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पुणे में क्रिप्टो निवेश धोखाधड़ी, निजी कंपनी कर्मचारी को ₹13.4 लाख का नुकसान

अपराधियों ने 300% रिटर्न का वादा कर उनसे निवेश करवाया, लेकिन जब निकासी की कोशिश की तो अतिरिक्त धन की मांग की गई।

पुणे में क्रिप्टो निवेश धोखाधड़ी, निजी कंपनी कर्मचारी को ₹13.4 लाख का नुकसान
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पुणे में क्रिप्टो निवेश से जुड़ी साइबर धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें एक निजी कंपनी के कर्मचारी को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ा है। हिन्जेवाड़ी में रहने वाले 45 वर्षीय इस कर्मचारी ने ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होकर लगभग ₹13.4 लाख गंवा दिए। अपराधियों ने उन्हें आकर्षक मुनाफे के वादों के साथ क्रिप्टो निवेश के जाल में फँसा लिया।

पुलिस के अनुसार, धोखेबाज़ों ने मोबाइल मैसेजिंग एप के माध्यम से पीड़ित से संपर्क किया और 300% तक के अवास्तविक रिटर्न का वादा करते हुए क्रिप्टो निवेश करने को कहा। पीड़ित ने नवंबर 18 से 21 के बीच विभिन्न बैंक खातों और UPI नंबरों पर कुल ₹13.4 लाख ट्रांसफर कर दिए।

जब पीड़ित ने अपना पैसा निकालने की कोशिश की, तो अपराधियों ने दावा किया कि धन एक ट्रेडिंग ऐप में फँस गया है, और इसके लिए ₹7 लाख अतिरिक्त शुल्क की मांग की। इस संदिग्ध मांग के बाद पीड़ित को धोखाधड़ी का एहसास हुआ और उसने तुरंत जवाब देना बंद कर दिया। बाद में उसने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई और हिन्जेवाड़ी पुलिस ने प्राथमिक जांच के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है।

पुणे में डिजिटल निवेश से जुड़े धोखाधड़ी

पुणे में कॉइन और अन्य डिजिटल निवेश से जुड़े धोखाधड़ी के मामले हाल के वर्षों में बढ़ते दिख रहे हैं। उदाहरण के लिए, पिछले कुछ वर्षों में कई अन्य पेशेवर और व्यवसायी भी क्रिप्टो और ऑनलाइन निवेश ठगी के शिकार हुए हैं।

कुछ मामलों में, पीड़ितों को ऐसे फर्जी निवेश समूहों और ट्रेडिंग ऐप्स में शामिल कर उच्च रिटर्न के झूठे वादों से रुपये जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया और बाद में पैसे निकालने पर और अधिक धन की मांग की गई।

विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल निवेश की लोकप्रियता के साथ-साथ साइबर फ्रॉड के प्रकार भी विकसित हो रहे हैं। धोखेबाज़ अक्सर सोशल मीडिया, मैसेंजर ग्रुप और फर्जी वेबसाइट्स का उपयोग करते हैं ताकि निवेशकों को विश्वसनीय दिखने वाले प्लेटफॉर्म्स पर आकर्षित किया जा सके।

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यह रणनीति विशेष रूप से उन लोगों को निशाना बनाती है जो क्रिप्टोकरेंसी और वित्तीय तकनीकी निवेश के बारे में कम जागरूक हैं। साइबर पुलिस और वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि निवेशकों को अत्यधिक मुनाफे के वादों पर तुरंत विश्वास नहीं करना चाहिए और किसी भी प्लेटफॉर्म का सत्यापन करने के लिए समय लेना चाहिए।

पुलिस की चेतावनी

पुलिस अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि निवेश से पहले रजिस्ट्रेशन, लाइसेंसिंग, यूजर्स की समीक्षा और वास्तविक एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करना आवश्यक है। साथ ही, किसी भी संदेहास्पद लिंक, मैसेज या कॉल पर तत्काल प्रतिक्रिया देने से बचना चाहिए, क्योंकि यह साइबर धोखाधड़ी का आम तरीका है।

पुणे में पहले भी बड़े पैमाने पर ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी के मामले सामने आए हैं, जहां पेशेवर और व्यवसायी भी ठगी का शिकार हुए। इससे यह स्पष्ट होता है कि सिर्फ तकनीकी ज्ञान होना ही पर्याप्त नहीं है; डिजिटल धोखाधड़ी से बचने के लिए सतर्कता, प्रमाणिक जानकारी की जांच और साइबर सुरक्षा के मूल सिद्धांतों का पालन करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष

क्रिप्टोकरेन्सी निवेश में धोखाधड़ी लगातार बढ़ती जा रही है और यह केवल पुणे ही नहीं, पूरे देश में एक गंभीर समस्या बन चुकी है। निवेशकों को उच्च रिटर्न के वादों के प्रति बेहद सतर्क रहना चाहिए और किसी भी डिजिटल निवेश प्लेटफॉर्म का उपयोग करने से पहले उसकी प्रामाणिकता को जाँचना चाहिए। साइबर फ्रॉड से बचने के लिए जागरूकता, सतर्कता और प्रमाणिक जानकारी सर्वोपरि है, ताकि भविष्य में ऐसे वित्तीय जोखिमों को न्यूनतम किया जा सके।

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