मुंबई में आयोजित ग्लोबल फिनटेक फेस्ट-2025 के मंच से रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के उप-गवर्नर टी रबी शंकर ने देश के डिजिटल भुगतान ढाँचे को और अधिक समावेशी, सुरक्षित और बहु-उपयोगी बनाने वाले तीन प्रमुख नवाचारों की घोषणा की। इनमें UPI Multi-Signatory, UPI-Lite के जरिए वियरेबल स्मार्ट ग्लास के माध्यम से छोटे-मूल्य लेनदेन तथा ‘Forex on Bharat Connect’ या FX-Retail का भारत कनेक्ट के साथ लिंक शामिल है।

पहला नया फीचर, UPI Multi-Signatory, संयुक्त या बहु-हस्ताक्षर वाले खातों के लिए डिज़ाइन किया गया है। अब ऐसे खातों से UPI भुगतान तब ही निष्पादित होंगे जब आवश्यक एक या अधिक हस्ताक्षर/आप्रूवल मिल जाए। इससे पारिवारिक, साझेदारी और छोटे व्यवसायों के लिए डिजिटल भुगतान-प्रक्रिया में पारदर्शिता और नियंत्रण बढ़ने की उम्मीद है। इस व्यवहारिक परिवर्तन से संयुक्त खातों के वित्तीय संचालन में डिजिटलीकृत ऑथोराइज़ेशन की सुविधा मिलेगी।

दूसरा नवाचार है UPI-Lite के जरिए वियरेबल स्मार्ट ग्लास से छोटे-मूल्य लेनदेन। यह सुविधा छोटे-मोल खरीद-फरोख्त और ऑन-the-go भुगतान के लिए है। UPI-Lite छोटे-मूल्य की त्वरित और ऑफलाइन-सक्षम भुगतान सुविधा है; अब इसे स्मार्ट ग्लास जैसे वियरेबल डिवाइस से जोड़ा जा रहा है ताकि हाथ-मुक्त और त्वरित लेनदेन संभव हो सके, खासकर उन उपयोगकर्ताओं के लिए जो पारंपरिक स्मार्टफोन उपयोग नहीं करते। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे ग्रामीण और आधार-स्तर पर डिजिटल अपनाने की रफ्तार तेज हो सकती है।

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तीसरा बड़ा कदम है ‘Forex on Bharat Connect’ यानी FX-Retail प्लेटफॉर्म को NPCI की Bharat Connect/Bharat BillPay ढाँचे के साथ जोड़ना। इस पहल का उद्देश्य रिटेल ग्राहकों को विनिमय-सुविधाएँ सरल रूप में उपलब्ध कराना है: उपयोगकर्ता अब डॉलर्स खरीदने, फॉरेक्स कार्ड लोड करने और सीमित परिमाण में आउटवर्ड रेमिटेंस के लिए अधिक सुगम डिजिटल मार्ग पकड़ सकेंगे। इस कदम से देश भर में विनिमय-सेवाओं की पहुँच बढ़ने और छोटे शहरों/कस्बों में विदेशी मुद्रा लेनदेन के विकल्प खुलने की संभावना है।

इन घोषणाओं को व्यापक परिप्रेक्ष्य मिलता है क्योंकि RBI और NPCI हाल ही में UPI के विस्तार, बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण और क्रॉस-बॉर्डर/फोरेक्स-संबंधी प्रयोगों पर काम कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, अगले कदमों में बायोमेट्रिक (चेहरे और अंगूठे) आधारित ऑथेंटिकेशन तथा UPI में वैकल्पिक प्रमाणीकरण विकल्पों का समावेश भी चर्चा में है। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि बायोमेट्रिक-आधारित भुगतान अगले चरण में लागू किए जा रहे हैं।

विश्लेषकों का मानना है कि इन पहलों से भुगतान के उपयोगकर्ताओं के अनुभव में सुधार होगा; बिलकुल छोटी-मूल्य देन-दारी के लिए आसान फैसिलिटी, संयुक्त खातों में सुरक्षा व नियंत्रण और विनिमय सेवाओं तक बढ़ी पहुंच, जो वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाएगा। साथ ही, नियमन-चयन और गोपनीयता/डेटा-सुरक्षा संबंधित चिंताएँ भी उठेंगी, इसलिए रिज़र्व बैंक और NPCI से अपेक्षा है कि वे तकनीकी सुरक्षा और उपभोक्ता-दायित्वों पर स्पष्ट मार्गदर्शन जारी करें।

निष्कर्ष

ग्लोबल फिनटेक फेस्ट-2025 में आरबीआई द्वारा घोषित ये तीन नवाचार भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य को और अधिक बहुआयामी और पहुँच-योग्य बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

जहां ये सुविधाएँ छोटे व्यापारी, जॉइंट-अकाउंट धारक और रिटेल ग्राहक-वर्ग के लिए नए विकल्प खोलेंगी, वहीं साथ ही नियामक और ऑपरेशनल सुरक्षा सुनिश्चित करना भी उतना ही आवश्यक होगा, ताकि इन तकनीकों का लाभ व्यापक और सुरक्षित रूप से उठाया जा सके।

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