जापान की वित्तीय सेवा एजेंसी (FSA) देश में crypto currency बाजार को लेकर बड़े नियामक सुधार की तैयारी कर रही है। 

एजेंसी एक प्रस्ताव पर काम कर रही है जिसके तहत लगभग 105 क्रिप्टो टोकन, जिनमें बिटकॉइन और ईथर प्रमुख हैं, को वित्तीय उत्पाद के रूप में वित्तीय उपकरण एवं विनिमय अधिनियम (FIEA) के दायरे में लाया जाएगा। यह जानकारी असाही शिंबुन सहित कई प्रमुख रिपोर्टों में सामने आई है। 

इस बदलाव के तहत एक्सचेंजों को इन टोकन-जुड़ी परियोजनाओं के लिए अनिवार्य खुलासे करने होंगे। यह जानना होगा कि क्या किसी पहचान योग्य जारीकर्ता का अस्तित्व है, उसकी ब्लॉकचेन तकनीक कैसी है तथा उसकी अस्थिरता प्रोफाइल कैसी है।

वर्तमान में, जापान में क्रिप्टो लाभ को विविध आय की श्रेणी में टैक्स किया जाता है और इसके कारण उच्च-कमाई वाले व्यापारियों पर 55% तक की दर लग सकती है। यह वैश्विक स्तर पर बहुत कठोर माना जाता है।

FSA का प्रस्ताव है कि इन 105 स्वीकृत टोकन पर पूंजीगत लाभ टैक्स मॉडल अपनाया जाए, यानी फ्लैट 20% की कर दर जैसा कि शेयरों पर होता है।

इनसाइडर ट्रेडिंग पर नियंत्रण

एक और प्रमुख पहलू यह है कि प्रस्ताव में इनसाइडर ट्रेडिंग नियमों को क्रिप्टो पर लागू करने का सुझाव है।

इसके मुताबिक, जिनके पास गैर-सार्वजनिक (मटेरियल) जानकारी होगी, जैसे कि अगली लिस्टिंग या डेलिस्टिंग योजना, जारीकर्ता की वित्तीय कठिनाइयाँ आदि, उन्हें प्रभावित टोकनों में ट्रेडिंग करने से रोका जाएगा।

यह कदम FSA को पारदर्शिता बढ़ाने और बाजार में दुष्प्रवृत्तियों को नियंत्रित करने का अवसर देगा। एक्सचेंजों को भी आंतरिक नियंत्रण व्यवस्था बनानी होगी ताकि सूचना प्रवाह को ट्रैक किया जा सके।

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बैंकों की भूमिका में बदलाव

FSA इस पर भी विचार कर रही है कि जापानी बैंकें बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी खरीद कर होल्ड कर सकें, निवेश उद्देश्य से।

वर्तमान में अस्थिरता की वजह से बैंकों को इस तरह की संपत्तियाँ रखने में सीमाएँ हैं, लेकिन नियामक एजेंसी इन प्रतिबंधों की समीक्षा कर रही है।

इसके अलावा, प्रस्ताव है कि बैंक समूहों को लाइसेंस प्राप्त क्रिप्टो एक्सचेंज के रूप में पंजीकरण की अनुमति दी जाए, ताकि वे ग्राहकों को सीधे ट्रेडिंग और कस्टडी सेवाएं प्रदान कर सकें।

आगे की राह

FSA की योजना है कि यह नया कानून 2026 में जापान की मुख्य संसदीय बैठकमें पेश किया जाए। इसके लिए पहले सार्वजनिक परामर्श भी लिया जा रहा है और प्रस्तावित सुधारों पर फिलहाल विचार-विमर्श चल रहा है।

यदि यह प्रस्ताव पारित हो जाता है, तो यह जापान के क्रिप्टो बाजार में एक महत्वपूर्ण मोड़ होगा। निवेशकों के लिए टैक्स बोझ में उल्लेखनीय कमी आएगी और कर प्रणाली में पारदर्शिता बढ़ेगी।

साथ ही, इनसाइडर ट्रेडिंग पर नियंत्रण से बाजार की अखंडता बेहतर होगी और धोखाधड़ी की घटनाओं को कम किया जा सकेगा।

इससे संस्थागत निवेशकों में भी क्रिप्टो में रुचि बढ़ सकती है। बैंकें, फंड मैनेजर और अन्य वित्तीय खिलाड़ी डिजिटल संपत्तियों को पारंपरिक वित्त के हिस्से के रूप में देख सकेंगे।

वहीं, यदि बैंकें क्रिप्टो होल्डिंग करती हैं और एक्सचेंज चलाती हैं, तो यह नियामक संरचना को और मज़बूत कर सकता है।

निष्कर्ष

जापान की FSA द्वारा प्रस्तावित यह व्यापक सुधार पैकेज न केवल कर व्यवस्था में बदलाव लाता है, बल्कि क्रिप्टो को पारंपरिक वित्तीय अंडर राज्य लाने का प्रयास है।

यदि 2026 तक यह विधेयक पारित हो गया, तो यह न केवल घरेलू बाजार में तरलता और निवेश को प्रोत्साहित करेगा, बल्कि जापान को एशिया में एक अग्रणी, प्रत्याशित और सुरक्षित क्रिप्टो-नियामक केंद्र के रूप में स्थापित कर सकता है।

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