RBI ने डिपॉजिट टोकनाइजेशन और फिनटेक सैंडबॉक्स शुरू किए हैं, लेकिन क्रिप्टो पर चुप्पी से संकेत मिलता है कि भारत अभी निजी डिजिटल मुद्राओं से दूरी बनाए हुए है।
भारतीय रिजर्व बैंक समाचार
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RBI की टोकनाइजेशन पहल भारत में क्रिप्टो और पारंपरिक बैंकिंग के बीच पुल बना सकती है। यह डिजिटल लेनदेन को तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल गोयल ने दोहा में की घोषणा कि सरकार निजी, बिना संपत्ति-आधार वाले crypto को हतोत्साहित करेगी।
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UPI में मल्टी-सिग्नेचर, UPI-लाइट के जरिए स्मार्ट ग्लास पेमेंट और ‘फॉरेक्स ऑन भारत कनेक्ट’— आरबीआई ने भुगतान इकोसिस्टम में समावेशन और सुविधा बढ़ाने के नए कदमों का ऐलान किया।
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अकेले वित्त वर्ष 25 में, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने ₹91,260 करोड़ बट्टे खाते में डाले, जो पिछले वर्ष के लगभग ₹1.15 लाख करोड़ से कम है।
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आरबीआई की छह सदस्यीय दर-निर्धारण समिति ने सर्वसम्मति से नीतिगत दर को यथावत रखा और तटस्थ रुख बनाए रखने का निर्णय लिया।
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भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) संशय में है और केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (CBDC) की वकालत कर रहा है, फिर भी भारत क्रिप्टो अपनाने वाले शीर्ष देशों में से एक बनकर उभरा है।
- राय
जब दुनिया बिटकॉइन को रिज़र्व में शामिल कर रही है, भारत के सामने रणनीतिक, पर्यावरणीय और नीतिगत चुनौतियों के साथ एक बड़ा अवसर खड़ा है।