoin की कीमत $17,000 से बढ़कर $117,000 तक पहुंची, लगभग सात गुना उछाल।
भारत में उच्च-नेट-वर्थ व्यक्तियों एवं परिवारिक कार्यालयों में क्रिप्टो में रुचि बढ़ी है, लेकिन नियामकीय अनिश्चितता अभी भी सलाहकारों को सावधान रखती है।
युवा निवेशकों की भागीदारी बढ़ने से वित्तीय सलाहकारों को क्रिप्टो को समझने और उसकी जानकारी देने की तैयारी तेज करनी पड़ रही है।
वैश्विक क्रिप्टो बाजार ने ऐसा विस्तार लिया है कि इसका कुल पूंजीकरण—लगभग $4 ट्रिलियन — भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के करीब पहुंच गया है। यह उपलब्धि डिजिटल संपत्ति के तेजी से मुख्यधारा में प्रवेश की निशानी मानी जा सकती है।
सोने का ग्लोबल मार्केट आकार लगभग $23 ट्रिलियन है, जबकि Bitcoin का मात्र $2.3 ट्रिलियन है। यह स्पष्ट संकेत है कि डिजिटल संपत्ति अब परंपरागत निवेशों के मुकाबले आकर्षक विकल्प बन चुकी है।
रिटर्न की बात करें तो बिटकॉइन ने पिछले दो वर्षों में अद्भुत उछाल दिखाया—लगभग सात गुना वृद्धि के साथ यह $17,000 से बढ़कर $117,000 तक पहुंच गया है। इस उतार-चढ़ाव ने इसे एक नए “एसेट क्लास” के रूप में स्थापित किया है, एक ऐसा वर्ग जिसके जनसंख्या और समय दोनों ही सीमित हैं, क्योंकि यह केवल जनवरी 2009 से अस्तित्व में आया है, जबकि रियल एस्टेट और कमोडिटीज सदियों से हैं।
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इस बदले परिदृश्य में, अमेरिका में लॉन्च हुए Bitcoin ETF (एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स) ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सिर्फ अठारह महीनों में इन फंड्स में $150 अरब के निवेश आए, जो बिटकॉइन को बड़े पैमाने पर निवेश का लोकप्रिय विकल्प बना रहे हैं।
भारत में भी क्रिप्टो में रुचि धीरे-धीरे बढ़ रही है। उच्च-नेट-वर्थ व्यक्तियों और परिवारिक कार्यालयों में निवेश का संज्ञान लेने की प्रवृत्ति देखी जा रही है, हालांकि नियामकीय अस्पष्टता उनमें अधिकांश सलाहकारों को सतर्क रखती है।
इसी बीच, देश का युवा वर्ग—जो तकनीकी रूप से सचेत और डिजिटल-प्रवृत्ति वाला है—क्रिप्टो चर्चाओं में सबसे आगे है। इसने वित्तीय सलाहकारों पर दबाव बढ़ा दिया है कि वे खुद को बेहतर तैयार करें और क्लाइंट्स की क्रिप्टो संबंधित जिज्ञासाओं का उच्च स्तरीय जवाब दे सकें।
निष्कर्ष
वैश्विक क्रिप्टो पूंजीकरण में यह उल्लेखनीय विस्तार, विशेष रूप से बिटकॉइन की ताकत और ETF निवेश की धारणा, दर्शाती है कि डिजिटल एसेट अब सिर्फ अनदेखी गेट्स नहीं रहा।
यह एक वैध, प्रशासित और प्रतिस्पर्धी निवेश विकल्प के रूप में उभर रहा है। भारत जैसे उभरते बाजारों में इस तेजी का स्वागत है, पर नियामकीय स्पष्टता और सक्षम परामर्श ढांचे की आवश्यकता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।