भारतीय क्रिप्टो निवेशकों के बीच वज़ीरक्स लोकप्रिय एक्सचेंज को लेकर एक नई विवादास्पद घटना उभर कर आई है। सोशल मीडिया और क्रिप्टो कम्युनिटी में यह दावा किया जा रहा है कि वज़ीरक्स ने अपने ‘ZERO ट्रेंडिंग फी’ नामक नए शुल्क ढांचे के तहत उपयोगकर्ताओं के खातों से बिना अनुमति मासिक शुल्क काटा है और कुछ मामलों में उपयोगकर्ताओं की क्रिप्टोकरेंसी को बेचने तक की कार्रवाई की गई है। इससे प्लेटफ़ॉर्म की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं और निवेशकों में भारी चिंता देखने को मिल रही है।
उपयोगकर्ताओं का कहना है कि यह शुल्क और क्रिप्टो बिक्री उनकी अनचाही स्वीकृति के बिना हुई है, जिससे छोटे और अव्यवस्थित निवेशकों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा है। कई निवेशकों ने एक्स और टेलीग्राम समूहों में स्क्रीनशॉट और लेनदेन की रसीदें साझा की हैं, जो यह संकेत देती है कि उनके INR बैलेंस से नियमित रूप से शुल्क काटा गया और कुछ मामलों में तो उनके बीटीसी/ईटीएच जैसे डिजिटल असेट्स को बेच दिया गया।
वज़ीरक्स द्वारा ‘ZERO फी ट्रेडिंग’ निवेशकों के लिए नुकसानदेह
इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कुछ WazirX उपयोगकर्ताओं ने कहा है कि प्लेटफ़ॉर्म द्वारा ‘ZERO फी ट्रेडिंग’ को बढ़ावा देने वाली नीति अब उल्टा निवेशकों के लिए नुकसानदेह साबित हो रही है। वे मांग कर रहे हैं कि वज़ीरक्स अपने फी चार्जिंग मॉडल की स्पष्ट व्याख्या करे और उन निवेशकों को जो नुकसान उठाना पड़ा है, उसका मुआवज़ा दे।
वहीं, सोशल मीडिया पर क्रिप्टो विशेषज्ञों और प्रभावित निवेशकों के बीच यह भी चर्चा तेज़ है कि क्या यह मामला बिना अनुमति शुल्क काटने के अलावा संभावित डेटा सुरक्षा उल्लंघन या गलत ग्राहक संचार का संकेत है।
कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बिना स्पष्ट सहमति के शुल्क काटना या डिजिटल असेट्स को बेचना निवेशकों के खिलाफ गंभीर कानूनी उल्लंघन भी हो सकता है, खासकर भारत जैसे बड़े क्रिप्टो बाजार में जहां वर्चुअल डिजिटल असेट्स को कराधान और नियमों के तहत नियंत्रित किया जाता है।
क्रिप्टो बाजार की मौजूदा स्थिति
बहरहाल इस विवाद के बीच क्रिप्टो बाजार की मौजूदा स्थिति और निवेशकों की भावनाएँ भी कमजोर हैं। हाल ही में विश्व स्तर पर बिटकॉइन और अन्य प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है, जिससे निवेशकों में जोखिम-सम्बंधित चिंता और अस्थिरता बढ़ी है। उदाहरण के तौर पर, बिटकॉइन की कीमत लगातार गिरावट के साथ $86,000 के आसपास रही और 24 घंटों में मार्केट कैप लगभग $100 बिलियन से ज़्यादा हिल-डुल चुका है।
क्या आप जानते हैं: कमज़ोर रुपये से भारत में क्रिप्टो निवेश की लोकप्रियता फिर बढ़ी
भारत में क्रिप्टो मार्केट के रुझान भी मिश्रित नजर आते हैं। एक ओर कॉइनस्विच रिपोर्ट के अनुसार बिटकॉइन अब भारत में सबसे अधिक निवेश की जाने वाली क्रिप्टो है और तंगबंदी के बावजूद टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में इसके उपयोग का विस्तार हो रहा है, वहीं RBI के डिप्टी गवर्नर ने क्रिप्टोकरेंसी को “मूल्यहीन कोड” बताया है और इसके जोखिमों के बारे में लोगों को आगाह किया है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि क्रिप्टो एक्सचेंजों को पूर्ण पारदर्शिता और उपयोगकर्ताओं की स्पष्ट सहमति के बिना किसी भी शुल्क या फंड के लेनदेन से पहले कड़े नीयम अपनाने चाहिए। इसके अलावा, भारतीय नियामक व्यवस्था जैसे 30% कराधान, 1% TDS प्रावधान और RBI की CBDC पहल, यह संकेत देती है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी के संदर्भ में संयम और निगरानी की दिशा में अग्रसर है।
निष्कर्ष
वज़ीरएक्स के उपयोगकर्ताओं द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतें न सिर्फ प्लेटफ़ॉर्म की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाती हैं, बल्कि पूरे भारतीय क्रिप्टो निवेशक समुदाय के लिए चेतावनी का संकेत भी हैं। पारदर्शिता, स्पष्ट ग्राहक सहमति और मजबूत नियामक ढांचे के बिना डिजिटल असेट्स का लेन-देन जोखिम भरा हो सकता है। यदि यह मामला नियामकों और प्लेटफ़ॉर्म दोनों के लिए गंभीरता से नहीं लिया गया, तो भविष्य में निवेशकों का भरोसा और अधिक डगमगा सकता है।
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