जापान की सरकार ने हाल ही में प्रस्तावित टैक्स सुधार को समर्थन दे दिया है, जिसमें क्रिप्टोकरेंसी से हुए मुनाफे पर लागू टैक्स दर को 5–55 % वाली वर्तमान स्लैब से घटाकर 20% की एकसमान दर करने की योजना है।

वर्तमान में, जापान में क्रिप्टो ट्रेडिंग से हुए लाभ को अन्य आय की श्रेणी में रखा जाता है। इस वजह से, टैक्स दर उस व्यक्ति की कुल आय पर निर्भर करती है। कम आय वालों पर 5 प्रतिशत और उच्च आय वालों पर 45 प्रतिशत के साथ अतिरिक्त 10 प्रतिशत लोकल टैक्स भी लगती है। कुल मिलाकर टैक्स दर 55 प्रतिशत तक पहुंच सकती है।

नए प्रस्तावित नियम: क्रिप्टो को मिलेगा वित्तीय उत्पाद का दर्जा

पर नए प्रस्तावित नियमों के अनुसार, लगभग 105 क्रिप्टोकरेंसी, जिनमें Bitcoin (BTC) और Ethereum (ETH) प्रमुख हैं, को वित्तीय उत्पाद के रूप में पुन श्रेणीबद्ध किया जाएगा। उन्हें उसी तरह देखा जाएगा जैसे स्टॉक या म्‍युचुअल फंड्स को देखा जाता है। इस बदलाव के साथ क्रिप्टो मुनाफे पर टैक्स को इक्विटी निवेश जैसा माना जाएगा।

सरकारी नियामक वित्तीय सेवा एजेंसी (FSA) का कहना है कि इस बदलाव से टैक्स प्रणाली सरल और पारदर्शी होगी, जिससे क्रिप्टो निवेश और ट्रेडिंग दोनों के लिए परिचालन बोझ घटेगा।

इसके अलावा प्रस्ताव में एक मजबूत निवेशक सुरक्षा ढांचा बनाने की बात कही गई है। एक्सचेंजों के लिए आवश्यक खुलासे लागू करने, प्राइवेट जानकारी के आधार पर हो रहे ट्रेडों पर पाबंदी लगाने और नियमित निगरानी जैसे प्रावधान शामिल हैं। इस बिल को 2026 की पार्लियामेंट सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।

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जापान के लिए यह बदलाव क्यों महत्वपूर्ण है?

यह बदलाव न केवल क्रिप्टो निवेश को सरल और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि छोटे और बड़े दोनों तरह के निवेशकों के लिए बड़ा आर्थिक राहत भी सिद्ध होगा।

  1. निवेशकों के लिए टैक्स बोझ में बड़ी राहत: वर्तमान 55% टैक्स दर ने कई निवेशकों को मुनाफा बुक करने से हतोत्साहित किया हुआ था। फ्लैट 20% दर उन्हें प्रॉफिट लेने के लिए प्रेरित कर सकती है।

  2. क्रिप्टो को एक वैध निवेश श्रेणी में बदलना: क्रिप्टो को वित्तीय उत्पाद मानकर, जापान उसे इक्विटी या म्‍युचुअल फंड्स जितना मानने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है, जो दीर्घकालीन निवेशकों और संस्थागत निवेशकों दोनों के लिए आकर्षक हो सकती है। 

  3. नियामक पारदर्शिता और सुरक्षा: एक्सचेंजों और क्रिप्टो प्लेटफार्मों पर निगरानी, खुलासे और अंदरूनी जानकारी के दुरुपयोग पर प्रतिबंध से मार्केट में भरोसा बढ़ेगा। 

कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि इस बदलाव से जापान में क्रिप्टो बाजार में भागीदारी (खुदरा और संस्थागत दोनों) बढ़ सकती है और यह देश को एक मजबूत, स्थिर और विनियमित डिजिटल एसेट हब बनाने में मदद करेगा।

निष्कर्ष

जापान की सरकार द्वारा प्रस्तुत यह प्रस्ताव न सिर्फ टैक्स दरें घटाने जैसा आर्थिक सहारा है, बल्कि क्रिप्टोकरेंसी को पारंपरिक निवेश साधनों के बराबर मान्यता देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।

अगर 2026 में कानून बनकर लागू हुआ, तो यह जापानी निवेशकों के लिए क्रिप्टो को अधिक आकर्षक और निष्पक्ष निवेश विकल्प बना सकता है जिससे घरेलू क्रिप्टो बाजार को नई गति मिल सकती है। साथ ही, पारदर्शिता, सुरक्षा, और नियामक मानकों के दिशा-निर्देश क्रिप्टो निवेश को और भरोसेमंद बनाएंगे।

यह कदम अन्य देशों के लिए भी उदाहरण साबित हो सकता है, जहाँ क्रिप्टो टैक्सेशन और विनियमन अभी अस्पष्ट है और यह दिखा सकता है कि डिजिटल एसेट्स को वित्तीय पारंपरिक बाज़ार में कैसे समाहित किया जा सकता है, बिना नवाचार को सीमित किए।


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